"प्रयोग:कविता सा.-1": अवतरणों में अंतर
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<quiz display=simple> | <quiz display=simple> | ||
{बौद्ध धर्म का मुख्य बड़ा मंदिर निम्मलिखित में से किस प्रांत में है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-213,प्रश्न-207 | {[[बौद्ध धर्म]] का मुख्य बड़ा मंदिर निम्मलिखित में से किस प्रांत में है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-213,प्रश्न-207 | ||
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-उत्तर प्रदेश | -[[उत्तर प्रदेश]] | ||
+बिहार | +[[बिहार]] | ||
-पंजाब | -[[पंजाब]] | ||
-मध्य प्रदेश | -[[मध्य प्रदेश]] | ||
||बौद्ध धर्म का मुख्य बड़ा मंदिर बिहार के गया जिले में स्थित है। इसे महाबोधि मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। | ||[[बौद्ध धर्म]] का मुख्य बड़ा मंदिर [[बिहार]] के गया जिले में स्थित है। इसे महाबोधि मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। | ||
{ब्रह्मा के चार मुख किसके प्रतीक हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-213,प्रश्न-209 | {[[ब्रह्मा]] के चार मुख किसके प्रतीक हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-213,प्रश्न-209 | ||
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-चार पुष्पों के | -चार पुष्पों के | ||
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+चार वेदों के | +चार वेदों के | ||
-चार मनुष्यों के | -चार मनुष्यों के | ||
||ब्रह्मा के चार मुख चार वेदों के प्रतीक हैं। वेदों को अपौरुषय और नित्य कहा जाता है। | ||[[ब्रह्मा]] के चार मुख चार वेदों के प्रतीक हैं। वेदों को अपौरुषय और नित्य कहा जाता है। | ||
{किस | {किस मुग़ल शासक के शासनकाल में '[[रामचरित मानस]]' की रचना हुई थी?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-212,प्रश्न-204 | ||
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-हुमायूं | -[[हुमायूं]] | ||
+अकबर | +[[अकबर]] | ||
-जहांगीर | -[[जहांगीर]] | ||
-शाहजहाँ | -[[शाहजहाँ]] | ||
||अकबर के शासनकाल मे गोस्वामी तुलसीदास ने 'रामचरित मानस' की रचना की थी। | ||[[अकबर]] के शासनकाल मे [[गोस्वामी तुलसीदास]] ने '[[रामचरित मानस]]' की रचना की थी। | ||
{' | {'[[बाबरनामा]]' का [[फारसी भाषा]] में अनुवाद किसने किया?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-220,प्रश्न-256 | ||
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-गुलबदन बेगम | -[[गुलबदन बेगम]] | ||
-सुलेमान मिर्जा | -सुलेमान मिर्जा | ||
-मिर्जा हिंदाल | -[[मिर्जा हिंदाल]] | ||
+अब्दुल रहीम खानखाना | +अब्दुल रहीम खानखाना | ||
||' | ||'[[बाबरनामा]]' का [[फारसी भाषा]] में अनुवाद अब्दुल रहीम खानखाना ने किया है। वे सेनापति, बहुभाषाविद् कलाप्रेमी कवि, एवं विद्वान थे। | ||
{प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय किस राज्य में स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-223,प्रश्न-280 | {प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय किस राज्य में स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-223,प्रश्न-280 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-गुजरात | -[[गुजरात]] | ||
-पश्चिम बंगाल | -[[पश्चिम बंगाल]] | ||
-उत्तर प्रदेश | -[[उत्तर प्रदेश]] | ||
