भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण

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भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण प्रतीक चिह्न
विवरण भारत का सरकारिक का उपक्रम है।
स्थापना 1988
संक्षिप्त नाम NHAI अथवा भा रा रा प्रा
कार्य राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास, रखरखाव और प्रबन्धन करना और इससे जुड़े हुए अथवा आनुषंगिक मामलों को देखना है।
संबंधित लेख भारतीय सड़क नेटवर्क, सड़क परिवहन, भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों की सूची
अन्य जानकारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक-2013 का उद्देश्य राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का विस्तार करना है।
बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक वेबसाइट

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (अंग्रेज़ी:National Highways Authority of India, संक्षिप्त नाम: NHAI अथवा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) भारत का सरकारिक का उपक्रम है। इसका कार्य इसे सौंपे गए राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास, रखरखाव और प्रबन्धन करना और इससे जुड़े हुए अथवा आनुषंगिक मामलों को देखना है।

गठन

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का गठन 'भारतीय राष्‍ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1988' "राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास, अनुरक्षण और प्रबंध के लिए एक प्राधिकरण का गठन करने तथा उससे संबद्ध या उसके आनुषंगिक विषयों के लिए उपबंध करने हेतु अधिनियम" के द्वारा किया गया था। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को अन्य छोटी परियोजनाओं सहित, राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना का काम सौंपा गया है जिसमें 50,329 कि.मी. राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास, अनुरक्षण और प्रबंधन करना शामिल है।

कार्य

प्राधिकरण का कार्य, प्रक्रिया की पारदर्शिता, ठेके के निष्पादन हेतु स्वस्थ प्रतियोगिता को सुनिश्चित करने के लिए बोली मानदण्डों को अपनाने, उत्तम गुणवत्ता अपेक्षाओं के अनुरूप परियोजनाओं के कार्यान्वयन तथा प्रयोक्ताओं की सुख-सुविधा को देखने के लिए राजमार्ग प्रणाली के रख-रखाव के संबंध में यह सुनिश्चित करना है कि सभी संविदाओं के ठेके और प्रापण उद्योग की सर्वोत्तम परम्पराओं के अनुसार हों।[1]

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण देश में सड़क क्षेत्र के लिए एक बहु-विषयक व्यवसायिक निकाय और आधार के रूप में विकसित हुआ है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के पास इन मेगा परियोजनाओं को समय सीमा में और लागत प्रभावी तरीके से करने के लिए एक स्पष्ट और विकसित रणनीति है। प्रणाली में निरंतर सुधार की प्रक्रिया भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के कामकाज की पहचान है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का उद्देश्य क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास लाने और व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देने के लिए देश भर में राष्ट्रीय राजमार्गों में सुधार करना है।

कुल लम्बाई

राष्ट्रीय राजमार्ग देश के अन्दर एक राज्य से दूसरे राज्य में यात्रियों के आवागमन और माल को लाने-ले जाने हेतु महत्वपूर्ण सड़कें होती हैं। ये सड़कें देश में लम्बाई और चैड़ाई में आर-पार फैली हुई हैं तथा राष्ट्रीय और राज्यों की राजधानियों, प्रमुख पत्तनों और रेल जंक्शनों, सीमा से लगी हुई सड़कों और विदेशी राजमार्गों को जोड़ती हैं। फिलहाल देश में राष्ट्रीय राजमार्गों (एक्सप्रेस वे मार्गों सहित) की कुल लम्बाई 1,32,499 कि.मी. है जबकि राजमार्ग/एक्सप्रेस मार्ग सडकों की कुल लम्बाई का केवल लगभग 1.7 प्रतिशत है और इन सड़कों पर 40 प्रतिशत यातायात चलता है।

भारतमाला परियोजना

राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना के 7 चरणों में विस्तार से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के आदेश का आगे और विस्तार किया गया, जिसके तहत 54,000 किलोमीटर से अधिक के मौजूदा राजमार्गों को मुख्य रूप से 4 से 6 लेन में बदलने की परिकल्पना की गई थी। इसके अलावा, 2017 में सरकार ने भारत के अब तक के सबसे बड़े राजमार्ग विकास कार्यक्रम, भारतमाला परियोजना की घोषणा की, जिसमे चरण 01 के अंतर्गत 5,35,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत पर 34,800 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों को अपग्रेड किया जाना है। भारतमाला परियोजना महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे के अंतराल को कम करके देश भर में सड़क यातायात गतिविधि की क्षमता को बढ़ाने का वादा करती है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने दूर के क्षेत्रों को जोड़ने और देश के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए नए रास्ते खोलने के लिए भारतमाला परियोजना के तहत नए ग्रीन कॉरिडोर के विकास की भी परिकल्पना करता है। इसका फोकस लॉजिस्टिक्स की लागत को कम करने, मल्टीमॉडल और कुशल परिवहन, उपलब्ध करवाने देश में अंतिम छोर तक संपर्क और मौजूदा आपूर्ति श्रृंखला के बुनियादी ढांचे में सुधार करने पर केंद्रित है।[1]

