"प्रयोग:कविता सा.-1": अवतरणों में अंतर
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||दिए गए विकल्पों में जेम्स एन्सोर घनवादी कलाकार नहीं हैं बल्कि वे अभिव्यंजनावादी कलाकार हैं जबकि ब्राक, लेजे एवं पिकासो घनवादी कलाकार हैं। | ||दिए गए विकल्पों में जेम्स एन्सोर घनवादी कलाकार नहीं हैं बल्कि वे अभिव्यंजनावादी कलाकार हैं जबकि ब्राक, लेजे एवं पिकासो घनवादी कलाकार हैं। | ||
{कौन यथार्थवादी चित्रकार, चित्रकार के साथ-साथ सुप्रसिद्ध व्यंग्य चित्रकार भी था। | {कौन यथार्थवादी चित्रकार, चित्रकार के साथ-साथ सुप्रसिद्ध व्यंग्य चित्रकार भी था।(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-132,प्रश्न-1 | ||
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+दाउमियर | +दाउमियर | ||
-कुर्बे | -कुर्बे | ||
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-गोया | -गोया | ||
||होनोर दाउमियर एक प्रतिभाशाली प्रिंटमेकर, कार्टूनिस्ट, चित्रकार एवं मूर्तिकार थे। | ||होनोर दाउमियर एक प्रतिभाशाली प्रिंटमेकर, कार्टूनिस्ट, चित्रकार एवं मूर्तिकार थे। | ||
{'आटोबायोग्राफी: डायरी ऑफ ए जीनियस' किसकी आत्मकथा है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-134,प्रश्न-16 | |||
|type="()"} | |||
-एम. एफ. हुसैन | |||
+सल्वाडोर डॉली | |||
-पाब्लो पिकासो | |||
-वान गॉग | |||
||'आटोबायोग्राफी: डायरी ऑफ ए जीनियस' सल्वाडोर डॉली की आत्मकथा है 'ए जीनियस ऑफ डायरी' इनकी आत्मकथा का प्रथम भाग था। सल्वाडो डॉली विलक्षण एवं बहुमुखी प्रतिभाशाली कलाकार थे। वे अतियथार्थवाद के प्रणेता थे। | |||
{बरोक शैली का मुख्य कलाकार कौन है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-141,प्रश्न-22 | |||
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-रूबेन्स | |||
+कारावेजियो | |||
-रेम्ब्रां | |||
-बोट्टीचेल्ली | |||
||कारावेजियो इटली के महान चित्रकार थे। उन्होंने अपनी पेंटिंग में बरोक शैली का प्रयोग किया। | |||
{'पिशाचिनियों की सभा' किसकी कृति है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-142,प्रश्न-34 | |||
|type="()"} | |||
-पिसारो की | |||
+माइकेल एंजिलो की | |||
-लिओनार्डो द विंसी की | |||
-गोया की | |||
||फ्रांसिस्को गोया ने 'पिशाचिनियों की सभा' चित्र को चित्रित किया। | |||
{कलकत्ता ग्रुप की स्थापना किस वर्ष में हुई?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-149,प्रश्न-84 | |||
|type="()"} | |||
-1935 | |||
-1940 | |||
+1943 | |||
-1948 | |||
||'कलकत्ता ग्रुप' आधुनिक कला का भारत में वर्ष 1943 में स्थापित प्रथम ग्रुप है। कलकत्ता ग्रुप के संस्थापकों में प्रदोष दासगुप्ता एवं उनकी पत्नी कमला शुभो टैगोर, परितोष सेन, गोपाल, घोष, निरोदे मजूमदार आदि प्रमुख थे। | |||
{भारतीय चित्रकला का मूल तत्त्व क्या है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-172,प्रश्न-47 | |||
|type="()"} | |||
-रंग | |||
-शीर्षक | |||
+रेखा | |||
-धर्म | |||
||चित्रकला के मुख्य रूप से 6 मूल तत्त्व होते हैं - रेखा, रूप, वर्ण, तान, पोत और अंतराल। | |||
{जूट माध्यम से मूर्तिकला के प्रयोग कौन करता है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-195,प्रश्न-79 | |||
|type="()"} | |||
+मृणालनी मुखर्जी | |||
-मीरा मुखर्जी | |||
-गोगी सरोजपाल | |||
-अंजली इला मेनन | |||
||जूट के माध्यम से मूर्तिकला का निर्माण मृणालनी मुखर्जी करती हैं। इनका जन्म वर्ष 1949 में मुंबई में हुआ था। इनके पिता बिनोद बिहारी एक कलाकार थे वर्ष 1971 में मृणालनी मुखर्जी ने मूर्तिकला के लिए ब्रिटिश काउंसिल से छात्रवृत्ति प्राप्त की। | |||
{'जहांगीर आर्ट गैलरी' स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-201,प्रश्न-120 | |||
|type="()"} | |||
-दिल्ली में | |||
+मुबंई में | |||
-गुजरार में | |||
-लखनऊ में | |||
||जहांगीर आर्ट गैलरी मुबंई में स्थित है जिसकी स्थापना सर कोवासजी जहांगीर ने के. के . हेब्बर एवं होमी भाभा के अनुरोध पर किया। इसका निर्माण वर्ष 1952 में किया। | |||
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13:01, 16 मार्च 2018 का अवतरण
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