बहुभार्यता विवाह

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जब एक पुरुष एक से अधिक स्त्रियों से विवाह करता है तो इसे बहुभार्यता या बहुपत्नीत्व (पोलीजिनी) कहते हैं। एक स्त्री के साथ एक से अधिक पुरुषों के विवाह को बहुभर्तृता या बहुपतित्व कहा जाता है। एक पुरुष के एक स्त्री के साथ विवाह को एक विवाह (मोनोगेमी) या एकपत्नीत्व कहा जाता है। मानव जाति के विभिन्न समाजों में इनमें से बहुभार्यता और एकपत्नीत्व विवाह रूप अधिक प्रचलित है। दूसरे रूप बहुभर्तृता का प्रचलन बहुत कम है। समाज में स्त्री पुरुषों की संख्या लगभग समान होने के कारण इस अवस्था में कुछ पुरुषों द्वारा अधिक स्त्रियों को पत्नी बना लेने पर कुछ पुरुष विवाह से वंचित रह जाते हैं, अत: कुछ वन्य समाजों में एक मनुष्य द्वारा पत्नी बनाई जाने वाली स्त्रियों की संख्या पर प्रतिबंध लगाया जाता है और प्रथा द्वारा इसे निश्चित कर दिया जाता है।

प्रमुख बिंदु

  • भूतपूर्व ब्रिटिश पूर्वी अफ्रीका की वासानिया जाति में एक पुरुष को तीन से अधिक स्त्रियों के साथ, लैंडू जाति में तथा इस्लाम में चार से अधिक स्त्रियों के साथ, उत्तरी नाइजीरिया की कुगंमा जाति में छह से अधिक स्त्रियों के साथ विवाह की अनुमति नहीं दी जाती।
  • राजाओं तथा सरदारों के लिए यह संख्या बहुत अधिक होती है।
  • पश्चिमी अफ्रीका में गोल्डकोस्ट बस्ती के अशांति नामक राज्य के राजा के लिए पत्नियों की निश्चित सख्या, 3,333 थी। राजा लोग इन निश्चित संख्याओं का अतिक्रमण और उल्लंघन किस प्रकार करते हैं यह सऊदी अरब राज्य के संस्थापक इब्न सऊद के उदाहरण से स्पष्ट है।
  • इस्लाम में चार से अधिक स्त्रियों से विवाह वर्जित है, अत: इब्न सऊद को जब किसी नवीन स्त्री से विवाह करना होता था तो वह अपनी पहली चार पत्नियों में से किसी एक को तलाक दे देता था। इस प्रकार उसने चार पत्नियों की मर्यादा का पालन करते हुए भी सौ से अधिक स्त्रियों के साथ विवाह किया।
  • कुछ वन्य जातियों में सरदारों द्वारा अपने समाज की इतनी अधिक स्त्रियों पर अधिकार कर लिया जाता है कि कुछ निर्धन युवा पुरुष विवाह के लिए वधू नहीं प्राप्त कर सकते।
  • आस्ट्रेलिया की कुछ जातियों में ऐसे पुरुष को कई स्त्रियाँ रखने वाले व्यक्ति को चुनौती देकर उससे पत्नी प्राप्त करने का अधिकार दिया जाता है।
  • बहुभार्यता का एक विशेष रूप श्याली विवाह अर्थात्‌ एक पुरुष द्वारा अपनी पत्नी की बहिनों से विवाह करना है। इसमें बड़ा लाभ संभवत: सौतिया डाह का कम होना तथा बहिनों को प्रेमपूर्वक मिलकर रहना है।
  • यह प्रथा अमरीका के रेड इंडियनों में बहुत मिलती है।


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