दृष्टि

वैश्विक मानकों के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क के प्रावधान और रखरखाव के लिए राष्ट्र की आवश्यकता को पूरा करने और भारत सरकार द्वारा निर्धारित रणनीतिक ढांचे के भीतर सबसे अधिक समयबद्ध और लागत प्रभावी तरीके से उपयोगकर्ता की अपेक्षाओं को पूरा करके लोगों के जीवन की आर्थिक भलाई और गुणवत्ता को बढ़ावा देना है।

मिशन

  • केंद्र सरकार द्वारा निहित राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास, रखरखाव और प्रबंधन करना।
  • उचित प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग पर चलने वाले वाहनों को नियमित और नियंत्रित करना।
  • भारत और विदेशों में परामर्श और निर्माण सेवाएं विकसित करना और प्रदान करना और राजमार्गों या किसी भी अन्य सुविधाओं के विकास, रखरखाव और प्रबंधन के संबंध में अनुसंधान गतिविधियों को पूरा करना।
  • हाइवे का प्रयोग करने वालों के लिए ऐसी सुविधाएं और आराम प्रदान करना, जो प्राधिकरण के विचार में निहित है या सौंपी गई है, जो ऐसे राजमार्गों पर यातायात के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक है।
  • कार्यालयों या वॉर्कशॉपों का निर्माण और उन राजमार्गों पर या आसपास होटल, मोटल, रेस्तरां और रेस्ट-रूम को स्थापित करना और उन्हें बनाए रखना या उन्हें सौंपना|
  • राजमार्गों से संबंधित मामलों पर केंद्र सरकार को सलाह देना।
  • राजमार्ग विकास के लिए योजनाओं के निर्माण और कार्यान्वयन में किसी भी राज्य सरकार से ऐसे नियमों और शर्तों पर आपसी सहमति के लिए सहायता प्रदान करना।[1]

परियोजनाएँ

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा हाथ में ली गई परियोजनाओं के प्रकार निम्नलिखित हैं-

निर्माण, प्रचालन और हस्तांतरण (बीओटी)

राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण और रख-रखाव में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने हेतु बीओटी आधार पर परियोजनाओं का ठेका दिया जाता है। रियायत अवधि, जो 30 वर्ष तक हो सकती है, के बाद रियायतग्राही द्वारा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सड़क वापस हस्तांतरित कर दी जाती है। दिल्ली - गुडगाँव खंड ( 8/6 लेन की पहुँच नियंत्रित) और नेल्लोर - टाडा आदि परियोजनाएँ बीओटी आधार पर निष्पादित की जा रही है।

बाह्य सहायता प्राप्त परियोजनाएँ

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ऐसी परियोजनाओं के लिए एक कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य करता है जिनके लिए एडीबी और विश्व बैंक अथवा जेआईबीसी जैसी बहुपक्षीय विकास एजेंसियों से ऋण सहायता प्राप्त होती है। इन परियोजनाओं के लिए अधिकांश धनराशि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा बजट के माध्यम से हस्तांतरित की जाती है और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को इन परियोजनाओं के निष्पादन के लिए एजेंसी प्रभार प्राप्त होते हैं।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा वित्तपोषित परियोजनाएँ

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को अपना पूंजी आधार बढ़ाने के लिए सरकार से वार्षिक बजट अथवा बाज़ार उधार के माध्यम से धनराशि प्राप्त होती है।

प्रोत्साहन नीति

  • भूमि अधिग्रहण, यूटीलिटियों को हटाने सहित सभी प्रारंभिक कार्य सरकार द्वारा किए जाएंगे। रियायतग्राही को सभी रुकावटों से मुक्‍त मार्गाधिकार उपलब्‍ध करवाया जाएगा।
  • परियोजना की व्‍यवहार्यता बढ़ाने हेतु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण / भारत सरकार अलग-अलग मामले के आधार पर परियोजना लागत के 40 प्रतिशत तक पूँजी अनुदान उपलब्‍ध कराएगी।
  • 5 वर्ष तक 100 प्रतिशत कर छूट और अगले 5 वर्ष तक 30 प्रतिशत राहत जिसका लाभ 20 वर्षों में उठाया जा सकता है।
  • 30 वर्ष तक रियायत अवधि की अनुमति।
  • यूनीसिटरल प्रावधानों के आधार पर माध्‍यस्‍थम और समझौता अधिनियम, 1996
  • बीओटी परियोजनाओं में उद्यमियों को उपभोक्‍ता शुल्‍क की उगाही और उसे अपने पास रखने की अनुमति है।
  • राजमार्ग निर्माण में काम आने वाले विनिर्दिष्‍ट आधुनिक उच्‍च क्षमता वाले उपस्‍करों का सीमा शुल्‍क मुक्‍त आयात।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के बारे में (हिंदी) nhai.gov.in। अभिगमन तिथि: 20 मार्च, 2022।

बाहरी कड़ियाँ

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