"चन्द्र ग्रहण" के अवतरणों में अंतर
(5 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 19 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | [[ | + | {{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय |
− | चन्द्रमा | + | |चित्र=eclipse diagram.jpg |
+ | |चित्र का नाम=चन्द्र ग्रहण | ||
+ | |विवरण=[[चन्द्रमा]] और [[सूर्य ग्रह|सूर्य]] के बीच में [[पृथ्वी ग्रह|पृथ्वी]] के आ जाने की खगोलीय घटना को ही '''चन्द्र ग्रहण''' कहते हैं। | ||
+ | |शीर्षक 1=सर्वग्रास चन्द्र ग्रहण | ||
+ | |पाठ 1=पूरा चन्द्रमा ढक जाने पर सर्वग्रास चन्द्र ग्रहण कहलाता है। | ||
+ | |शीर्षक 2=खण्डग्रास चन्द्र ग्रहण | ||
+ | |पाठ 2=आंशिक रूप से चन्द्रमा ढक जाने पर 'खण्डग्रास (उपच्छाया) चन्द्रग्रहण' कहलाता है। | ||
+ | |शीर्षक 3=विशेष | ||
+ | |पाठ 3=चन्द्र ग्रहण को [[सूर्य ग्रहण]] के विपरीत किसी विशेष सुरक्षा उपकरण के बिना नंगी [[आँख|आँखों]] से भी देखा जा सकता है, क्योंकि चन्द्र ग्रहण की उज्ज्वलता पूर्ण चन्द्र से भी कम होती है। | ||
+ | |शीर्षक 4=वर्ष 2021 | ||
+ | |पाठ 4=[[ 26 मई]] तथा [[19 नवंबर]] | ||
+ | |शीर्षक 5= | ||
+ | |पाठ 5= | ||
+ | |शीर्षक 6= | ||
+ | |पाठ 6= | ||
+ | |शीर्षक 7= | ||
+ | |पाठ 7= | ||
+ | |शीर्षक 8= | ||
+ | |पाठ 8= | ||
+ | |शीर्षक 9= | ||
+ | |पाठ 9= | ||
+ | |शीर्षक 10= | ||
+ | |पाठ 10= | ||
+ | |संबंधित लेख=[[सूर्य ग्रहण]], [[सुपरमून]], [[ब्लू मून]], [[ब्लड मून]] | ||
+ | |अन्य जानकारी=[[पृथ्वी]] की छाया सूर्य से 6 राशि के अन्तर पर भ्रमण करती है तथा [[पूर्णिमा]] को चन्द्रमा की छाया सूर्य से 6 राशि के अन्तर होते हुए जिस पूर्णमासी को सूर्य एवं चन्द्रमा दोनों के अंश, कला एवं विकला पृथ्वी के समान होते हैं अर्थात् एक सीध में होते हैं, उसी पूर्णमासी को चन्द्र ग्रहण लगता है। | ||
+ | |बाहरी कड़ियाँ= | ||
+ | |अद्यतन= | ||
+ | }}'''चन्द्र ग्रहण''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Chandra Grahan'' / ''Lunar eclipse'') एक खगोलीय घटना है। जब [[सूर्य]] व [[चन्द्रमा]] के बीच [[पृथ्वी]] इस प्रकार से आ जाती है कि पृथ्वी की छाया से चन्द्रमा का पूरा या आंशिक भाग ढक जाता है। जब इस स्थिति में पृथ्वी सूर्य की किरणों के चन्द्रमा तक पहुँचने में अवरोध लगा देती है तो पृथ्वी के उस हिस्से में चन्द्र ग्रहण नज़र आता है। इस ज्यामितीय प्रतिबंध के कारण चन्द्र ग्रहण केवल [[पूर्णिमा]] की रात्रि को घटित हो सकता है। [[चन्द्रमा]] और [[सूर्य ग्रह|सूर्य]] के बीच में [[पृथ्वी ग्रह|पृथ्वी]] के आ जाने की खगोलीय घटना को ही '''चन्द्र ग्रहण''' कहते हैं। | ||
+ | ==वर्ष 2021== | ||
+ | ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, वर्ष [[2021]] में दो चन्द्र ग्रहण लगेंगे- | ||
