हैदराबाद पर्यटन

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हैदराबाद पर्यटन
चारमीनार, हैदराबाद
विवरण दक्षिण पू्र्वी भारत में स्थित हैदराबाद, आंध्र प्रदेश राज्य की राजधानी है। यह दक्कन के पठार पर मूसा नदी के किनारे स्थित है। इस शहर को विविध संस्कृतियों के केंद्र के रूप में भी जाना जाता है।
राज्य आंध्र प्रदेश
ज़िला हैदराबाद ज़िला
निर्माता मुहम्मद कुली क़ुतुबशाह
स्थापना सन 1591 ई.
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 17.366°, पूर्व- 78.476°
मार्ग स्थिति हैदराबाद, बैंगलोर से 574 किलोमीटर दक्षिण में, मुंबई से 750 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में, चेन्नई से 700 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में है।
कब जाएँ मार्च से जून के पहले सप्ताह तक हैदराबाद का मौसम गर्म रहता है। हैदराबाद जाने के लिए अक्टूबर से फ़रवरी के बीच का समय उपयुक्त है।
कैसे पहुँचें हवाई जहाज, रेल, बस, टैक्सी
हवाई अड्डा शमशाबाद हवाई अड्डा, बेगमपेट हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन सिंकदराबाद रेलवे स्टेशन, नामपल्ली रेलवे स्टेशन, काचीगुड़ा रेलवे स्टेशन
बस अड्डा महात्मा गाँधी (इम्लिबन) बस अड्डा
यातायात टैक्सी, ऑटो-रिक्शा, साइकिल रिक्शा, बस
क्या देखें हैदराबाद पर्यटन
कहाँ ठहरें होटल, अतिथि ग्रह, धर्मशाला
क्या खायें हैदराबादी बिरयानी, मिर्ची का सालन, भरवा बैंगन, हलीम, कबाब
क्या ख़रीदें आभूषण, रंगबिरंगी पेंटिंग, ऊन और बांस से बने डिब्बे, साड़ी, चूड़ियाँ
एस.टी.डी. कोड 040
ए.टी.एम लगभग सभी
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हैदराबाद हैदराबाद पर्यटन हैदराबाद ज़िला

आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद अपनी सुंदर इमारतों के चलते एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह एक सांस्कृतिक व ऐतिहासिक धरोहर भी है। हैदराबाद और सिंकदराबाद दो जुड़वाँ शहरों के नाम से जाने जाते हैं। इन दोनों शहरों को विभाजित करने वाली झील ‘हुसैन सागर झील’ है, जो अपनी नायाब ख़ूबसूरती के कारण पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। आंध्रप्रदेश की राजधानी हैदराबाद वर्तमान में सूचना प्रौद्योगिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी के केंद्र के रूप में अपनी एक नई पहचान बना चुका है।

पर्यतन स्थल

गोलकुंडा दुर्ग

हैदराबाद में स्थित गोलकोंडा दुर्ग एक पहाड़ी पर फैला हुआ है। यह दुर्ग काकातीय राजाओं और क़ुतुबशाही राजाओं के आधिपत्य में रहा था। गोलकोंडा दुर्ग के द्वार के पार खड़े होने पर जब ताली बजाई जाती है तो छठे तल पर उस ताली की अनुगूँज सुनाई देती है। क़ुतुबशाही राजाओं की कई पीढ़ियों ने अपने-अपने समय में इस दुर्ग के निर्माण का कार्य करवाया। यहाँ इसे देखने के लिए काफ़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। भारत की जागरण यात्रा पर निकले राजस्थान के चार कवियों ने इस दुर्ग को देखने में काफ़ी समय लगाया और यह कवि बड़े करीने से बनाए गए इस दुर्ग पर चर्चा करते रहे। गोलकोंडा दुर्ग हैदराबाद का बाहरी हिस्सा है जहाँ पर बेशकीमती हीरे-जवाहरात का बाज़ार है। बेशकीमती प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा कल्लूर खान की ही देन था।