+बिहार | +[[बिहार]] | ||
||प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय बिहार राज्य के पटना से 64 किमी. दक्षिण में बड़गांव नामक स्थान पर स्थित है। | ||प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय बिहार राज्य के [[पटना]] से 64 किमी. दक्षिण में बड़गांव नामक स्थान पर स्थित है। | ||
{मीनाक्षी मंदिर कहाँ पर स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-228,प्रश्न-320 | {मीनाक्षी मंदिर कहाँ पर स्थित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-228,प्रश्न-320 | ||
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-हम्पी | -[[हम्पी]] | ||
+मदुरई | +[[मदुरई]] | ||
-तंजौर | -[[तंजौर]] | ||
-बेलौर | -बेलौर | ||
||मीनाक्षी मंदिर मदुरई में स्थित है। ध्यातव्य है कि मदुरई पाण्ड्यों की राजधानी थी। संगम काल में प्रथम एवं तृतीय संगम यहीं आयोजित किए गए थे जिनकी अध्यक्षता क्रमश: आचार्य अगस्त्य एवं नक्कीरर ने की थी। | ||मीनाक्षी मंदिर [[मदुरई]] में स्थित है। ध्यातव्य है कि मदुरई पाण्ड्यों की राजधानी थी। संगम काल में प्रथम एवं तृतीय संगम यहीं आयोजित किए गए थे जिनकी अध्यक्षता क्रमश: आचार्य अगस्त्य एवं नक्कीरर ने की थी। | ||
{'चित्रसूत्र' का सर्वप्रथम किसने | {'चित्रसूत्र' का सर्वप्रथम किसने [[अंग्रेज़ी भाषा]] में अनुवाद किया?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-230,प्रश्न-335 | ||
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+स्टेला क्रेमरिश ने | +स्टेला क्रेमरिश ने | ||
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-क्रिस्टो ने | -क्रिस्टो ने | ||
-नोल्डे ने | -नोल्डे ने | ||
||'चित्रसूत्र' कला पर आधारित एक सर्वश्रेष्ठ पुस्तक है। इसका | ||'चित्रसूत्र' कला पर आधारित एक सर्वश्रेष्ठ पुस्तक है। इसका [[अंग्रेज़ी भाषा]] में अनुवाद सर्वप्रथम स्टेला क्रेमरिश ने किया था। | ||
{'तनखा' कंडलित चित्र किस राज्य में पाए जाते हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-232,प्रश्न-345 | {'तनखा' कंडलित चित्र किस राज्य में पाए जाते हैं?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-232,प्रश्न-345 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-लद्दाख | -[[लद्दाख]] | ||
-कश्मीर | -[[कश्मीर]] | ||
+हिमाचल | +[[हिमाचल प्रदेश|हिमाचल]] | ||
-पंजाब | -[[पंजाब]] | ||
||तनखा | ||तनखा कुंडलित चित्र [[हिमाचल प्रदेश]] के लाहौत एवं स्फीति जिले में बहुतायत पाए जाते हैं। तनखा या टैंगा का एक नेपाली कला है जिसमें कपड़े पर [[गौतम बुद्ध]] का चित्र बनाया जाता है। | ||
{प्रारंभिक ईसाई कला का प्रारंभ किस देश में हुआ?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-142,प्रश्न-30 | {प्रारंभिक ईसाई कला का प्रारंभ किस देश में हुआ?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-142,प्रश्न-30 | ||
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+इटली | +[[इटली]] | ||
-जर्मनी | -[[जर्मनी]] | ||
-फ्रांस | -[[फ्रांस]] | ||
-मिस्र | -[[मिस्र]] | ||
||प्रारंभिक ईसाई कला का प्रारंभ (रोम) से हुआ। रोम में स्थित समाधियों से प्राप्त चित्रों को प्रारंभिक ईसाई चित्रकला माना जाता है। | ||प्रारंभिक ईसाई कला का प्रारंभ (रोम) से हुआ। [[रोम]] में स्थित समाधियों से प्राप्त चित्रों को प्रारंभिक ईसाई चित्रकला माना जाता है। | ||
