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'''कुशल पाल सिंह''' ([[अंग्रेजी]]: Kushal Pal Singh, जन्म: [[15 अगस्त]], [[1931]], बुलंदशहर) [[भारत]] वर्तमान में ‘डीएलएफ इंडिया’ के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। भारत के सबसे अमीर रियल स्टेट डेवल पर कुशल पाल सिंह को लोग के.पी. सिंह के नाम से जानते हैं, इनको भारत के रियल एस्टेट के क्षेत्र में सबसे बड़े विकास पुरुष के रूप में जाना जाता है। इनकी कंपनी ‘डीएलएफ लिमिटेड’ भारतीय रियल एस्टेट उद्योग के क्षेत्र में आज भी अपना मजबूत पकड़ बनाए हुए है। [[गुड़गांव]], आधुनिक टाउनशिप को वर्तमान रूप में विकसित करने का श्रेय के.पी. सिंह की कंपनी ‘डीएलएफ लिमिटेड’ को ही जाता है। इनका रियल स्टेट व्यवसाय सम्पूर्ण भारत के लगभग 20 राज्यों के 25 शहरों में फैला हुआ है।
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'''कुशल पाल सिंह''' ([[अंग्रेजी]]: Kushal Pal Singh, जन्म: [[15 अगस्त]], [[1931]], बुलंदशहर) [[भारत]] वर्तमान में ‘डीएलएफ इंडिया’ के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। [[भारत]] के सबसे अमीर रियल स्टेट डेवल पर कुशल पाल सिंह को लोग के.पी. सिंह के नाम से जानते हैं, इनको भारत के रियल एस्टेट के क्षेत्र में सबसे बड़े विकास पुरुष के रूप में जाना जाता है। इनकी कंपनी ‘डीएलएफ लिमिटेड’ भारतीय रियल एस्टेट उद्योग के क्षेत्र में आज भी अपना मजबूत पकड़ बनाए हुए है। [[गुड़गांव]], आधुनिक टाउनशिप को वर्तमान रूप में विकसित करने का श्रेय के.पी. सिंह की कंपनी ‘डीएलएफ लिमिटेड’ को ही जाता है। इनका रियल स्टेट व्यवसाय सम्पूर्ण भारत के लगभग 20 राज्यों के 25 शहरों में फैला हुआ है।
 
के.पी. सिंह को विश्व भर में सामान्य रास्ते से हटकर कठिन रास्ते पर चलने वाले दूरदृष्टया के रूप में भी पहचान मिली है, जिन्होंने [[भारत]] के शहरी क्षेत्रों में भूमि को विकसित कर विश्व-स्तरीय मानक के अनुसार हाउसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर, गोल्फ क्लब और मॉल संस्कृति को विकसित किया। इन्होंने अपने कुशल व्यवसाय कौशल के बदौलत विश्व के विभिन्न देशों से बहुत बड़ी मात्रा में पूंजी का भारत में निवेश कराया और बहुत से लोगों को इस क्षेत्र में रोजगार का अवसर भी उपलब्ध कराया।<ref name="a"/>
 
के.पी. सिंह को विश्व भर में सामान्य रास्ते से हटकर कठिन रास्ते पर चलने वाले दूरदृष्टया के रूप में भी पहचान मिली है, जिन्होंने [[भारत]] के शहरी क्षेत्रों में भूमि को विकसित कर विश्व-स्तरीय मानक के अनुसार हाउसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर, गोल्फ क्लब और मॉल संस्कृति को विकसित किया। इन्होंने अपने कुशल व्यवसाय कौशल के बदौलत विश्व के विभिन्न देशों से बहुत बड़ी मात्रा में पूंजी का भारत में निवेश कराया और बहुत से लोगों को इस क्षेत्र में रोजगार का अवसर भी उपलब्ध कराया।<ref name="a"/>
 
