"गणेश जी की आरती" के अवतरणों में अंतर
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<blockquote><span style="color: maroon"><poem>जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा । | <blockquote><span style="color: maroon"><poem>जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा । | ||
माता जा की पार्वती, पिता महादेवा ॥ | माता जा की पार्वती, पिता महादेवा ॥ | ||
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'''दोहा''' | '''दोहा''' | ||
− | <poem>श्री गणेश यह चालीसा पाठ करें धर ध्यान। | + | <blockquote><span style="color: violet"><poem>श्री गणेश यह चालीसा पाठ करें धर ध्यान। |
नित नव मंगल गृह बसै लहे जगत सन्मान॥ | नित नव मंगल गृह बसै लहे जगत सन्मान॥ | ||
सम्वत् अपन सहस्र दश ऋषि पंचमी दिनेश। | सम्वत् अपन सहस्र दश ऋषि पंचमी दिनेश। | ||
− | पूरण चालीसा भयो मंगल मूर्ति गणेश॥ | + | पूरण चालीसा भयो मंगल मूर्ति गणेश॥</poem></span></blockquote> |
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==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
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15:09, 3 जनवरी 2011 का अवतरण
आरती
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ।
माता जा की पार्वती, पिता महादेवा ॥
एकदन्त दयावन्त चार भुजाधारी
माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी ।|
अन्धन को आँख देत, कोढ़िन को काया|
बाँझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ।|
पान चढ़े फल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा ॥
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नित नव मंगल गृह बसै लहे जगत सन्मान॥
सम्वत् अपन सहस्र दश ऋषि पंचमी दिनेश।
पूरण चालीसा भयो मंगल मूर्ति गणेश॥