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||सल्वाडोर डॉली ने अपने प्रसिद्ध चित्र 'द परसिस्टेंस ऑफ मेमोरी' में 'मेल्टिंग वाच' के चित्र को दर्शाया है जो डॉली के प्रसिद्ध चित्रों में से एक है। | ||सल्वाडोर डॉली ने अपने प्रसिद्ध चित्र 'द परसिस्टेंस ऑफ मेमोरी' में 'मेल्टिंग वाच' के चित्र को दर्शाया है जो डॉली के प्रसिद्ध चित्रों में से एक है। | ||
{इटली में पंद्रहवीं शती की कला शैली को क्या कहा जाता है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-112,प्रश्न-67 | {[[इटली]] में पंद्रहवीं शती की कला शैली को क्या कहा जाता है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-112,प्रश्न-67 | ||
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-अंतिम गोथिक | -अंतिम गोथिक | ||
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+पूर्व पुनरुत्थान काल | +पूर्व पुनरुत्थान काल | ||
-चरम पुनरुत्थान काल | -चरम पुनरुत्थान काल | ||
||इटली में पंद्रहवीं शती की कला शैली को 'पूर्व पुनरुत्थान काल' कहा जाता है जबकि सोलहवीं शती की कला शैली को 'चरम पुनरुत्थान काल' एवं 'मेनेरिज्म' कहा जाता है। | ||[[इटली]] में पंद्रहवीं शती की कला शैली को 'पूर्व पुनरुत्थान काल' कहा जाता है जबकि सोलहवीं शती की कला शैली को 'चरम पुनरुत्थान काल' एवं 'मेनेरिज्म' कहा जाता है। | ||
{एम.एफ. हुसैन को किस कला धारा के लिए प्रमुख रूप से जाना जाता है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-100,प्रश्न-22 | {[[एम.एफ. हुसैन]] को किस कला धारा के लिए प्रमुख रूप से जाना जाता है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-100,प्रश्न-22 | ||
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-परंपरागत | -परंपरागत | ||
- | -[[मुग़ल कालीन चित्रकला|मुग़ल कला]] | ||
-समकालीन | -समकालीन | ||
+आधुनिक | +आधुनिक | ||
||एम.एफ. हुसैन को आधुनिक भारतीय कलाकार के रूप में जाना जाता है। इन्होंने अपनी चित्रकला को श्रृंखलाओं के माध्यम से बनाया। | ||[[एम.एफ. हुसैन]] को आधुनिक भारतीय कलाकार के रूप में जाना जाता है। इन्होंने अपनी [[चित्रकला]] को श्रृंखलाओं के माध्यम से बनाया। | ||
{भारतीय रिज़र्व बैंक, नई दिल्ली स्थित यक्ष-यक्षिणी स्थापत्य किसके द्वारा निर्मित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-84,प्रश्न-53 | {[[भारतीय रिज़र्व बैंक]], [[नई दिल्ली]] स्थित यक्ष-यक्षिणी स्थापत्य किसके द्वारा निर्मित है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-84,प्रश्न-53 | ||
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-जी. के. म्हात्रे | -जी. के. म्हात्रे | ||
-हिरण्यमय रायचौधरी | -हिरण्यमय रायचौधरी | ||
-सोमनाथ होर | -सोमनाथ होर | ||
+राम किंकर बैज | +[[रामकिंकर बैज|राम किंकर बैज]] | ||
||भारतीय रिज़र्व बैंक नई दिल्ली में स्थित यक्ष-यक्षिणी की मूर्तियाँ राम किंकर बैज द्वारा निर्मित की गई हैं। | ||[[भारतीय रिज़र्व बैंक]], [[नई दिल्ली]] में स्थित यक्ष-यक्षिणी की मूर्तियाँ [[रामकिंकर बैज|राम किंकर बैज]] द्वारा निर्मित की गई हैं। | ||
{'भारतमाता' किसकी रचना है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-80,प्रश्न-21 | {'भारतमाता' किसकी रचना है?(कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-80,प्रश्न-21 |
12:37, 15 मार्च 2018 का अवतरण
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