"दिल (सूक्तियाँ)" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "जिन्दगी" to "ज़िन्दगी")
छो (Text replacement - " प्रवृति " to " प्रवृत्ति ")
 
(इसी सदस्य द्वारा किये गये बीच के 4 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
 
! सूक्ति कर्ता
 
! सूक्ति कर्ता
 
|-
 
|-
| (1) || एक टूटा हुआ दिल, टूटे हुए शीशे के समान होता है। इसको टूटा हुआ छोड़ देना ज़्यादा बेहतर होता, क्योंकि दोनों को जोड़ने में खुद को ज़्यादा दुख पहुंचता है। ||  
+
| (1) || एक टूटा हुआ दिल, टूटे हुए शीशे के समान होता है। इसको टूटा हुआ छोड़ देना ज़्यादा बेहतर होता, क्योंकि दोनों को जोड़ने में खुद को ज़्यादा दु:ख पहुंचता है। ||  
 
|-
 
|-
| (2) || चेहरा ह्रदय का प्रतिबिम्ब है।  || कहावत
+
| (2) || चेहरा हृदय का प्रतिबिम्ब है।  || कहावत
 
|-
 
|-
| (3) || सुन्दर ह्रदय का मूल्य सोने से भी बढ़कर है।  || शेक्सपियर
+
| (3) || सुन्दर हृदय का मूल्य सोने से भी बढ़कर है।  || शेक्सपियर
 
|-
 
|-
 
| (4) || भरे दिल में सबके लिए जगह होती है पर ख़ाली दिल में किसी के लिए नहीं।
 
| (4) || भरे दिल में सबके लिए जगह होती है पर ख़ाली दिल में किसी के लिए नहीं।
पंक्ति 15: पंक्ति 15:
 
| (5) || ख़ूबसूरती चेहरे पर नहीं होती| ये तो दिल की रोशनी है, बहुत ध्यान से देखनी पड‍़ती है।  || खलील जिब्रान
 
| (5) || ख़ूबसूरती चेहरे पर नहीं होती| ये तो दिल की रोशनी है, बहुत ध्यान से देखनी पड‍़ती है।  || खलील जिब्रान
 
|-
 
|-
| (6) || दुनिया की सबसे अच्छी और ख़ूबसूरत चीजें कभी देखी या छुई नहीं गई, वे बस दिल के साथ घुल – मिल गईं।  ||  हेलेन कलर
+
| (6) || दुनिया की सबसे अच्छी और ख़ूबसूरत चीज़ें कभी देखी या छुई नहीं गई, वे बस दिल के साथ घुल – मिल गईं।  ||  हेलेन कलर
 
|-
 
|-
 
| (7) || सुंदरता जब आपको आकर्षित कर रही होती है, व्यक्तित्व तब तक आपके दिल पर कब्ज़ा कर चुका होता है।  ||  अज्ञात
 
| (7) || सुंदरता जब आपको आकर्षित कर रही होती है, व्यक्तित्व तब तक आपके दिल पर कब्ज़ा कर चुका होता है।  ||  अज्ञात
पंक्ति 57: पंक्ति 57:
 
| (26) ||कुछ लोग चाहे जितने बूढ़े हो जाएं उनकी, सुन्‍दरता नहीं मिटती, यह बस उनके चेहरों से उतरकर उनके दिलों में आ बसती है। || मार्टिन बक्‍सबाम  
 
| (26) ||कुछ लोग चाहे जितने बूढ़े हो जाएं उनकी, सुन्‍दरता नहीं मिटती, यह बस उनके चेहरों से उतरकर उनके दिलों में आ बसती है। || मार्टिन बक्‍सबाम  
 
|-
 
|-
| (27) ||दिल में प्यार रखने वाले लोगों को दुख ही झेलने पड़ते हैं। दिल में प्यार पनपने पर बहुत सुख महसूस होता है, मगर इस सुख के साथ एक डर भी अंदर ही अंदर पनपने लगता है, खोने का डर, अधिकार कम होने का डर आदि-आदि। मगर दिल में प्यार पनपे नहीं, ऐसा तो हो नहीं सकता। तो प्यार पनपे मगर कुछ समझदारी के साथ। संक्षेप में कहें तो प्रीति में चालाकी रखने वाले ही अंतत: सुखी रहते हैं।  ||  
+
| (27) ||दिल में प्यार रखने वाले लोगों को दु:ख ही झेलने पड़ते हैं। दिल में प्यार पनपने पर बहुत सुख महसूस होता है, मगर इस सुख के साथ एक डर भी अंदर ही अंदर पनपने लगता है, खोने का डर, अधिकार कम होने का डर आदि-आदि। मगर दिल में प्यार पनपे नहीं, ऐसा तो हो नहीं सकता। तो प्यार पनपे मगर कुछ समझदारी के साथ। संक्षेप में कहें तो प्रीति में चालाकी रखने वाले ही अंतत: सुखी रहते हैं।  ||  
 
