"तिरुअनंतपुरम पर्यटन": अवतरणों में अंतर
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दक्षिण [[भारत]] में स्थित [[केरल]] की राजधानी [[तिरुअनंतपुरम]] को त्रिवेंद्रम के नाम से भी पुकारा जाता है। देवताओं की नगरी के नाम से मशहूर इस शहर को [[महात्मा गांधी]] ने सदाबहार शहर की संज्ञा दी थी। इस शहर का नाम शेषनाग अनंत के नाम पर पड़ा जिनके ऊपर पद्मनाभस्वामी (भगवान [[विष्णु]]) विश्राम करते हैं। तिरुवनंतपुरम, एक प्राचीन नगर है जिसका इतिहास 1000 ईसा पूर्व से शुरु होता है। त्रावणकोर के संस्थापक मरतडवर्मा ने तिरुवनंतपुरम को अपनी राजधानी बनाया जो उनकी मृत्यु के बाद भी बनी रही। आजादी के बाद यह त्रावणकोर [[कोचीन]] की राजधानी बनी। 1956 में केरल राज्य के बनने के बाद से यह केरल की राजधानी है। पश्चिमी घाट पर स्थित यह नगर प्राचीन काल से ही एक प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र रहा है। तिरुवनंतपुरम की सबसे बड़ी पहचान श्री [[पद्मनाभस्वामी]] का मंदिर है जो करीब 2000 साल पुराना है। अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनने के बाद से यह शहर एक प्रमुख पर्यटक और व्यवसायिक केंद्र के रूप में स्थापित हुआ है। इसकी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और ख़ूबसूरत तटों से आकर्षित होकर प्रतिवर्ष हजारों पर्यटक यहाँ खीचें चले आते हैं। | दक्षिण [[भारत]] में स्थित [[केरल]] की राजधानी [[तिरुअनंतपुरम]] को त्रिवेंद्रम के नाम से भी पुकारा जाता है। देवताओं की नगरी के नाम से मशहूर इस शहर को [[महात्मा गांधी]] ने सदाबहार शहर की संज्ञा दी थी। इस शहर का नाम शेषनाग अनंत के नाम पर पड़ा जिनके ऊपर पद्मनाभस्वामी (भगवान [[विष्णु]]) विश्राम करते हैं। तिरुवनंतपुरम, एक प्राचीन नगर है जिसका इतिहास 1000 ईसा पूर्व से शुरु होता है। त्रावणकोर के संस्थापक मरतडवर्मा ने तिरुवनंतपुरम को अपनी राजधानी बनाया जो उनकी मृत्यु के बाद भी बनी रही। आजादी के बाद यह त्रावणकोर [[कोचीन]] की राजधानी बनी। 1956 में केरल राज्य के बनने के बाद से यह केरल की राजधानी है। पश्चिमी घाट पर स्थित यह नगर प्राचीन काल से ही एक प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र रहा है। तिरुवनंतपुरम की सबसे बड़ी पहचान श्री [[पद्मनाभस्वामी]] का मंदिर है जो करीब 2000 साल पुराना है। अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनने के बाद से यह शहर एक प्रमुख पर्यटक और व्यवसायिक केंद्र के रूप में स्थापित हुआ है। इसकी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और ख़ूबसूरत तटों से आकर्षित होकर प्रतिवर्ष हजारों पर्यटक यहाँ खीचें चले आते हैं। | ||
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[[चित्र:Vellayani-Lake-Thiruvananthapuram.jpg|thumb|250px|thumb|वेललाइनी झील, तिरुअनंतपुरम<br />Vellayani Lake, Thiruvananthapuram]] | |||
तिरुअनंतपुरम पर कई पर्यटन स्थल है जो इस प्रकार है:- | तिरुअनंतपुरम पर कई पर्यटन स्थल है जो इस प्रकार है:- | ||
====<u>पद्मनाभ स्वामी मंदिर</u>==== | ====<u>पद्मनाभ स्वामी मंदिर</u>==== |
12:14, 19 अक्टूबर 2010 का अवतरण

Ponmudi Hills, Tiruvananthapuram
दक्षिण भारत में स्थित केरल की राजधानी तिरुअनंतपुरम को त्रिवेंद्रम के नाम से भी पुकारा जाता है। देवताओं की नगरी के नाम से मशहूर इस शहर को महात्मा गांधी ने सदाबहार शहर की संज्ञा दी थी। इस शहर का नाम शेषनाग अनंत के नाम पर पड़ा जिनके ऊपर पद्मनाभस्वामी (भगवान विष्णु) विश्राम करते हैं। तिरुवनंतपुरम, एक प्राचीन नगर है जिसका इतिहास 1000 ईसा पूर्व से शुरु होता है। त्रावणकोर के संस्थापक मरतडवर्मा ने तिरुवनंतपुरम को अपनी राजधानी बनाया जो उनकी मृत्यु के बाद भी बनी रही। आजादी के बाद यह त्रावणकोर कोचीन की राजधानी बनी। 1956 में केरल राज्य के बनने के बाद से यह केरल की राजधानी है। पश्चिमी घाट पर स्थित यह नगर प्राचीन काल से ही एक प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र रहा है। तिरुवनंतपुरम की सबसे बड़ी पहचान श्री पद्मनाभस्वामी का मंदिर है जो करीब 2000 साल पुराना है। अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनने के बाद से यह शहर एक प्रमुख पर्यटक और व्यवसायिक केंद्र के रूप में स्थापित हुआ है। इसकी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और ख़ूबसूरत तटों से आकर्षित होकर प्रतिवर्ष हजारों पर्यटक यहाँ खीचें चले आते हैं।
पर्यटन स्थल

Vellayani Lake, Thiruvananthapuram
तिरुअनंतपुरम पर कई पर्यटन स्थल है जो इस प्रकार है:-
पद्मनाभ स्वामी मंदिर
- तिरुअनंतपुरम का पद्मनाभ स्वामी मंदिर पर्यटकों के लिए आकर्षण का सबसे प्रमुख केंद्र है।
- यहाँ की मान्यता है कि जहाँ भगवान विष्णु की प्रतिमा प्राप्त हुई थी यह मंदिर उसी स्थान पर स्थित है।
- भगवान विष्णु को देश में समर्पित 108 दिव्य देशम मंदिर हैं। यह मंदिर उनमें से एक है।
- सन 1733 ई. में इस प्राचीन मंदिर का पुनर्निर्माण त्रावनकोर के महाराजा मार्तड वर्मा ने करवाया था।
त्रावनकोर के महाराजा का महल
- त्रावनकोर के महाराजा का महल मंदिर के निकट ही स्थित है।
- इस महल का निर्माण महाराजा 'स्वाति तिरुनल बलराम वर्मा' द्वारा कराया गया था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