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([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Periodic Table) सर्वप्रथम आर्वत सारणी की खोज मेण्डलीफ ने की थी। मोजले ने आधुनिक आर्वत सारणी बनाया जिसके अनुसार-
 
([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Periodic Table) सर्वप्रथम आर्वत सारणी की खोज मेण्डलीफ ने की थी। मोजले ने आधुनिक आर्वत सारणी बनाया जिसके अनुसार-
 
*आर्वत सारणी में रखे हुए [[तत्व|तत्वों]] के रासायनिक तथा भौतिक गुण उनके [[परमाणु क्रमांक|परमाणु क्रमांकों]] के आवर्ती फलन होते हैं।
 
*आर्वत सारणी में रखे हुए [[तत्व|तत्वों]] के रासायनिक तथा भौतिक गुण उनके [[परमाणु क्रमांक|परमाणु क्रमांकों]] के आवर्ती फलन होते हैं।
*आर्वत सारणी में उदग्र कतारों को [[समूह (आवर्त सारणी)|समूह]] और क्षैतिज कतारों को [[अवधि (आवर्त सारणी)|अवधि]] कहते है।
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*आर्वत सारणी में उदग्र कतारों को [[समूह (आवर्त सारणी)|समूह]] और क्षैतिज कतारों को [[अवधि (आवर्त सारणी)|अवधि]] कहते हैं।
 
*इन तत्वों के [[इलेक्ट्रॉनिक विन्यास|इलेक्ट्रॉनिक विन्यासों]] के आधार पर इन्हें चार उनके ब्लॉकों में विभाजित किया गया है।
 
*इन तत्वों के [[इलेक्ट्रॉनिक विन्यास|इलेक्ट्रॉनिक विन्यासों]] के आधार पर इन्हें चार उनके ब्लॉकों में विभाजित किया गया है।
# S Block के तत्वों के सबसे अंतिम इलेक्ट्रॉन S उपकोश में होते है।
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# S Block के तत्वों के सबसे अंतिम इलेक्ट्रॉन S उपकोश में होते हैं।
# P Block के तत्वों के सबसे अंतिम इलेक्ट्रॉन P उपकोश में होते है।
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# P Block के तत्वों के सबसे अंतिम इलेक्ट्रॉन P उपकोश में होते हैं।
# इसी प्रकार d और f ब्लॉक के तत्वों के सबसे अंतिम इलेक्ट्रॉन d और f उपकोशों में होते हैं। d और f ब्लॉक के तत्त्व परिवर्ती संयोजकता प्रदर्शित करते है।
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# इसी प्रकार d और f ब्लॉक के तत्वों के सबसे अंतिम इलेक्ट्रॉन d और f उपकोशों में होते हैं। d और f ब्लॉक के तत्त्व परिवर्ती संयोजकता प्रदर्शित करते हैं।
  
 
इस आधुनिक आर्वत सारणी में सात क्षैतिज पंक्तियाँ होती हैं जिन्हें आर्वत कहते हैं। आर्वत की संख्या तत्त्व के सबसे बाहरी कक्षा की संख्या को प्रदर्शित करतीं हैं। आर्वत सारणी में 9 उर्ध्वाधर खाने होते हैं जिन्हें समूह कहते हैं। पुनः 8 समूहों को दो-दो उपसमूह में विभाजित किया गया है। इन्हें A और B उपसमूह कहते हैं। उपसमूह A में स्थित किसी तत्त्व का अंतिम [[इलेक्ट्रॉन]] S या P उपकोश में होता है। d और f ब्लॉक के तत्त्व उपसमूह B के अंतर्गत आते हैं। 8वें समूह को 3 भागों में विभाजित करके सभी 9 तत्वों को उपयुक्त स्थान दिया गया है।
 
इस आधुनिक आर्वत सारणी में सात क्षैतिज पंक्तियाँ होती हैं जिन्हें आर्वत कहते हैं। आर्वत की संख्या तत्त्व के सबसे बाहरी कक्षा की संख्या को प्रदर्शित करतीं हैं। आर्वत सारणी में 9 उर्ध्वाधर खाने होते हैं जिन्हें समूह कहते हैं। पुनः 8 समूहों को दो-दो उपसमूह में विभाजित किया गया है। इन्हें A और B उपसमूह कहते हैं। उपसमूह A में स्थित किसी तत्त्व का अंतिम [[इलेक्ट्रॉन]] S या P उपकोश में होता है। d और f ब्लॉक के तत्त्व उपसमूह B के अंतर्गत आते हैं। 8वें समूह को 3 भागों में विभाजित करके सभी 9 तत्वों को उपयुक्त स्थान दिया गया है।

08:12, 20 फ़रवरी 2011 का अवतरण

(अंग्रेज़ी:Periodic Table) सर्वप्रथम आर्वत सारणी की खोज मेण्डलीफ ने की थी। मोजले ने आधुनिक आर्वत सारणी बनाया जिसके अनुसार-

  1. S Block के तत्वों के सबसे अंतिम इलेक्ट्रॉन S उपकोश में होते हैं।
  2. P Block के तत्वों के सबसे अंतिम इलेक्ट्रॉन P उपकोश में होते हैं।
  3. इसी प्रकार d और f ब्लॉक के तत्वों के सबसे अंतिम इलेक्ट्रॉन d और f उपकोशों में होते हैं। d और f ब्लॉक के तत्त्व परिवर्ती संयोजकता प्रदर्शित करते हैं।

इस आधुनिक आर्वत सारणी में सात क्षैतिज पंक्तियाँ होती हैं जिन्हें आर्वत कहते हैं। आर्वत की संख्या तत्त्व के सबसे बाहरी कक्षा की संख्या को प्रदर्शित करतीं हैं। आर्वत सारणी में 9 उर्ध्वाधर खाने होते हैं जिन्हें समूह कहते हैं। पुनः 8 समूहों को दो-दो उपसमूह में विभाजित किया गया है। इन्हें A और B उपसमूह कहते हैं। उपसमूह A में स्थित किसी तत्त्व का अंतिम इलेक्ट्रॉन S या P उपकोश में होता है। d और f ब्लॉक के तत्त्व उपसमूह B के अंतर्गत आते हैं। 8वें समूह को 3 भागों में विभाजित करके सभी 9 तत्वों को उपयुक्त स्थान दिया गया है।

इस प्रकार कुल समूहों की संख्या 16 होती है जो इस प्रकार हैं- IA, IIA, IIIB, IVB, VB, VIB, VIIB, VIIIB, IB, IIB, IIIA, IVA, VA, VIA, VIIA, Zero.


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टीका टिप्पणी और संदर्भ