|-
 
|-
| (28) ||नीच प्रवृति के लोग दूसरों के दिलों को चोट पहुंचाने वाली, उनके विश्वासों को छलनी करने वाली बातें करते हैं, दूसरों की बुराई कर खुश हो जाते हैं। मगर ऐसे लोग अपनी बड़ी-बड़ी और झूठी बातों के बुने जाल में खुद भी फंस जाते हैं। जिस तरह से रेत के टीले को अपनी बांबी समझकर सांप घुस जाता है और दम घुटने से उसकी मौत हो जाती है, उसी तरह से ऐसे लोग भी अपनी बुराइयों के बोझ तले मर जाते हैं।  ||  
+
| (28) ||नीच प्रवृत्ति के लोग दूसरों के दिलों को चोट पहुंचाने वाली, उनके विश्वासों को छलनी करने वाली बातें करते हैं, दूसरों की बुराई कर खुश हो जाते हैं। मगर ऐसे लोग अपनी बड़ी-बड़ी और झूठी बातों के बुने जाल में खुद भी फंस जाते हैं। जिस तरह से रेत के टीले को अपनी बांबी समझकर सांप घुस जाता है और दम घुटने से उसकी मौत हो जाती है, उसी तरह से ऐसे लोग भी अपनी बुराइयों के बोझ तले मर जाते हैं।  ||  
 
|-
 
|-
| (29) ||दिल दे तो इस मिजाज का परवरदिगार दे, जो रंज की घड़ी को खुशी में गुजार दे। || दाग़ देहलवी  
+
| (29) ||दिल दे तो इस मिज़ाज का परवरदिगार दे, जो रंज की घड़ी को खुशी में गुजार दे। || दाग़ देहलवी  
 
|-
 
|-
 
| (30) ||सब शुद्धियों में दिल की शुद्धि श्रेष्ठ है। जो धन के बारे में पवित्रता रखता है, वही वस्तुत: पवित्र है। मिट्टी-पानी द्वारा प्राप्त पवित्रता वास्तविक पवित्रता नहीं है। || अज्ञात  
 
| (30) ||सब शुद्धियों में दिल की शुद्धि श्रेष्ठ है। जो धन के बारे में पवित्रता रखता है, वही वस्तुत: पवित्र है। मिट्टी-पानी द्वारा प्राप्त पवित्रता वास्तविक पवित्रता नहीं है। || अज्ञात  

