भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण

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भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण प्रतीक चिह्न
विवरण भारत का सरकारिक का उपक्रम है।
स्थापना 1988
संक्षिप्त नाम NHAI अथवा भा रा रा प्रा
कार्य राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास, रखरखाव और प्रबन्धन करना और इससे जुड़े हुए अथवा आनुषंगिक मामलों को देखना है।
संबंधित लेख भारतीय सड़क नेटवर्क, सड़क परिवहन, भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची
अन्य जानकारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक-2013 का उद्देश्य राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का विस्तार करना है।
बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक वेबसाइट

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (अंग्रेज़ी:National Highways Authority of India, संक्षिप्त नाम: NHAI अथवा भाराराप्रा) भारत का सरकारिक का उपक्रम है। इसका कार्य इसे सौंपे गए राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास, रखरखाव और प्रबन्धन करना और इससे जुड़े हुए अथवा आनुषंगिक मामलों को देखना है।

स्थापना

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का गठन संसद के एक अधिनियम, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण अधिनियम, 1988 के द्वारा किया गया था। प्राधिकरण ने फरवरी, 1995 में पूर्णकालिक अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति के साथ कार्य करना शुरू किया। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक-2013 का उद्देश्य राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का विस्तार करना है।

परियोजनाएँ

भाराराप्रा द्वारा हाथ में ली गई परियोजनाओं के प्रकार निम्नलिखित हैं :-

निर्माण, प्रचालन और हस्तांतरण (बीओटी)

राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण और रख-रखाव में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने हेतु बीओटी आधार पर परियोजनाओं का ठेका दिया जाता है। रियायत अवधि, जो 30 वर्ष तक हो सकती है, के बाद रियायतग्राही द्वारा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सड़क वापस हस्तांतरित कर दी जाती है। दिल्ली - गुडगाँव खंड ( 8/6 लेन की पहुँच नियंत्रित) और नेल्लोर - टाडा आदि परियोजनाएँ बीओटी आधार पर निष्पादित की जा रही है।

बाह्य सहायता प्राप्त परियोजनाएँ

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ऐसी परियोजनाओं के लिए एक कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य करता है जिनके लिए एडीबी और विश्व बैंक अथवा जेआईबीसी जैसी बहुपक्षीय विकास एजेंसियों से ऋण सहायता प्राप्त होती है। इन परियोजनाओं के लिए अधिकांश धनराशि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा बजट के माध्यम से हस्तांतरित की जाती है और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को इन परियोजनाओं के निष्पादन के लिए एजेंसी प्रभार प्राप्त होते हैं।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा वित्तपोषित परियोजनाएँ

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को अपना पूंजी आधार बढ़ाने के लिए सरकार से वार्षिक बजट अथवा बाज़ार उधार के माध्यम से धनराशि प्राप्त होती है।

प्रोत्साहन नीति

  • भूमि अधिग्रहण, यूटीलिटियों को हटाने सहित सभी प्रारंभिक कार्य सरकार द्वारा किए जाएंगे। रियायतग्राही को सभी रुकावटों से मुक्‍त मार्गाधिकार उपलब्‍ध करवाया जाएगा।
  • परियोजना की व्‍यवहार्यता बढ़ाने हेतु भाराराप्रा / भारत सरकार अलग-अलग मामले के आधार पर परियोजना लागत के 40 प्रतिशत तक पूँजी अनुदान उपलब्‍ध कराएगी।
  • 5 वर्ष तक 100 प्रतिशत कर छूट और अगले 5 वर्ष तक 30 प्रतिशत राहत जिसका लाभ 20 वर्षों में उठाया जा सकता है।
  • 30 वर्ष तक रियायत अवधि की अनुमति।
  • यूनीसिटरल प्रावधानों के आधार पर माध्‍यस्‍थम और समझौता अधिनियम, 1996
  • बीओटी परियोजनाओं में उद्यमियों को उपभोक्‍ता शुल्‍क की उगाही और उसे अपने पास रखने की अनुमति है।
  • राजमार्ग निर्माण में काम आने वाले विनिर्दिष्‍ट आधुनिक उच्‍च क्षमता वाले उपस्‍करों का सीमा शुल्‍क मुक्‍त आयात।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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