"चन्देल वंश": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 27: पंक्ति 27:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{चन्देल वंश}}
{{भारत के राजवंश}}
{{भारत के राजवंश}}
[[Category:भारत के राजवंश]]           
[[Category:भारत के राजवंश]]           
[[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:इतिहास कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

11:46, 28 अक्टूबर 2010 का अवतरण

जेजाकभुक्ति के प्रारम्भिक शासक प्रतिहार शासकों के सामंत थे। इन्होने खजुराहो को अपनी राजधानी बनाया। नन्नुक इस वंश का पहला राजा था। उसके अतिरिक्त अन्य सामंत थे- वाक्पति, जयशक्ति (सम्भवतः इसके नाम पर ही बुन्देलखण्ड का नाम जेजाक भुक्ति पड़ा) विजय शक्ति, राहिल एवं हर्ष।

विद्याधर के बाद अन्य चन्देल शासक निम्नलिखित थे। -

  • विजयपाल (1030 से 1050 ई.),
  • देववर्मन (1050 से 1060ई.),
  • कीर्तिवर्मन (1060 से 1100ई.),
  • सल्लक्षण वर्मन (1100 से 1115 ई.),
  • जयवर्मन,
  • पृथ्वी वर्मन आदि।
  • मदन वर्मन (1129 से 1163 ई.) चंदेल वंश का अन्य पराक्रमी राजा हुआ।
  • परर्माददेव पर 1173 ई. में चालुक्यों से भिलसा को छीन लिया ।
  • 1203 ई. में कुतुबुद्दीन ऐबक ने परार्माददेव को पराजित कर कालिंजर पर अधिकार कर लिया और अंततः 1305 ई. में चन्देल राज्य दिल्ली में मिल गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख