नटराजन चंद्रशेखर
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पूरा नाम | नटराजन चंद्रशेखर |
जन्म | 2 जून, 1963 |
जन्म भूमि | मोहनूर, नम्क्कल के पास, तमिलनाडु |
पति/पत्नी | ललिता चंद्रशेखर |
संतान | प्रणव चंद्रशेखर |
कर्म भूमि | भारत |
शिक्षा | कोयंबटूर प्रौद्योगिकी संस्थान राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, त्रिची |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म भूषण (2022) |
प्रसिद्धि | भारतीय व्यवसायी |
नागरिकता | भारतीय |
सदस्य | टाटा संस भारतीय प्रबंध संस्थान, लखनऊ |
अन्य जानकारी | एन. चंद्रशेखरन ने इंटर्न के तौर पर 1987 में कंपनी में प्रवेश लिया और तबसे आज तक वो इस कंपनी में लगातार प्रगति कर रहे हैं। यानी नटराजन चंद्रशेखर 30 साल से टाटा समूह का हिस्सा हैं। |
अद्यतन | 18:01, 5 फ़रवरी 2022 (IST)
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नटराजन चंद्रशेखर (अंग्रेज़ी: Natarajan Chandrasekaran, जन्म- 2 जून, 1963) भारतीय व्यवसायी हैं, जो हाल ही में टाटा संस के चेयरमैन बने हैं। इससे पहले वह टीसीएस (टाटा कन्सलटेंसी सर्विसेज़) के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर थे। टाटा संस के नए चेयरमैन बनने के साथ ही नटराजन चंद्रशेखर टाटा समूह के सबसे युवा चेयरमैन में से एक बन गए हैं। भारत सरकार ने नटराजन चंद्रशेखर को पद्म भूषण (2022) से सम्मानित किया है।
परिचय
नटराजन चंद्रशेखर का जन्म तमिलनाडु के नम्क्कल के पास मोहनूर में एक तमिल परिवार में हुआ था। फिलहाल वह मुंबई में अपनी पत्नी ललिता और पुत्र प्रणव के साथ रहते हैं। नटराजन चंद्रशेखर एक अच्छे फोटोग्राफर और लॉन्ग डिस्टेंस रनर भी हैं। इन्होंनें मुंबई, टोक्यो, न्यूयॉर्क, बर्लिन, शिकागो और बोस्टन समेत कई जगहों पर मैराथन में हिस्सा लिया है।
शिक्षा
टीसीएस के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर नटराजन चंद्रशेखरन ने तमिलनाडु के त्रिची स्थित रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज से कम्प्यूटर एप्लीकेशन्स में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री लेने के बाद वर्ष 1987 में कंपनी में काम करना शुरू किया था।
टाटा समूह हेतु कार्य
एन. चंद्रशेखरन ने इंटर्न के तौर पर 1987 में कंपनी में प्रवेश लिया और तबसे आज तक वो इस कंपनी में लगातार प्रगति कर रहे हैं। यानी नटराजन चंद्रशेखर 30 साल से टाटा समूह का हिस्सा हैं। 25 अक्टूबर, 2016 को उन्हें टीसीएस के बोर्ड में डायरेक्टर नियुक्त किया गया था। साल 2009 में नटराजन चंद्रशेखर ने बतौर सीईओ और एमडी टीसीएस की कमान संभाली थी। नटराजन चंद्रशेखरन के नेतृत्व में टीसीएस ने वर्ष 2015-2016 के दौरान रेवेन्यू को बढ़ाकर 16।5 अरब डॉलर तक पहुंचाया।
टीसीएस का सफर
नटराजन चंद्रशेखरन को टेक्नो आंत्रप्रेन्योर के तौर पर जाना जाता रहा है। एन चंद्रशेखरन के नेतृत्व में टीसीएस की आमदनी 2010 में जो 30,000 करोड़ रुपये थी। वहीं वित्त वर्ष 2016 में तीन गुना बढ़कर 1।09 लाख करोड़ रुपये जा पहुंची थी। टीसीएस ने 2015 में दुनिया का सबसे शक्तिशाली आइटी कंपनी के स्थान पर काबिज हुई और वहीं इसने आईटी दिग्गज इंफोसिस को भी देश की नंबर 1 आईटी कंपनी के पहले स्थान से दूसरे स्थान पर ढकेल दिया था। टाटा समूह की कंपनी टीसीएस अभी भी देश की सबसे मूल्यवान कंपनी के रूप में अपनी जगह बनाए हुए है और इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 4।2 लाख करोड़ रुपये है।
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