काशकृत्स्ना

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काशकृत्स्ना पाणिनिकालीन भारतवर्ष में काशकृत्स्नि आचार्य की मीमांसा का अध्ययन करने वाली स्त्री को कहा जाता था।[1][2]


इन्हें भी देखें: पाणिनि, अष्टाध्यायी एवं भारत का इतिहास


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. काशकृत्स्निना प्रोक्ता मीमांसा काशकृत्स्नी, तामधीते काशकृत्स्ना, भाष्य 4/1/14/, वा. 5; 4/1/93, वा. 9; 4/3/155 वा. 5)
  2. पाणिनीकालीन भारत |लेखक: वासुदेवशरण अग्रवाल |प्रकाशक: चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी-1 |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 102 |

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