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*रामपुर की स्थापना नवाब फ़ैजुल्लाह ख़ान ने की थी। उन्होंने 1774-1794 ई. तक यहाँ शासन किया। | *रामपुर की स्थापना नवाब फ़ैजुल्लाह ख़ान ने की थी। उन्होंने 1774-1794 ई. तक यहाँ शासन किया। | ||
*भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के | *भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के पश्चात् उनके अस्थि अवशेषों के आठ भागों में से एक पर एक [[स्तूप]] बनाया गया था, जिसे 'रामभार स्तूप' कहा जाता था। संभवतः इसी [[स्तूप]] के [[खंडहर]] इस स्थान पर मिले हैं। किंवदंती है कि इसी स्तूप से [[नागा|नागाओं]] ने [[बुद्ध]] का दांत चुरा लिया था, जो [[श्रीलंका|लंका]] में 'कांडी के मंदिर' में सुरक्षित है। | ||
*कुछ विद्वान् रामपुर को '[[रामगाम]]' मानते हैं।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=791|url=}}</ref> | *कुछ विद्वान् रामपुर को '[[रामगाम]]' मानते हैं।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=791|url=}}</ref> | ||
*रामपुर का उल्लेख '[[बुद्धचरित]]'<ref>'बुद्धचरित' 28, 66</ref> में है, जहाँ रामपुर के स्तूप का विश्वस्त नागों द्वारा रक्षित होना कहा गया है। कहा जाता है कि इसी कारण [[अशोक]] ने बुद्ध के शरीर की धातु अन्य सात स्तूपों की भांति, इस स्तूप से प्राप्त नहीं की थी। | *रामपुर का उल्लेख '[[बुद्धचरित]]'<ref>'बुद्धचरित' 28, 66</ref> में है, जहाँ रामपुर के स्तूप का विश्वस्त नागों द्वारा रक्षित होना कहा गया है। कहा जाता है कि इसी कारण [[अशोक]] ने बुद्ध के शरीर की धातु अन्य सात स्तूपों की भांति, इस स्तूप से प्राप्त नहीं की थी। |
07:34, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण

रामपुर उत्तर प्रदेश राज्य का एक ज़िला है। रामपुर नगर उपर्युक्त ज़िले का प्रशासनिक केंद्र है तथा कोसी के बाएँ किनारे पर स्थित है। यह प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थान भी है, जिसका महात्मा बुद्ध से निकट सम्बन्ध रहा है।
- रामपुर की स्थापना नवाब फ़ैजुल्लाह ख़ान ने की थी। उन्होंने 1774-1794 ई. तक यहाँ शासन किया।
- भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के पश्चात् उनके अस्थि अवशेषों के आठ भागों में से एक पर एक स्तूप बनाया गया था, जिसे 'रामभार स्तूप' कहा जाता था। संभवतः इसी स्तूप के खंडहर इस स्थान पर मिले हैं। किंवदंती है कि इसी स्तूप से नागाओं ने बुद्ध का दांत चुरा लिया था, जो लंका में 'कांडी के मंदिर' में सुरक्षित है।
- कुछ विद्वान् रामपुर को 'रामगाम' मानते हैं।[1]
- रामपुर का उल्लेख 'बुद्धचरित'[2] में है, जहाँ रामपुर के स्तूप का विश्वस्त नागों द्वारा रक्षित होना कहा गया है। कहा जाता है कि इसी कारण अशोक ने बुद्ध के शरीर की धातु अन्य सात स्तूपों की भांति, इस स्तूप से प्राप्त नहीं की थी।
- 'नवाबों की नगरी' कहे जाने वाले रामपुर में उत्तरी रेलवे का स्टेशन है।
- रामपुर का चाकू उद्योग काफ़ी प्रसिद्ध है। चीनी, वस्त्र तथा चीनी मिट्टी के बरतन के उद्योग भी नगर में हैं।
- शिक्षा के अंतर्गत यहाँ अरबी भाषा का एक महाविद्यालय है।
- 'रामपुर क़िला', 'रामपुर राजा पुस्तकालय' और 'कोठी ख़ास बाग़' रामपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में गिने जाते हैं।
- रामपुर का कुल क्षेत्रफल 2,367 वर्ग किलोमीटर है।
- लगभग 200 वर्ष पुरानी, रुहेलखंड की एक रियासत का नाम भी रामपुर था, जो उत्तर प्रदेश में विलीन हो गयी थी। इसके संस्थापक रुहेले थे।
- प्रसिद्ध चीनी यात्री युवानच्वांग ने रामपुर के क्षेत्र का नाम 'गोविषाण' लिखा है।
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