==जीवन परिचय==
 
==जीवन परिचय==
के.पी. सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में [[15 अगस्त]], [[1931]] को एक प्रतिष्ठित जाट जमींदार परिवार में हुआ था। मेरठ कॉलेज (उत्तर प्रदेश) से ये विज्ञान में स्नातक की शिक्षा लेने के बाद एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग का अध्ययन करने के लिए [[ब्रिटेन]] चले गए। ब्रिटेन में इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त करने के बाद इन्हें ब्रिटिश अधिकारी सेवा चयन बोर्ड ने [[भारतीय सेना]] में सेवा के लिए चयनित किया। परिणाम स्वरूप ये [[देहरादून]] की भारतीय सैन्य अकादमी में शामिल हो गए और बाद में भारतीय सेना के कैवलरी रेजिमेंट में कमीशन प्राप्त किया। कुछ दिन बाद इन्होंने सेना की नौकरी छोड़ दी।<ref name="a"/>
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के.पी. सिंह का जन्म [[उत्तर प्रदेश]] के [[बुलंदशहर]] में [[15 अगस्त]], [[1931]] को एक प्रतिष्ठित जाट जमींदार परिवार में हुआ था। मेरठ कॉलेज (उत्तर प्रदेश) से ये विज्ञान में स्नातक की शिक्षा लेने के बाद एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग का अध्ययन करने के लिए [[ब्रिटेन]] चले गए। ब्रिटेन में इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त करने के बाद इन्हें ब्रिटिश अधिकारी सेवा चयन बोर्ड ने [[भारतीय सेना]] में सेवा के लिए चयनित किया। परिणाम स्वरूप ये [[देहरादून]] की भारतीय सैन्य अकादमी में शामिल हो गए और बाद में भारतीय सेना के कैवलरी रेजिमेंट में कमीशन प्राप्त किया। कुछ दिन बाद इन्होंने सेना की नौकरी छोड़ दी।<ref name="a"/>
 
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==कॅरियर==
==डीएलएफ की स्थापना और उसका व्यवसाय==
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के.पी. सिंह सेना की नौकरी छोड़कर अपने स्वसुर चौधरी राघवेन्द्र सिंह के रियल स्टेट के कारोबार के साथ जुड़ गए, जो ‘डीएलएफ’ के संस्थापक थे। वर्ष [[1960]] में इन्होंने अमेरिकन यूनिवर्सल इलेक्ट्रिक कंपनी में कार्यभार ग्रहण किया, जो यूनिवर्सल इलेक्ट्रिक कंपनी, ओवोस्सो (मिशिगन) और सिंह परिवार के बीच एक संयुक्त उद्यम था। इसके बाद इन्होंने [[भारत]] में औद्योगिक बैट्री के निर्माण के लिए फिलाडेल्फिया के ‘इएसबी इंक’ के सहयोग से ‘विलार्ड इंडिया लिमिटेड’ नाम से एक और कंपनी की स्थापना की और इसके प्रबंध निदेशक बने। वर्ष [[1979]] में अमेरिकन यूनिवर्सल इलेक्ट्रिक कंपनी का ‘डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड’ में विलय हो गया और के.पी. सिंह नई कंपनी के प्रबंध निदेशक बने।
 
के.पी. सिंह सेना की नौकरी छोड़कर अपने स्वसुर चौधरी राघवेन्द्र सिंह के रियल स्टेट के कारोबार के साथ जुड़ गए, जो ‘डीएलएफ’ के संस्थापक थे। वर्ष [[1960]] में इन्होंने अमेरिकन यूनिवर्सल इलेक्ट्रिक कंपनी में कार्यभार ग्रहण किया, जो यूनिवर्सल इलेक्ट्रिक कंपनी, ओवोस्सो (मिशिगन) और सिंह परिवार के बीच एक संयुक्त उद्यम था। इसके बाद इन्होंने [[भारत]] में औद्योगिक बैट्री के निर्माण के लिए फिलाडेल्फिया के ‘इएसबी इंक’ के सहयोग से ‘विलार्ड इंडिया लिमिटेड’ नाम से एक और कंपनी की स्थापना की और इसके प्रबंध निदेशक बने। वर्ष [[1979]] में अमेरिकन यूनिवर्सल इलेक्ट्रिक कंपनी का ‘डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड’ में विलय हो गया और के.पी. सिंह नई कंपनी के प्रबंध निदेशक बने।
 