चारमीनार

चारमीनार इमारत को सुल्तान मुहम्मद कुली क़ुतुबशाह ने 1592 में बनवाया था। शहर की स्थापना करते समय यहाँ प्लेग फैल गया था। इसके दूर होने के बाद ईश्वर के प्रति कृतज्ञता जाहिर करने के एवज में नवाब ने शहर के बीचोंबीच इसका निर्माण करवाया था। शहर के बीचोंबीच यह इमारत अपने चार द्वारों को खोलती हुई खड़ी है। इसमें चार भव्य मीनारें हैं और ये इतनी ऊँची हैं कि इन पर चढ़कर पूरे हैदराबाद शहर को देखा जा सकता है। वास्तुकला की यह इमारत अप्रतिम उदाहरण है। चारमीनार अपने शासक के कला प्रेम को भी दर्शाती है। चारमीनार के प्रत्येक स्तम्भ की ऊँचाई 48.7 मीटर है। लाड बाजार, जहाँ से पर्ल जूलरी खासतौर पर खरीदी जा सकती है, चारमीनार के पास है।

मक्का मस्जिद

मक्का मस्जिद, चारमीनार के दक्षिण-पूर्व में स्थित है। पत्थर से बनी होने के बावज़ूद यह मस्जिद अपने निर्माण और स्थापत्य कला के लिहाज से बेजोड़ है। मक्का मस्जिद प्राचीन और अरबी वास्तु शिल्प के संगम के चलते पर्यटकों को आकर्षित करती है। मक्का मस्जिद लगभग 300 फीट एकड़ में बनी हुई है। एक साथ 10 हज़ार लोग इस मस्जिद में नमाज़ अदा कर सकते हैं।

हुसैन सागर झील

हुसैन सागर झील को 1562 में मुहम्मद कुली क़ुतुबशाह ने बनवाया था। यह एक मानव निर्मित झील है।यह झील हैदराबाद और सिकंदराबाद को जोड़ती है। हुसैन सागर झील पर्यटकों के बीच बहुत प्रसिद्ध है। यहाँ खासतौर पर नाव की सैर की जा सकती है। झील के बीच में जिब्राल्टर रॉक बनी हुई है, जिस पर भगवान बुद्ध की 18 मीटर ऊँची एक शानदार मूर्ति है।

सालारजंग संग्रहालय

सालारजंग संग्रहालय एशिया का सबसे बड़ा और पुराना संग्रहालय है। सालारजंग संग्रहालय की 38 गैलरियों में 43 हज़ार से ज़्यादा कलाकृतियाँ, 9 हज़ार पांडुलिपियाँ और 47 हज़ार मुदित पुस्तकें हैं। संग्रहालय में रखे आर्ट पीसेज भी बेजोड़ हैं। इस संग्रहालय का एक मुख्य आकर्षण 19वीं सदी की ब्रिटिश संगीतमय घड़ी है, जिसे इंग्लैंड से लाया गया है। इस घड़ी को देखने के लिए घड़ी के सामने बाकायदा बेंच और कुसिर्यों का इंतजाम किया गया है।

रामोजी फ़िल्म सिटी

रामोजी फ़िल्म सिटी हैदराबाद की एक आकर्षक पर्यटन स्थल है। रामोजी फ़िल्म सिटी हयातनगर में स्थित है। पर्यटकों की यात्रा हैदराबाद आने के बाद तब तक पूरी नहीं होती है, जब तक वह रामोजी फ़िल्म सिटी घूम न लें। यह फ़िल्म सिटी लगभग 2000 एकड़ में फैली हुई है। यह फ़िल्म सिटी अद्भुत कल्पनालोक का बेजोड़ नमूना है। वैसे तो यह फ़िल्मों की शूटिंग का केंद्र है, लेकिन पर्यटकों को लुभाने के लिए यहाँ पर ड्रीम वैली, अंब्रेला गार्डन, एनिमल गार्डन, जापानी गार्डन वगैरह हैं। इस फ़िल्म सिटी में फोटो खिंचवाने के लिए लुभावने सेट्स भी हैं। यहाँ एक बच्चों के लिए एक स्पेशल फन पार्क है, जहाँ की सैर बड़ों को भी बहुत लुभाती है।

लुंबनी बाग़

लुंबनी बाग़, हुसैन सागर झील के दक्षिण में स्थित है। हैदराबाद में बहुत सारे बाग़ हैं, लेकिन लुम्बनी बाग़ इन बाग़ों में बेमिसाल है। इस बाग़ का मुख्य आकर्षण मल्टीमीडिया लेजर शो है। इस शो का आयोजन संगीतमय फव्वारों के ऊपर लेजर लाइट डाल कर किया जाता है। लुंबनी बाग़ के संगीतमय फव्वारे पर्यटकों को पहली नज़र में ही सम्मोहित करने का जादू रखते हैं। बाग़ में पर्यटक कई तरह के पौधे भी देख सकते हैं। यहाँ बच्चों के मनोरंजन के लिए भी बहुत कुछ है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