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सूक्ति और कहावत
  • मनुष्य में तीनों चीज़ें वास करती हैं- मनुष्यता, पशुता और दिव्यता। -शिवानंद (दिव्योपदेश 2।26)
  • जीवन स्वयं में न तो अच्छा होता है, न बुरा। जैसा तुम इसे बना दो, यह तो वैसा ही अच्छा या बुरा बन जाता है। -मांतेन (निबंध) .... और पढ़ें
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दर्शन
दर्शन कोश . बौद्ध दर्शन . जैन दर्शन . सांख्य दर्शन . उपनिषद. वैशेषिक दर्शन . ब्राह्मण ग्रन्थ . सूत्र ग्रन्थ


चार्वाक दर्शन . बौद्ध दर्शन . वैशेषिक दर्शन . सांख्य दर्शन . छान्दोग्य उपनिषद . गीता कर्म जिज्ञासा . गीता कर्म योग . रावणभाष्य . दिङ्नाग बौद्धाचार्य . ऐतरेय ब्राह्मण . बौधायन श्रौतसूत्र . आपस्तम्ब धर्मसूत्र


धर्म
हिन्दू धर्म . बौद्ध धर्म . जैन धर्म


बुद्ध . कृष्ण

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