‘डीएलएफ’ के निदेशक बनने के बाद के.पी. सिंह ने अपनी महत्वाकांक्षा के अनुरूप गुडगांव (हरियाणा) के ग्रामीण क्षेत्रों की जमीन विकसित करना प्राम्भ किया। इनके मन में [[दिल्ली]] के आस-पास एक छोटा-सा शहर विकसित करने का बड़ा विचार आया और ये जमीन खरीदने लगे। इनको इस व्यवसाय में सफलता मिली। इन्हें गुडगांव के रियल स्टेट उद्योग में उज्ज्वल भविष्य दिखाई देने लगा, परिणामत: इस क्षेत्र में एक जबरदस्त उछाल आ गया। समय के साथ इनका सपना साकार रूप लेने लगा और संकल्पनाएं मूर्त रूप लेने लगीं। गुडगांव की पहचान [[भारत]] के एक अग्रणी रियल स्टेट मार्किट तथा व्यवसायिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में हुई। जिसे आज प्रायः ‘मिलेनियम सिटी’ के नाम से जाना जाता है। के.पी. सिंह का पुत्र राजीव और पिया इनके रियल स्टेट के व्यवसाय में इनके साथ लगे हुए हैं।<ref name="a"/>
 
 
==डीएलएफ यूनिवर्सल का वर्तमान स्वरूप==
 
के.पी. सिंह के नेतृत्व में ‘डीएलएफ’ ने लगभग 3000 एकड़ भूमि खरीद कर उसको भवन निर्मण हेतु विकसित किया है। यह एक ऐसी व्यवसायिक संस्थान है जिसने बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को [[भारत]] में अपनी तरफ आकर्षित किया, रोजगार के अवसर पैदा किये और अंतर्राष्टीय स्तर पर रियल स्टेट क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा पैदा की। इन्होंने ‘जीई’ और ‘नेस्ले’ जैसी बड़ी कम्पनियों को भारत में आगे बढ़ाया। ‘डीएलएफ साइबर सिटी’ [[भारत]] का सबसे बड़ा विकसित टेक्नोलॉजी पार्क है, जो लगभग 125 एकड़ में फैला हुआ है। भारत का एकमात्र ‘नाईट गोल्फ क्लब’ और एशिया का सर्वश्रेष्ठ ‘गोल्फ क्लब’ डीएलएफ की खास उपलब्धि है. दिल्ली स्थित ‘डीएलएफ एम्पोरियो मॉल’ भारत का सबसे बड़ा लक्ज़री मॉल है।<ref name="a"/>
 
==भारतीय रियल स्टेट के महापुरोधा==
 
वर्तमान भारतीय अर्थव्यवस्था के अविस्मरणीय विकास में भारतीय रियल स्टेट के माध्यम से के.पी. सिंह का योगदान अतुलनीय है। उन्होंने परम्परागत रास्तों को छोड़कर नए मार्ग का अनुशरण किया और विश्व-स्तरीय रियल स्टेट के मापदन्डों को अपनाकर प्रत्यक्ष विदेशी पूंजी निवेश (एफडीआई) को [[भारत]] में आने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके साथ ही इन्होंने रियल स्टेट के व्यवसाय क्षेत्र में आउटसोर्सिंग जैसे एक नए रास्ते को अपनाया और इस व्यवसाय में भारत का विश्व-स्तर पर नाम रोशन किया।
 
84 वर्षीय के.पी. सिंह के पास आजकल लगभग 4 बिलियन अमेरिकन डॉलर की संपत्ति होने का आकलन किया गया है। वर्तमान में डीएलएफ के पास लगभग 10,000 एकड़ का ‘लैंड बैंक’ है, जिसके द्वारा इनका देश के विभिन्न शहरों में कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इस कंपनी का वर्तमान बाजार मूल्य लगभग 1,25,000 करोड़ रुपए का अनुमानित किया गया है।<ref name="a"/>
 
