"प्रयोग:दीपिका3": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 5: | पंक्ति 5: | ||
| | | | ||
<quiz display=simple> | <quiz display=simple> | ||
{[[दबाव समूह|दबाव समूहों]] का स्वभाव होता है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-108,प्रश्न-27 | {[[दबाव समूह|दबाव समूहों]] का स्वभाव होता है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-108,प्रश्न-27 | ||
पंक्ति 30: | पंक्ति 29: | ||
-उपर्युक्त सभी असत्य है | -उपर्युक्त सभी असत्य है | ||
||परमाणु अप्रसार संधि पर [[अमेरिका]] और सोवियत संघ ने 1971 के पूर्व वर्ष 1968 में हस्ताक्षर किए थे। | ||परमाणु अप्रसार संधि पर [[अमेरिका]] और सोवियत संघ ने 1971 के पूर्व वर्ष 1968 में हस्ताक्षर किए थे। | ||
{इनमें से किसका नाम वैज्ञानिक प्रबंधन सिद्धांत के साथ जुड़ा हुआ है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-136,प्रश्न-48 | {इनमें से किसका नाम वैज्ञानिक प्रबंधन सिद्धांत के साथ जुड़ा हुआ है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-136,प्रश्न-48 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
पंक्ति 39: | पंक्ति 38: | ||
||फ्रेडरिक टेलर का नाम वैज्ञानिक प्रबंध सिद्धांत के साथ जुड़ा हुआ है। | ||फ्रेडरिक टेलर का नाम वैज्ञानिक प्रबंध सिद्धांत के साथ जुड़ा हुआ है। | ||
{'लेनिन का मार्क्सवाद मार्क्स के सिद्धांतों की दृढ़ता में एवं कट्टरतम स्वीकृति होने के साथ परिस्थितियों के अनुसार इन सिद्धांतों की स्वतंत्रतम बदलती हुई व्यवस्था है।" यह कथन किसका है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-55,प्रश्न-31 | {'लेनिन का मार्क्सवाद [[कार्ल मार्क्स|मार्क्स]] के सिद्धांतों की दृढ़ता में एवं कट्टरतम स्वीकृति होने के साथ परिस्थितियों के अनुसार इन सिद्धांतों की स्वतंत्रतम बदलती हुई व्यवस्था है।" यह कथन किसका है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-55,प्रश्न-31 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-प्रो. लास्की | -प्रो. लास्की | ||
पंक्ति 63: | पंक्ति 62: | ||
||'कुबर्टी' शब्द लैटिन भाषा के 'लाइबर' शब्द से उत्पन्न हुआ है जिसका अर्थ है 'बंधनों का अभाव'। किंतु स्वतंत्रता शब्द की व्युत्पत्ति के आधार पर प्रचलित इस अर्थ को स्वतंत्रता का वास्तविक अर्थ नहीं माना जा सकता है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और समाज में रहते हुए मनुष्य असीमित स्वतंत्रता का उपभोग नहीं कर सकता। उसे सामाजिक नियमों की मर्यादा के अंतर्गत रहना होता है। अत: स्वतंत्रता मानवीय प्रकृति और सामाजिक जीवन के इन दो विरोधी तत्वों (बंधनों का अभाव और नियमों का पालन) में सामंजस्य का नाम है। | ||'कुबर्टी' शब्द लैटिन भाषा के 'लाइबर' शब्द से उत्पन्न हुआ है जिसका अर्थ है 'बंधनों का अभाव'। किंतु स्वतंत्रता शब्द की व्युत्पत्ति के आधार पर प्रचलित इस अर्थ को स्वतंत्रता का वास्तविक अर्थ नहीं माना जा सकता है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और समाज में रहते हुए मनुष्य असीमित स्वतंत्रता का उपभोग नहीं कर सकता। उसे सामाजिक नियमों की मर्यादा के अंतर्गत रहना होता है। अत: स्वतंत्रता मानवीय प्रकृति और सामाजिक जीवन के इन दो विरोधी तत्वों (बंधनों का अभाव और नियमों का पालन) में सामंजस्य का नाम है। | ||