+ | *[[26 मई]] - इस दिन साल का पहला चन्द्र ग्रहण लगेगा। यह पूर्ण चन्द्र ग्रहण होगा। यह भारत में एक उपछाया ग्रहण के तौर पर देखा जा सकेगा, जबकि पूर्वी एशिया, [[ऑस्ट्रेलिया]], [[प्रशांत महासागर]] और [[अमेरिका]] में पूर्ण चन्द्र ग्रहण होगा। | ||
+ | *[[19 नवंबर]] - 19 नवंबर को साल का आखिरी चन्द्र ग्रहण दोपहर करीब 11.30 बजे लगेगा, जो कि शाम 05 बजकर 33 मिनट पर समाप्त होगा। यह आंशिक चन्द्र ग्रहण होगा। यह [[भारत]], [[अमेरिका]], उत्तरी यूरोप, [[ऑस्ट्रेलिया]] और [[प्रशांत महासागर]] में देखा जा सकेगा। | ||
+ | ==प्रकार== | ||
+ | चन्द्र ग्रहण का प्रकार एवं अवधि चन्द्र आसंधियों के सापेक्ष चन्द्रमा की स्थिति पर निर्भर करते हैं। चन्द्र ग्रहण दो प्रकार का नज़र आता है- | ||
+ | #पूरा चन्द्रमा ढक जाने पर 'सर्वग्रास चन्द्रग्रहण' | ||
+ | #आंशिक रूप से ढक जाने पर 'खण्डग्रास (उपच्छाया) चन्द्रग्रहण' | ||
− | पृथ्वी की छाया सूर्य से 6 राशि के अन्तर पर भ्रमण करती है तथा | + | [[पृथ्वी]] की छाया सूर्य से 6 राशि के अन्तर पर भ्रमण करती है तथा [[पूर्णिमा]] को चन्द्रमा की छाया सूर्य से 6 राशि के अन्तर होते हुए जिस पूर्णमासी को सूर्य एवं चन्द्रमा दोनों के अंश, कला एवं विकला पृथ्वी के समान होते हैं अर्थात् एक सीध में होते हैं, उसी पूर्णमासी को चन्द्र ग्रहण लगता है। |
+ | ==अवधि== | ||
+ | विश्व में किसी [[सूर्य ग्रहण]] के विपरीत, जो कि पृथ्वी के एक अपेक्षाकृत छोटे भाग से ही दिख पाता है, चन्द्र ग्रहण को पृथ्वी के रात्रि पक्ष के किसी भी भाग से देखा जा सकता है। जहाँ चन्द्रमा की छाया की लघुता के कारण सूर्य ग्रहण किसी भी स्थान से केवल कुछ मिनटों तक ही दिखता है, वहीं चन्द्र ग्रहण की अवधि कुछ घंटों की होती है। इसके अतिरिक्त चन्द्र ग्रहण को सूर्य ग्रहण के विपरीत किसी विशेष सुरक्षा उपकरण के बिना नंगी [[आँख|आँखों]] से भी देखा जा सकता है, क्योंकि चन्द्र ग्रहण की उज्ज्वलता पूर्ण चन्द्र से भी कम होती है। | ||
+ | ==सुपर ब्लड ब्लू मून== | ||
+ | [[31 जनवरी]], [[2018]] को इस साल का पहला चन्द्रग्रहण दिखाई देगा, लेकिन इस बार का चन्द्रग्रहण कुछ खास और कुछ निराला दिखने वाला है। वैसे कोई इसे 'ब्लड मून' कह रहा है, तो कोई इसे 'ब्लू मून' और 'सुपर मून' कह रहा है। लेकिन इस बार '[[सुपरमून]]', '[[ब्लू मून]]' और '[[ब्लड मून]]' एक ही रात में दिखेंगे। इसलिए इस बार के चन्द्रग्रहण को 'सुपर ब्लड ब्लू मून' कहा जा रहा है। दरअसल यह सिर्फ चन्द्रग्रहण ही नहीं बल्कि पूर्ण चन्द्रग्रहण है, जो तीन सालों बाद दिखाई देगा। [[भारत]], इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड और [[ऑस्ट्रेलिया]] में यह पूर्ण चन्द्रग्रहण साफ-साफ देखा जा सकता है। लेकिन यह सिर्फ 77 मिनट तक ही दिखाई देगा। जो शाम 5.58 से शुरू हो कर 8.41 तक ही दिखेगा। चन्द्रग्रहण के बारे में खास बात यही है कि इसे नग्न आंखों से देखा जा सकता है।<ref>{{cite web |url=https://hindi.firstpost.com/world/super-blood-blue-moon-can-be-seen-on-31st-january-will-be-the-first-lunar-eclipse-of-this-year-no-84881.html |title=31 जनवरी को एक ही रात में दिखेगा 'सुपर ब्लड ब्लू मून'|accessmonthday=30 जनवरी|accessyear=2018 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=फ़र्स्ट पोस्ट|language=हिंदी }}</ref> | ||
− | |||
− | {{लेख प्रगति | + | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}} |
− | |आधार= | ||
− | |प्रारम्भिक= | ||
− | |माध्यमिक= | ||
− | |पूर्णता= | ||
− | |शोध= | ||
− | }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
− | [[Category: | + | ==संबंधित लेख== |
+ | {{सौरमण्डल}} | ||
+ | [[Category:सौरमण्डल]][[Category:खगोल कोश]][[Category:खगोल शास्त्र]][[Category:खगोल विज्ञान]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
− | + | __NOTOC__ |
05:39, 19 दिसम्बर 2020 के समय का अवतरण
चन्द्र ग्रहण
| |
विवरण | चन्द्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी के आ जाने की खगोलीय घटना को ही चन्द्र ग्रहण कहते हैं। |
सर्वग्रास चन्द्र ग्रहण | पूरा चन्द्रमा ढक जाने पर सर्वग्रास चन्द्र ग्रहण कहलाता है। |
खण्डग्रास चन्द्र ग्रहण | आंशिक रूप से चन्द्रमा ढक जाने पर 'खण्डग्रास (उपच्छाया) चन्द्रग्रहण' कहलाता है। |
विशेष | चन्द्र ग्रहण को सूर्य ग्रहण के विपरीत किसी विशेष सुरक्षा उपकरण के बिना नंगी आँखों से भी देखा जा सकता है, क्योंकि चन्द्र ग्रहण की उज्ज्वलता पूर्ण चन्द्र से भी कम होती है। |
वर्ष 2021 | 26 मई तथा 19 नवंबर |
संबंधित लेख | सूर्य ग्रहण, सुपरमून, ब्लू मून, ब्लड मून |
अन्य जानकारी | पृथ्वी की छाया सूर्य से 6 राशि के अन्तर पर भ्रमण करती है तथा पूर्णिमा को चन्द्रमा की छाया सूर्य से 6 राशि के अन्तर होते हुए जिस पूर्णमासी को सूर्य एवं चन्द्रमा दोनों के अंश, कला एवं विकला पृथ्वी के समान होते हैं अर्थात् एक सीध में होते हैं, उसी पूर्णमासी को चन्द्र ग्रहण लगता है। |
चन्द्र ग्रहण (अंग्रेज़ी: Chandra Grahan / Lunar eclipse) एक खगोलीय घटना है। जब सूर्य व चन्द्रमा के बीच पृथ्वी इस प्रकार से आ जाती है कि पृथ्वी की छाया से चन्द्रमा का पूरा या आंशिक भाग ढक जाता है। जब इस स्थिति में पृथ्वी सूर्य की किरणों के चन्द्रमा तक पहुँचने में अवरोध लगा देती है तो पृथ्वी के उस हिस्से में चन्द्र ग्रहण नज़र आता है। इस ज्यामितीय प्रतिबंध के कारण चन्द्र ग्रहण केवल पूर्णिमा की रात्रि को घटित हो सकता है। चन्द्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी के आ जाने की खगोलीय घटना को ही चन्द्र ग्रहण कहते हैं।
वर्ष 2021
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, वर्ष 2021 में दो चन्द्र ग्रहण लगेंगे-
