"प्रयोग:कविता बघेल 1": अवतरणों में अंतर
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<quiz display=simple> | |||
{निम्नलिखित में से कौन एक [[संगम युग]] में [[बंदरगाह]] नहीं था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-226 प्रश्न-876 | |||
|type="()"} | |||
-एरिकमेडु | |||
-उरैयूर | |||
-कोरकै | |||
+अलंगुलम | |||
{निम्नलिखित में से [[कश्मीर]] का वह कौन-सा शासक था जो [[साहित्य]] एवं [[कला]] का पोषक था। उसके दरबार में क्षीरभट्ट, उद्भट्ट एवं दामोदर भट्ट आदि विद्वान रहते थे? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-248 प्रश्न-1180 | |||
|type="()"} | |||
-[[ललितादित्य मुक्तापीड]] | |||
+[[जयापीड विनयादित्य]] | |||
-कुबलयापीड | |||
-बज्रादित्य | |||
{[[पाल वंश|पालों]] के प्रशासन के अंतर्गत 'चौरोद-धरणीका' नामक पदाधिकारी निम्न में से किससे संबंधित थे? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-254 प्रश्न-1266 | |||
|type="()"} | |||
+[[पुलिस प्रभाग|पुलिस पदाधिकारी]] जो चोरों पर निगाह रखते थे। | |||
-चोरों का एक समूह। | |||
-गुप्तचर विभाग का प्रमुख। | |||
-इनमें से कोई नहीं। | |||
{निम्नलिखित में से किस लेखक ने [[विजयनगर साम्राज्य]] का एक समकालीन विवरण लिखा है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-379 प्रश्न-192 | |||
|type="()"} | |||
-शम्स सिराज अफीफ | |||
-लिंसशोटेन | |||
+डोमिंगो पायस | |||
-पीट्रो डेल्ला बल्ले | |||
{[[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर राज्य]] में निम्नलिखित में से किसका सामाजिक स्तर अन्य तीन से अधिक ऊँचा था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-383 प्रश्न-255 | |||
|type="()"} | |||
-बुनकर | |||
-कुम्भकार | |||
+|लुहार | |||
-[[चर्मकार]] | |||
{[[बंगाल]] में प्रमुख रूप से जिस मध्यम वर्ग का उदभव हुआ, वह थे- (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-567 प्रश्न-123 | |||
|type="()"} | |||
-व्यापारी | |||
-बैंकर (साहूकार) | |||
+[[जमींदार]] | |||
-व्यवसायी वर्ग | |||
{वर्तमान समय में [[भारत]] में कितने [[राज्य]] एवं [[केंद्र शासित प्रदेश|केंद्र शासित संघ]] क्षेत्र हैं? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-574 प्रश्न-258 | |||
|type="()"} | |||
-20 राज्य, 7 केंद्रशासित प्रदेश|केंद्रशासित क्षेत्र | |||
-25 राज्य, 7 केंद्रशासित क्षेत्र | |||
+29 राज्य, 7 केंद्रशासित प्रदेश|केंद्रशासित क्षेत्र | |||
-25 राज्य, 6 केंद्रशासित क्षेत्र | |||
{[[विजयनगर साम्राज्य]] के किस शासक ने वेदमार्ग प्रतिष्ठापक की उपाधि धारण की थी? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-377 प्रश्न-174 | |||
|type="()"} | |||
-[[हरिहर प्रथम]] | |||
-[[हरिहर द्वितीय]] | |||
+[[बुक्का प्रथम]] | |||
-[[कृष्णदेव राय]] | |||
{[[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] शासक विरूपाक्ष की उपासना करते थे। निम्न में से यह किसका प्रतीक था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-380 प्रश्न-218 | |||
|type="()"} | |||
+[[शिव]] | |||
-[[विष्णु]] | |||
-विहोबा | |||
-उपर्युक्त में से कोई नहीं | |||
{'अब मैंने तुमसे बदला चुका लिया, खुदा अब मेरे साथ चाहे जो कुछ करे' यह कथन निम्नलिखित में से किसके संदर्भ में है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-384 प्रश्न-281 | |||
|type="()"} | |||
+[[निज़ामशाह बहमनी]] द्बारा [[रामराय]] को पराजित करने पर। | |||
-[[फ़िरोजशाह बहमनी]] द्वारा [[कृष्णदेव राय]] को पराजित करने पर। | |||
-[[बुक्का प्रथम]] द्वारा [[मुज़ाहिद बहमनी|सुल्तान मुज़ाहिद]] को पराजित करने पर। | |||