14:01, 1 अगस्त 2017 के समय का अवतरण

क्रमांक सूक्तियाँ सूक्ति कर्ता
(1) एक टूटा हुआ दिल, टूटे हुए शीशे के समान होता है। इसको टूटा हुआ छोड़ देना ज़्यादा बेहतर होता, क्योंकि दोनों को जोड़ने में खुद को ज़्यादा दु:ख पहुंचता है।
(2) चेहरा हृदय का प्रतिबिम्ब है। कहावत
(3) सुन्दर हृदय का मूल्य सोने से भी बढ़कर है। शेक्सपियर
(4) भरे दिल में सबके लिए जगह होती है पर ख़ाली दिल में किसी के लिए नहीं।
(5) ये तो दिल की रोशनी है, बहुत ध्यान से देखनी पड‍़ती है। खलील जिब्रान
(6) दुनिया की सबसे अच्छी और ख़ूबसूरत चीज़ें कभी देखी या छुई नहीं गई, वे बस दिल के साथ घुल – मिल गईं। हेलेन कलर
(7) सुंदरता जब आपको आकर्षित कर रही होती है, व्यक्तित्व तब तक आपके दिल पर कब्ज़ा कर चुका होता है। अज्ञात
(8) तीन चीज़ें हमेशा दिल में रखनी चाहिए - नम्रता, दया और माफ़ी।
(9) उसकी जय कभी नहीं हो सकती, जिसका दिल पवित्र नहीं है।
(10) दिल खोलकर हँसना और मुस्कराते रहना चित्त को प्रफुल्लित रखने की एक अचूक औषधि है।
(11) राजा यदि लोभी है तो दरिद्र से दरिद्र है और दरिद्र यदि दिल का उदार है तो राजा से भी सुखी है।
(12) चेहरा मस्तिष्क का प्रतिबिम्ब है और आँखें बिना कहे दिल के राज़ खोल देती हैं। सैंट जेरोमे
(13) जब ज़िन्दगी को अपने दिल के गीत सुनाने का मौक़ा नहीं मिलता तब वह अपने मन के विचार सुनाने के लिए दार्शनिक पैदा कर देती है। खलील जिब्रान
(14) मुझे जितनी जहन्नुम से फाटकों से घृणा है उतनी ही उस व्यक्ति से घृणा है जो दिल में एक बात छुपाकर दूसरी कहता है। होमर
(15) यदि आपने अपने जीवन की महानतम सफलता को प्राप्त करने की प्रक्रिया में किसी के दिल को ठेस पहुंचाई हैं तो आपको स्वयं को सर्वाधिक असफल व्यक्ति मानना चाहिए। अज्ञात
(16) धमनियों की कठोरता की तुलना में दिलों की कठोरता से लोग जल्दी बूढ़े होते हैं। अज्ञात
(17) क्रोध में मनुष्य अपने मन की बात नहीं कहता, वह केवल दूसरों का दिल दुखाना चाहता है। प्रेमचंद
(18) जो सबके दिल को खुश कर देने वाली वाणी बोलता है, उसके पास दरिद्रता कभी नहीं फटक सकती। तिरुवल्लुवर
(19) दूसरों का दिल जीतने के लिए फटकार नहीं मधुर व्यवहार चाहिए। हंसराज सुज्ञ
(20) संगीत की धुनों में जो स्वर्ग की ऊंचाइयों तक पहूंची है, वह है एक स्नेहभरे दिल की धड़कन। हेनरी वार्ड बीचर
(21) जीवन मुख्य रुप से अथवा मोटे तौर पर तथ्यों और घटनाओं पर आधारित नहीं है. यह मुख्य रुप से किसी व्यक्ति के दिलो दिमाग में निरन्तर उठने वाले विचारों के तूफ़ानों पर आधारित होती है। मार्क ट्वेन
(22) आप कहीं भी जाएं, दिल से जाएं। कंफ्यूशियस
(23) किसी व्यक्ति के दिल-दिमाग को समझने के लिए इस बात को न देखें कि उसने अभी तक क्या प्राप्त किया है, अपितु इस बात को देखें कि वह क्या अभिलाषा रखता है। कैहलिल जिब्रान
(24) अपने को संभालने के लिए अपने मस्तिष्क का प्रयोग करें; दूसरों के साथ व्यवहार करने में अपने दिल का प्रयोग करें। डोनाल्ड लेयर्ड
(25) अपने दिल दिमाग के थोड़े से भी हिस्से से आप बुराइयों को निकाल बाहर कीजिए, तुरंत उस रिक्त स्थान को सृजनात्मकता भर देगी। डी हॉक
(26) कुछ लोग चाहे जितने बूढ़े हो जाएं उनकी, सुन्‍दरता नहीं मिटती, यह बस उनके चेहरों से उतरकर उनके दिलों में आ बसती है। मार्टिन बक्‍सबाम
(27) दिल में प्यार रखने वाले लोगों को दु:ख ही झेलने पड़ते हैं। दिल में प्यार पनपने पर बहुत सुख महसूस होता है, मगर इस सुख के साथ एक डर भी अंदर ही अंदर पनपने लगता है, खोने का डर, अधिकार कम होने का डर आदि-आदि। मगर दिल में प्यार पनपे नहीं, ऐसा तो हो नहीं सकता। तो प्यार पनपे मगर कुछ समझदारी के साथ। संक्षेप में कहें तो प्रीति में चालाकी रखने वाले ही अंतत: सुखी रहते हैं।
(28) नीच प्रवृत्ति के लोग दूसरों के दिलों को चोट पहुंचाने वाली, उनके विश्वासों को छलनी करने वाली बातें करते हैं, दूसरों की बुराई कर खुश हो जाते हैं। मगर ऐसे लोग अपनी बड़ी-बड़ी और झूठी बातों के बुने जाल में खुद भी फंस जाते हैं। जिस तरह से रेत के टीले को अपनी बांबी समझकर सांप घुस जाता है और दम घुटने से उसकी मौत हो जाती है, उसी तरह से ऐसे लोग भी अपनी बुराइयों के बोझ तले मर जाते हैं।
(29) दिल दे तो इस मिज़ाज का परवरदिगार दे, जो रंज की घड़ी को खुशी में गुजार दे। दाग़ देहलवी
(30) सब शुद्धियों में दिल की शुद्धि श्रेष्ठ है। जो धन के बारे में पवित्रता रखता है, वही वस्तुत: पवित्र है। मिट्टी-पानी द्वारा प्राप्त पवित्रता वास्तविक पवित्रता नहीं है। अज्ञात
(31) नेकी अगर करने वालों के दिल में रहे तो नेकी है, बाहर निकल जाए तो बदी है। प्रेमचंद

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख