थिरुमलाचारी रामासामी
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थिरुमलाचारी रामासामी
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पूरा नाम | थिरुमलाचारी रामासामी |
अन्य नाम | 15 अप्रॅल, 1948 |
जन्म | 15 अप्रॅल, 1948 |
कर्म भूमि | भारत |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म श्री, 2001 |
प्रसिद्धि | शोधकर्ता और चमड़ा वैज्ञानिक |
नागरिकता | भारतीय |
पद | भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी सचिव - मई, 2006 से 5 मई, 2014 |
अन्य जानकारी | थिरुमलाचारी रामासामी के पास 37 पेटेंट हैं, जिनमें से 12 का व्यावसायीकरण किया जा चुका है। |
अद्यतन | 13:42, 16 जनवरी 2022 (IST)
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थिरुमलाचारी रामासामी (अंग्रेज़ी: Thirumalachari Ramasami, जन्म- 15 अप्रॅल, 1948) पूर्व भारतीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी सचिव हैं। उन्होंने मई 2006 में कार्यभार ग्रहण किया था। इस कार्यभार से पहले उन्होंने केंद्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान, चेन्नई के निदेशक के रूप में कार्य किया। वे एक प्रतिष्ठित शोधकर्ता और चमड़ा वैज्ञानिक हैं।
- थिरुमलाचारी रामासामी को 2001 में विज्ञान और इंजीनियरिंग में उत्कृष्टता के लिए पद्म श्री और 2014 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
- उन्हें 1993 में रासायनिक विज्ञान में उल्लेखनीय और उत्कृष्ट शोध के लिए शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- सन 1978-1980 के दौरान थिरुमलाचारी रामासामी ने एम्स लेबोरेटरी, आयोवा स्टेट यूनिवर्सिटी यूएसए में ऊर्जा में पोस्ट-डॉक्टरेट अनुसंधान किया और 1981-1983 के दौरान वेन स्टेट यूनिवर्सिटी, डेट्रॉइट, यूएसए में इलेक्ट्रॉन परिवहन घटना पर शोध किया।
- वह 1983-1984 के दौरान टाइन पर न्यूकैसल विश्वविद्यालय में विजिटिंग फेलो रहे थे।
- थिरुमलाचारी रामासामी के पास 37 पेटेंट हैं, जिनमें से 12 का व्यावसायीकरण किया जा चुका है।
- उन्होंने 220 से अधिक शोध प्रकाशन, पुस्तकों में आठ अध्याय और कई सामान्य लेख लिखे हैं।
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