-उपर्युक्त में से कोई नहीं | |||
{निम्नलिखित में से कौन प्रारंभिक [[तमिल साहित्य]] के [[महाकाव्य]] थे? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-226 प्रश्न-877 | |||
|type="()"} | |||
-[[तोल्काप्पियम]] एवं [[तिरुक्कुरल]] | |||
-अहनानुरु एवं पुरनानुरु | |||
-पडित्तपतु एवं मुरैक्कांचि | |||
+[[शिलप्पदिकारम]] एवं [[मणिमेखलै]] | |||
{[[पृथ्वीराज तृतीय]] ने निम्नलिखित में से किस [[बुंदेलखंड]] के शासक को पराजित किया था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-248 प्रश्न-1181 | |||
|type="()"} | |||
-[[जयचन्द्र]] | |||
+[[परमार्दि|परमर्दीदेव]] | |||
-[[गोविंद चंद्र|गोविंदचंद्र]] | |||
-आनंददेव | |||
{[[पाल वंश|पालों]] के प्रशासन के अंतर्गत 'कराना' नामक पदाधिकारी से आशय है: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-254 प्रश्न-1267 | |||
|type="()"} | |||
-प्रधान लेखक | |||
+अर्थ व्यवस्थापक | |||
-मुख्य रक्षक | |||
-उपर्युक्त में से कोई नहीं | |||
{[[कृष्णदेव राय]] का राजस्व सम्बंधी सादर्श निम्नलिखित में से किसके तुल्य माना जाता था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-379 प्रश्न-193 | |||
|type="()"} | |||
-[[अलाउद्दीन ख़िलजी]] | |||
+फ्रेडरिक महान | |||
-आगस्टस | |||
-सीजर | |||
{[[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर राज्य]] में भू-राजस्व था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-383 प्रश्न-256 | |||
|type="()"} | |||
-उपज का 20% से 25 % | |||
+उपज का 26% से 30% | |||
-उपज का 31% से 50% | |||
-उपज का 51% से 60% | |||
{[[भारत]] में यूरोपीय व्यापारियों ने किस व्यापार पर लगभग पूर्ण एकाधिकार की स्थापना की? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-567 प्रश्न-124 | |||
|type="()"} | |||
+[[आयात]] व्यापार | |||
-वस्त्रों के [[निर्यात]] | |||
-कृषि उत्पादों के निर्यात व्यापार | |||
-[[नमक]] के उत्पादन निर्यात व्यापार | |||
{निम्न में से कौन प्रारूप समिति का सदस्य नहीं था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-574 प्रश्न-259 | |||
|type="()"} | |||
-एन. गोपालास्वामी आयंगार | |||
-[[अलादी कृष्ण स्वामी अय्यर]] | |||
-मोहम्मद सादुल्ला | |||
+[[सच्चिदानंद सिन्हा]] | |||
{[[संगम वंश]] का अंतिम शासक निम्नलिखित में से कौन था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-377 प्रश्न-176 | |||
|type="()"} | |||
-शिल्पी | |||
-कृषक मजदूर | |||
-व्यापारी | |||
+विरूपाक्ष द्वितीय | |||
{[[विजयनगर साम्राज्य]] में प्रधानी कौन था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-380 प्रश्न-219 | |||
|type="()"} | |||
-ग्राम प्रमुख | |||
+महत्त्वपूर्ण राज्याधिकारी | |||
-सचिव | |||
-कर संग्रह अधिकारी | |||
{[[विजयनगर साम्राज्य]] में द्वितीय बलापहार से आशय है- (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-384 प्रश्न-282 | |||
|type="()"} | |||
-हरिहर द्वारा [[संगम वंश]] की स्थापना करना। | |||
+[[वीर नरसिंह]] द्बारा अंतिम [[सालुव वंश]] शासक से गद्दी हड़पना। | |||
-[[वीर नरसिंह|सरदार नरसिंह]] द्वारा अंतिम [[संगम वंश|संगम]] शासक से गद्दी हड़पना। | |||
-उपर्युक्त में से कोई नहीं | |||
{निम्नलिखित में से कौन एक सही सुमेलित है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-226 प्रश्न-878 | |||
|type="()"} | |||
-उरैयूर-मसाले | |||
+कोरके-मोती | |||
-वंजी-रेशम | |||
-कांची-हाथी दाँत | |||
{निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-248 प्रश्न-1182 | |||
|type="()"} | |||
-ढ़िल्लिका (दिल्ली) की स्थापना तोमरों ने सन् 730 ई. में की। | |||
-बारहवीं शताब्दी में चौहानों ने तोमरों को परास्त किया था। | |||
-पृथ्वीराज के लड़के गोविंद को गोरी ने अपनी अधीनता में अजमेर का शासक बनाया। | |||
+उपर्युक्त सभी | |||
{प्रश्नोत्तर मलिका नामक प्रसिद्ध ग्रंथ के लेखक थे: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-254 प्रश्न-1268 | |||
|type="()"} | |||
-हमेंद्रपाल | |||
+अमोघवर्ष | |||
-विग्रहराज चरुर्थ | |||
-जयदेव | |||
{निम्नलिखित में कौन आरोही क्रम में सही सुसंगठित है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-379 प्रश्न-194 | |||
|type="()"} | |||
+मंडल,कोट्टम,नाडु,मेलाग्राम | |||
-कोट्टम,मंडल,मेलाग्राम,नाडु | |||
-मंडल,नाडु,कोट्टम,मेलाग्राम | |||
-कोट्टम,नाडु,मंडल,मेलाग्राम | |||
{निम्नलिखित में कौन एक पुर्तगाली सिक्का था, जिसका विजयनगर राज्य के पश्चिमी तटीय क्षेत्रों में प्रचलन था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-383 प्रश्न-257 | |||
|type="()"} | |||
-दीनार | |||
+क्रुजादो | |||
-फ्लोरीन | |||
-दुकात | |||
{ईस्ट इण्डिया कम्पनी को उसके वाणिज्यिक कार्यों से निम्नलिखित में से किस अधिनियम के द्वारा वंचित कर दिया गया था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-567 प्रश्न-125 | |||
|type="()"} | |||
+1833 के चार्टर एक्ट द्वारा | |||
-पिट्स इण्डिया एक्ट द्वारा | |||
-1861 के इण्डियन कौंसिल एक्ट द्वारा | |||
-1858 के भारत सरकार अधिनियम द्वारा | |||
{किस सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नेहरू ने गुट-निरपेक्ष नीति की पहल की थी? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-574 प्रश्न-260 | |||
|type="()"} | |||
-जाकार्ता सम्मेलन | |||
+बाडुंग सम्मेलन | |||
-बेलग्रेड सम्मेलन | |||
-काहिरा सम्मेलन | |||
{कृष्णदेवराय प्रणीत किस तेलगू ग्रंथ में उसकी सैनिक एवं नागरिक प्रशासन की क्षमता का पता चलता है। (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-377 प्रश्न-177 | |||
|type="()"} | |||
-जाम्ववती कल्याण | |||
+आमुक्तमाल्यद | |||
-उषा परिणय | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
{विजयनगर साम्राज्य का प्रमुख बंदरगाह निम्नलिखित में से था- (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-380 प्रश्न-220 | |||
|type="()"} | |||
-कोंडबिंदु | |||
+कालीकट | |||
-त्रिचूर | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
{विजयनगर की सामाजिक व्यवस्था में हमें निम्न-लिखित में से किस वर्ग के अस्तित्व का पता नहीं चला? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-384 प्रश्न-283 | |||
|type="()"} | |||
-ब्राह्मण | |||
-शेट्टी | |||
-दास | |||
+क्षत्रिय | |||
{प्रथम तमिल संगम की स्थापना की थी: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-226 प्रश्न-879 | |||
|type="()"} | |||
-तिरुवल्लुवर ने | |||
-परशुराम ने | |||
-मामूलनार ने | |||
+अगस्त्य ने | |||
{निम्नलिखित पाल शासकों में किसे पाल वंश का दूसरा संस्थापक माना जाता है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-248 प्रश्न-1183 | |||
|type="()"} | |||
-नयपाल | |||
-देवपाल | |||
+महीपाल प्रथम | |||
-धर्मपाल | |||
{इन खुर्दादब ने पूर्व मध्यकालीन समाज में सात जातियों का उल्लेख किया है, निम्न में कौन उनमें शामिल नहीं है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-254 प्रश्न-1269 | |||
|type="()"} | |||
-सबूकफरिया | |||
-शाण्डिल्य | |||
-ब्रह्मा | |||
+सुनार | |||
{वारियम-व्यस्था बिजयनगर साम्राज्य की अभिन्न अंग थी, सामन्यता इसका आशय था: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-379 प्रश्न-195 | |||
|type="()"} | |||
-किसानों को पट्टे पर दी जाने वाली भूमि | |||
-मंदिरों का रख-रखाव करने वाली भूमि | |||
+भूमि स्वामी एवं पट्टेदार के मध्य उपज के हिस्सेदारी | |||
-वृद्ध जनों की साप्ताहिक बैठक | |||
{निम्नलिखित में से व्यक्तियों और घटनाओं का कौन-सा युग्म ही सही सुमेलित है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-383 प्रश्न-258 | |||
|type="()"} | |||
+बुक्का प्रथम- मदुरै की विजय | |||
-रामराय- रायचूर की लड़ाई | |||
-कृष्णदेवराय- राक्षस तंगड़ी की लड़ाई | |||
-तिरुमलराय- वेलोर में राजधानी का स्थानांतरण | |||
{1853 के उपरांत ब्रिटेन को होने वाले भारतीय धन के बहिर्गमन का एक सबसे बड़ा स्त्रोत था: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-567 प्रश्न-126 | |||
|type="()"} | |||
-भारत से अफीम, नील का निर्यात | |||
+भारत में ब्रिटिश पूँजी निवेश | |||
-ब्रिटिश मिल उत्पादित सूती और ऊनी वस्त्रों का भारत में आयात | |||
-उपर्युक्त सभी | |||
{अक्टूबर 1953 ई. में संयुक्त राष्ट्र अहासभा की पहली महिला अध्यक्ष कौन बनी थी? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-574 प्रश्न-261 | |||
|type="()"} | |||
-राजकुमारी अमृत कौर | |||
-सुचेता कृपलानी | |||
-सरोजिनी नायडू | |||
+श्रीमती विजयलक्ष्मी पंडित | |||
{कृष्णदे राय के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन लागू नहीं होता है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-377 प्रश्न-178 | |||
|type="()"} | |||
+रायचूर दोआब को हस्तगत करने में वह असफल रहा। | |||
-1513 ई. में उसने उड़ीसा के राजा गजपति प्राप परुद्र को परास्त किया | |||
-गजपति रुद्र ने अपनी पुत्री का विवाह कृष्णदेवराय के साथ कर दिया। | |||
-उसने कोडबिंदु एवं कोउपल्ली पर अधिकार कर लिया। | |||
{सैन्य प्रकाशन की दृष्टि से विजयनगर साम्राज्य को निम्नलिखित में से कितनी जागीरों में विभक्त किया था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-380 प्रश्न-221 | |||
|type="()"} | |||
+200 | |||
-300 | |||
-100 | |||
-400 | |||
{विजयनगर राज्य में वसलपानस था: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-384 प्रश्न-284 | |||
|type="()"} | |||
-चराई कर | |||
-सिंचाई कर | |||
+गृहकर | |||
-भूमिकर | |||
{प्राचीन तमिल देश में उपजाऊ कृषि भू-भाग की संज्ञा थी: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-226 प्रश्न-880 | |||
|type="()"} | |||
-पालै | |||
+मरुदम | |||
-मुल्लै | |||
-नेथदल | |||
{निम्नलिखित ग्रंथों में से किसमें जयपाल और लाहौर के शासक के मध्य हुए संघर्ष का विवरण मिलता है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-248 प्रश्न-1184 | |||
|type="()"} | |||
-आदाब-उल-मलूक | |||
-किफायत-उल-ममलूक | |||
+उपर्युक्त दोनों | |||
-कोई नहीं | |||
{चोल प्रशासन के अंतर्गत ब्राह्मणों को दान में दियी गए ग्रामों का प्रबंध सभा करती थी। इन्हें कहा जाता था: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-254 प्रश्न-1270 | |||
|type="()"} | |||
-पुरुगर्रि | |||
+चतुवेदिमंगलय | |||
-उग्रहार | |||
-सम्वत्सरवारियम | |||
{विजयनगर साम्राज्य में स्थानीय शासन अत्यंत महत्त्वपूर्ण था। इसके अंतर्गत नात्तवर से आशय हैं।(यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-379 प्रश्न-196 | |||
|type="()"} | |||
-शासन की सबसे छोटी इकाई | |||
+नाडु के सदस्य | |||
-शिल्पियों की एक समिति | |||
-कराधान समिति | |||