 
==पुरस्कार एवं सम्मान==
 
==पुरस्कार एवं सम्मान==
के.पी. सिंह को राष्ट्रीय तथा अंतराष्ट्रीय-स्तर पर बहुत से प्रतिष्ठित पुरस्कार एवं सम्मान मिले हैं। इनके रियल स्टेट में उत्कृष्ट योगदान के लिए 26 जनवरी, 2010 को तत्कालीन [[भारत सरकार]] ने अपने सबसे प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान ‘[[पद्म भूषण]]’ से सम्मनित किया। इन्हें जी.बी. पन्त कृषि विश्वविद्याल ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि से विभूषित किया। वर्ष [[2008]] में ‘फोर्चून पत्रिका’ ने इन्हें अपने व्यवसाय से संपत्ति अर्जित करने की दृष्टि से विश्व में सबसे धनी तथा विश्व में 8वां धनी व्यक्ति घोषित किया था। इन्हें [[दिल्ली]] के संरचनात्मक विकास में अपने बहुमूल्य योगदान के लिए दिल्ली सरकार द्वारा ‘दिल्ली-रत्न’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वर्ष [[2000]] में [[भारत सरकार]] के इनकम टैक्स विभाग द्वारा दिल्ली क्षेत्र के सबसे ज्यादा टैक्स देने के लिए ‘सम्मान पत्र’ से पुरस्कृत किया गया।<ref name="a"/>
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{{मुख्य|कुशल पाल सिंह को मिले पुरस्कार एवं सम्मान}}
 
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के.पी. सिंह को राष्ट्रीय तथा अंतराष्ट्रीय-स्तर पर बहुत से प्रतिष्ठित पुरस्कार एवं सम्मान मिले हैं। इनके रियल स्टेट में उत्कृष्ट योगदान के लिए [[26 जनवरी]], [[2010]] को तत्कालीन [[भारत सरकार]] ने अपने सबसे प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान ‘[[पद्म भूषण]]’ से सम्मनित किया। इन्हें जी.बी. पन्त कृषि विश्वविद्याल ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि से विभूषित किया। <ref name="a">{{cite web |url=http://www.itshindi.com/kushal-pal-singh.html|title=कुशल पाल सिंह|accessmonthday= 26 अक्टूबर|accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=itshindi.com|language= हिन्दी}}</ref>
ये बहुत सी सरकारी और गैर-सरकारी समितियों और बोर्डों के परामर्शदाता भी रहे हैं, जैसे- ये चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज और पीएचडी चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। ये रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के केन्द्रीय परामर्शदाता समिति के भी सदस्य रहे हैं। वर्तमान में ये विभिन्न क्षेत्रों में कम करने वालीं लगभग 31 व्यवसायिक कम्पनियों के निदेशक हैं। इनकी कम्पनी ‘डीएलएफ’ आईपीएल जैसी प्रतिष्ठित क्रिकेट प्रतियोगिता के प्रायोजकों में से एक है।<ref name="a">{{cite web |url=http://www.itshindi.com/kushal-pal-singh.html|title=कुशल पाल सिंह|accessmonthday= 26 अक्टूबर|accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=itshindi.com|language= हिन्दी}}</ref>
 
  
  