- 26 मई - इस दिन साल का पहला चन्द्र ग्रहण लगेगा। यह पूर्ण चन्द्र ग्रहण होगा। यह भारत में एक उपछाया ग्रहण के तौर पर देखा जा सकेगा, जबकि पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका में पूर्ण चन्द्र ग्रहण होगा।
- 19 नवंबर - 19 नवंबर को साल का आखिरी चन्द्र ग्रहण दोपहर करीब 11.30 बजे लगेगा, जो कि शाम 05 बजकर 33 मिनट पर समाप्त होगा। यह आंशिक चन्द्र ग्रहण होगा। यह भारत, अमेरिका, उत्तरी यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर में देखा जा सकेगा।
प्रकार
चन्द्र ग्रहण का प्रकार एवं अवधि चन्द्र आसंधियों के सापेक्ष चन्द्रमा की स्थिति पर निर्भर करते हैं। चन्द्र ग्रहण दो प्रकार का नज़र आता है-
- पूरा चन्द्रमा ढक जाने पर 'सर्वग्रास चन्द्रग्रहण'
- आंशिक रूप से ढक जाने पर 'खण्डग्रास (उपच्छाया) चन्द्रग्रहण'
पृथ्वी की छाया सूर्य से 6 राशि के अन्तर पर भ्रमण करती है तथा पूर्णिमा को चन्द्रमा की छाया सूर्य से 6 राशि के अन्तर होते हुए जिस पूर्णमासी को सूर्य एवं चन्द्रमा दोनों के अंश, कला एवं विकला पृथ्वी के समान होते हैं अर्थात् एक सीध में होते हैं, उसी पूर्णमासी को चन्द्र ग्रहण लगता है।
अवधि
विश्व में किसी सूर्य ग्रहण के विपरीत, जो कि पृथ्वी के एक अपेक्षाकृत छोटे भाग से ही दिख पाता है, चन्द्र ग्रहण को पृथ्वी के रात्रि पक्ष के किसी भी भाग से देखा जा सकता है। जहाँ चन्द्रमा की छाया की लघुता के कारण सूर्य ग्रहण किसी भी स्थान से केवल कुछ मिनटों तक ही दिखता है, वहीं चन्द्र ग्रहण की अवधि कुछ घंटों की होती है। इसके अतिरिक्त चन्द्र ग्रहण को सूर्य ग्रहण के विपरीत किसी विशेष सुरक्षा उपकरण के बिना नंगी आँखों से भी देखा जा सकता है, क्योंकि चन्द्र ग्रहण की उज्ज्वलता पूर्ण चन्द्र से भी कम होती है।
सुपर ब्लड ब्लू मून
31 जनवरी, 2018 को इस साल का पहला चन्द्रग्रहण दिखाई देगा, लेकिन इस बार का चन्द्रग्रहण कुछ खास और कुछ निराला दिखने वाला है। वैसे कोई इसे 'ब्लड मून' कह रहा है, तो कोई इसे 'ब्लू मून' और 'सुपर मून' कह रहा है। लेकिन इस बार 'सुपरमून', 'ब्लू मून' और 'ब्लड मून' एक ही रात में दिखेंगे। इसलिए इस बार के चन्द्रग्रहण को 'सुपर ब्लड ब्लू मून' कहा जा रहा है। दरअसल यह सिर्फ चन्द्रग्रहण ही नहीं बल्कि पूर्ण चन्द्रग्रहण है, जो तीन सालों बाद दिखाई देगा। भारत, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में यह पूर्ण चन्द्रग्रहण साफ-साफ देखा जा सकता है। लेकिन यह सिर्फ 77 मिनट तक ही दिखाई देगा। जो शाम 5.58 से शुरू हो कर 8.41 तक ही दिखेगा। चन्द्रग्रहण के बारे में खास बात यही है कि इसे नग्न आंखों से देखा जा सकता है।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 31 जनवरी को एक ही रात में दिखेगा 'सुपर ब्लड ब्लू मून' (हिंदी) फ़र्स्ट पोस्ट। अभिगमन तिथि: 30 जनवरी, 2018।
संबंधित लेख