टिक टिक करती घड़ियाँ कहतीं
मूल्य समय का पहचानो ।
पल पल का उपयोग करो तुम
यह संदेश मेरा मानो ।।
जो चलते हैं सदा, निरंतर,
बाज़ी जीत वही पाते ।
और आलसी रहते पीछे
मन मसोस कर पछताते ।।
कुछ भी नहीं असंभव जग में
यदि मन में विश्वास अटल ।
शीश झुकायेंगे पर्वत भी,
चरण धोयेगा सागर-जल ।।
बहुत सो लिये अब तो जागो,
नया सवेरा लाना तुम ।
फिर वह समय नहीं आता है
कभी भूल मत जाना तुम ।।