12:18, 27 अक्टूबर 2017 का अवतरण

कुशल पाल सिंह विषय सूची


कुशल पाल सिंह
के.पी. सिंह
पूरा नाम कुशल पाल सिंह
जन्म 15 अगस्त, 1931
जन्म भूमि बुलंदशहर
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र उद्योगपति
शिक्षा एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग
पुरस्कार-उपाधि पद्म भूषण
प्रसिद्धि ‘डीएलएफ इंडिया’ के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी भारत का एकमात्र ‘नाईट गोल्फ क्लब’ और एशिया का सर्वश्रेष्ठ ‘गोल्फ क्लब’ डीएलएफ की खास उपलब्धि है
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कुशल पाल सिंह (अंग्रेजी: Kushal Pal Singh, जन्म: 15 अगस्त, 1931, बुलंदशहर) भारत वर्तमान में ‘डीएलएफ इंडिया’ के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। भारत के सबसे अमीर रियल स्टेट डेवल पर कुशल पाल सिंह को लोग के.पी. सिंह के नाम से जानते हैं, इनको भारत के रियल एस्टेट के क्षेत्र में सबसे बड़े विकास पुरुष के रूप में जाना जाता है। इनकी कंपनी ‘डीएलएफ लिमिटेड’ भारतीय रियल एस्टेट उद्योग के क्षेत्र में आज भी अपना मजबूत पकड़ बनाए हुए है। गुड़गांव, आधुनिक टाउनशिप को वर्तमान रूप में विकसित करने का श्रेय के.पी. सिंह की कंपनी ‘डीएलएफ लिमिटेड’ को ही जाता है। इनका रियल स्टेट व्यवसाय सम्पूर्ण भारत के लगभग 20 राज्यों के 25 शहरों में फैला हुआ है। के.पी. सिंह को विश्व भर में सामान्य रास्ते से हटकर कठिन रास्ते पर चलने वाले दूरदृष्टया के रूप में भी पहचान मिली है, जिन्होंने भारत के शहरी क्षेत्रों में भूमि को विकसित कर विश्व-स्तरीय मानक के अनुसार हाउसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर, गोल्फ क्लब और मॉल संस्कृति को विकसित किया। इन्होंने अपने कुशल व्यवसाय कौशल के बदौलत विश्व के विभिन्न देशों से बहुत बड़ी मात्रा में पूंजी का भारत में निवेश कराया और बहुत से लोगों को इस क्षेत्र में रोजगार का अवसर भी उपलब्ध कराया।[1]

जीवन परिचय

के.पी. सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 15 अगस्त, 1931 को एक प्रतिष्ठित जाट जमींदार परिवार में हुआ था। मेरठ कॉलेज (उत्तर प्रदेश) से ये विज्ञान में स्नातक की शिक्षा लेने के बाद एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग का अध्ययन करने के लिए ब्रिटेन चले गए। ब्रिटेन में इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त करने के बाद इन्हें ब्रिटिश अधिकारी सेवा चयन बोर्ड ने भारतीय सेना में सेवा के लिए चयनित किया। परिणाम स्वरूप ये देहरादून की भारतीय सैन्य अकादमी में शामिल हो गए और बाद में भारतीय सेना के कैवलरी रेजिमेंट में कमीशन प्राप्त किया। कुछ दिन बाद इन्होंने सेना की नौकरी छोड़ दी।[1]

कॅरियर

के.पी. सिंह सेना की नौकरी छोड़कर अपने स्वसुर चौधरी राघवेन्द्र सिंह के रियल स्टेट के कारोबार के साथ जुड़ गए, जो ‘डीएलएफ’ के संस्थापक थे। वर्ष 1960 में इन्होंने अमेरिकन यूनिवर्सल इलेक्ट्रिक कंपनी में कार्यभार ग्रहण किया, जो यूनिवर्सल इलेक्ट्रिक कंपनी, ओवोस्सो (मिशिगन) और सिंह परिवार के बीच एक संयुक्त उद्यम था। इसके बाद इन्होंने भारत में औद्योगिक बैट्री के निर्माण के लिए फिलाडेल्फिया के ‘इएसबी इंक’ के सहयोग से ‘विलार्ड इंडिया लिमिटेड’ नाम से एक और कंपनी की स्थापना की और इसके प्रबंध निदेशक बने। वर्ष 1979 में अमेरिकन यूनिवर्सल इलेक्ट्रिक कंपनी का ‘डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड’ में विलय हो गया और के.पी. सिंह नई कंपनी के प्रबंध निदेशक बने।

पुरस्कार एवं सम्मान

के.पी. सिंह को राष्ट्रीय तथा अंतराष्ट्रीय-स्तर पर बहुत से प्रतिष्ठित पुरस्कार एवं सम्मान मिले हैं। इनके रियल स्टेट में उत्कृष्ट योगदान के लिए 26 जनवरी, 2010 को तत्कालीन भारत सरकार ने अपने सबसे प्रतिष्ठित नागरिक सम्मान ‘पद्म भूषण’ से सम्मनित किया। इन्हें जी.बी. पन्त कृषि विश्वविद्याल ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि से विभूषित किया। [1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 कुशल पाल सिंह (हिन्दी) itshindi.com। अभिगमन तिथि: 26 अक्टूबर, 2017।

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