{किसकी देख-रेख में जिले | {किसकी देख-रेख में जिले की पुलिस बल शांति और व्यवस्था कायम करता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-131,प्रश्न-18 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+जिलाधीश | +जिलाधीश | ||
-पुलिस कप्तान | -पुलिस कप्तान | ||
-राज्य के गृह मंत्री | -राज्य के गृह मंत्री | ||
-मुख्यमंत्री | -[[मुख्यमंत्री]] | ||
||जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखना जिलाधीश का कर्तव्य होता है। जिलाधीश के अन्य संबंधित कर्त्तव्य हैं- पुलिस और जेलों का पर्यवेक्षण, अधीनस्थ कार्यकारी मजिस्ट्रेट का पद का पर्यवेडण, दंड प्रक्रिया संहिता की निवारक खंड के अंतर्गत मामलों की सुनवाई, आदि। | ||जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखना जिलाधीश का कर्तव्य होता है। जिलाधीश के अन्य संबंधित कर्त्तव्य हैं- पुलिस और जेलों का पर्यवेक्षण, अधीनस्थ कार्यकारी मजिस्ट्रेट का पद का पर्यवेडण, दंड प्रक्रिया संहिता की निवारक खंड के अंतर्गत मामलों की सुनवाई, आदि। | ||
{"प्रशासन कार्यों के प्रबंध अथवा उनको पूर्ण करने की एक क्रिया है।" यह व्याख्या किसकी है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-136,प्रश्न-49 | |||
|type="()"} | |||
-डिमॉक | |||
+लूथर गुलिक | |||
-एपिलबी | |||
-इनसाइक्लोपीडिया ब्रिटेनिका | |||
||लूथर गुलिक के अनुसार, "प्रशासन कार्यों के प्रबंध अथवा उनका पूर्ण करने की एक क्रिया है"। अर्थात प्रशासन की चार विशेषताएं हैं- कार्य विभाजन, पदसोपान, निर्वैव्यक्तिता तथा कार्यकुशलता गुलिक ने प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पोस्डकोर्व शब्द का विशेष रूप से प्रयोग किया है। | |||
{नेतृत्व के सिद्धांत के रूप में 'पारिस्थितिकी दृष्टिकोण' प्रतिपादित किया गया था- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-73,प्रश्न-53 | |||
|type="()"} | |||
+मिलेट द्वारा | |||
-टीड द्वारा | |||
-बर्नार्ड द्वारा | |||
-लिविंग्सन द्वारा | |||
||नेतृत्व के सिद्धांत के रूप में 'पारिस्थितिकी दृष्टिकोण' का प्रतिपादन मिलेट द्वारा किया गया था। मिलेट के अनुसार, "नेतृत्व प्राय: परिस्थितियों के अनुसार बनता या बिगड़ता है। मिलेट ने नेतृत्व की दो आवश्यक परिस्थितियां बतायी हैं- 1.राजनीतिक, 2.संस्थागता। | |||
{शीत युद्ध का अर्थ है: (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-115,प्रश्न-30 | |||
|type="()"} | |||
-शीतकाल में लड़ा जाने वाला युद्ध | |||
+महाशक्तियों के बीच तनावपूर्ण संबंध | |||
-दो पड़ोसी राष्ट्रों के मध्य वैमनस्य | |||
-सियाचिन में लड़ा जाने वाला युद्ध | |||
||शीत युद्ध का अर्थ है- 'अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में दो विरोधी महाशक्तियों के बीच तनावपूर्ण संबंध'। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के काल में 'शीतयुद्ध' शब्द का प्रयोग उन भारी तनावपूर्ण संबंध का वर्णन करने के लिए किया जाता रहा जो [[सोवियत संघ]] तथा [[संयुक्त राज्य अमेरिका]] के बीच धीरे-धीरे विकसित हुए थे। | |||
{निम्नलिखित में से किसने [[भारत]] में कलेक्टर के पद सृजन किया था? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-131,प्रश्न-19 | |||
|type="()"} | |||
-डलहौजी | |||
-कर्जन | |||
+वारेन हेस्टिंग्स | |||
-रिपन | |||
||भारत में कलेक्टर पद का सृजन वर्ष 1772 में वारेन हेस्टिंग्स ने किया था। भारत में जिला प्रशासन ब्रिटिश राज की देन है। | |||
</quiz> | </quiz> | ||
|} | |} | ||
|} | |} |
12:55, 7 मार्च 2018 का अवतरण
|