नागार्जुन (रसायनशास्त्री)
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एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- नागार्जुन (बहुविकल्पी) |
नागार्जुन (रसायनशास्त्री)
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जन्म | द्वितीय शताब्दी |
जन्म भूमि | विदर्भ, महाराष्ट्र; जबकि कुछ लोग जन्म स्थान गुजरात के दैहक गाँव को मानते हैं। |
कर्म भूमि | भारत |
मुख्य रचनाएँ | 'रसरत्नाकर', 'रसेन्द्रमंगल', 'आरोग्यमंजरी', 'कक्षपूत तन्त्र', 'योगसर' और 'योगाष्टक' आदि। |
प्रसिद्धि | रसायनशास्त्री |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | नागार्जुन एक बहुत अच्छे चिकित्सक भी थे, उन्होंने कई बड़े रोगों की औषधियाँ तैयार की थीं। चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में उनकी प्रसिद्ध पुस्तकें ‘कक्षपुटतंत्र‘, ‘आरोग्य मंजरी‘, ‘योगसार‘ और ‘योगाष्टक‘ हैं। |
नागार्जुन (जन्म- द्वितीय शताब्दी, महाराष्ट्र) का नाम भारतीय रसायनवेत्ताओं में प्रसिद्ध है। उन्होंने 'सुश्रुत संहिता' के पूरक के रूप में 'उत्तर तन्त्र' नामक पुस्तक भी लिखी। इसमें दवाइयां बनाने के तरीके दिये गये हैं। उनके द्वारा लिखी गई महत्त्वपूर्ण पुस्तक 'रसरत्नाकर' है। आयुर्वेद की एक पुस्तक 'आरोग्यमंजरी' भी लिखी। 'कक्षपूत तन्त्र', 'योगसर' और 'योगाष्टक' उनके द्वारा लिखी गई अन्य पुस्तकें हैं।
विषय सूची
परिचय
नागार्जुन का जन्म ईसा की दूसरी शताब्दी में महाराष्ट्र के विदर्भ प्रदेश में एक ब्राह्मण कुल में हुआ था। यह भी माना जाता है कि उनका जन्म 931 ई. में गुजरात के दैहक नामक गाँव में हुआ था।[1] तिब्बती साहित्य में चौरासी सिद्धों में एक नागार्जुन को माना गया है, जिनमें प्रदर्शित चित्रों में नागार्जुन को गले में सर्प डाले चित्रित किया है। नागार्जुन ने रसायनशास्त्र पर आधारित जो पुस्तक लिखी, उसका नाम 'रसरत्नाकर' या 'रसेन्द्रमंगल' है, जो संस्कृत भाषा में लिखी गयी है। इसमें रसायन की कई विधियों का वर्णन किया गया है।[2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ प्राचीन भारत का महान रसायनशास्त्री महर्षि नागार्जुन (हिंदी) biographyhindi.com। अभिगमन तिथि: 16 मार्च, 2018।
- ↑ 2.0 2.1 रसायनशास्त्री नागार्जुन की जीवनी (हिंदी) biographyhindi.com। अभिगमन तिथि: 16 मार्च, 2018।
- ↑ प्राचीन भारत के महान वैज्ञानिक नागार्जुन (हिंदी) nagarjuna-scientist-in-hindi.html। अभिगमन तिथि: 16 मार्च, 2018।