{कल्याण-मंडप निम्नांकित के राज्य के मंदिर-वास्तु का विशिष्ट लक्षण था: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-383 प्रश्न-259 | |||
|type="()"} | |||
-पल्लव | |||
-चोल | |||
-कदम्ब | |||
+विजयनगर | |||
{भारत में सर्वाधिक ब्रिटिश पूँजी निवेश किस क्षेत्रों में हुआ? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-567 प्रश्न-127 | |||
|type="()"} | |||
-चाय, कॉफी, नील उत्पादन | |||
-रेलवे, बैंकिग, बीमा, जहाजरानी | |||
-सूती वस्त्र उद्योग | |||
+जूट उद्योग | |||
{मिस्त्र का प्राचीन राज्यकाल (3400 ई. पू. 2700ई.पू) कहलाता है: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-574 प्रश्न-262 | |||
|type="()"} | |||
+पिरामिडों का युग | |||
-सामंतवादी युग | |||
-साम्राज्यवादी युग | |||
-लोकतांत्रिक युग | |||
{1565 में तालीकोटा के युद्ध के पश्चात् रामराय के भाई तिरुमाल ने आरवीडु वंश की स्थापना की थी। निम्नलिखित में से उसने अपनी राजधानी किसे बनाया? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-378 प्रश्न-179 | |||
|type="()"} | |||
-अनगोंडी | |||
+बेनुगोंडा | |||
-रायचूर | |||
-हप्पी | |||
{विजयनगर साम्राज्य में सामान्यतया विवाह का कौन-सा रूप प्रचलित था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-380 प्रश्न-222 | |||
|type="()"} | |||
-दैव | |||
-आर्ष | |||
+ब्रह्म | |||
-प्राजापत्य | |||
{विजयनगर साम्राज्य के अंतर्गत नकद भुगतान वाले कर कहलाते थे: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-384 प्रश्न-285 | |||
|type="()"} | |||
+सिद्धय | |||
-मानेय | |||
-कावलार | |||
-शिष्ट | |||
{प्राचीन पत्तन एवं उनकी अवस्थित के युग्मों में से कौन एक सही समुलित है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-226 प्रश्न-881 | |||
|type="()"} | |||
-अरिक्कमेडु-कोरोमंडल | |||
-नेलसिंद-मालाबार | |||
-मसलिअ-कोंकण | |||
+कोल्ची (कोरकै)-पांड्य देश | |||
{निम्नलिखित में से कौन-सी रचना भोज की है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-248 प्रश्न-1185 | |||
|type="()"} | |||
-राजमार्तण्ड | |||
-आदित्य प्रताप | |||
-विद्याविनोद | |||
+उपर्युक्त सभी | |||
{निम्नांकित में से किसकी तुलना मैकियावेली के "प्रिंस" से की जा सकती है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-254 प्रश्न-1271 | |||
|type="()"} | |||
-कालिदास का "मालविकास्निमित्र" | |||
+कौटिल्य का "अर्थशास्त्र" | |||
-वात्स्यायन का "कामसूत्र" | |||
-तिरूवल्लुवर का "तिरूक्कुरल" | |||
{विजयनगर साम्राज्य के राजाओं में किसके शासनकाल में प्रांतों की संख्या अधिक थी? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-379 प्रश्न-197 | |||
|type="()"} | |||
-देवराय प्रथम | |||
-रामराय | |||
-देवराय द्वितीय | |||
+कृष्णदेवराय | |||
{विजयनगर एवं बहमनी साम्राज्य के बीच संघर्ष के तीन भौगोलिक कारण थे। निम्नलिखित में कौन इसमें नहीं है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-383 प्रश्न-260 | |||
|type="()"} | |||
-रायचूर दोआब | |||
-कृष्ण- कावेरी घाटी | |||
+गोदावरी- कावेरी घाटी | |||
-पश्चिमी घाट तथा समुद्र की बीच का मराठावाड़ा क्षेत्र | |||
{उन्नीसवी सदी के अंत में भारतीय पूँजीपतियों के हाथों में एकमात्र प्रमुख उद्योग था: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-567 प्रश्न-128 | |||
|type="()"} | |||
-जूट | |||
-खनन | |||
-लोहा और इस्पात | |||
+सूती वस्त्र | |||
{सबसे पहला महान पिरामिड किसने बनवाया था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-574 प्रश्न-263 | |||
|type="()"} | |||
+सम्राट खुफु ने गिजेह नगर में | |||
-सम्राट खफरे ने गिजेह नगर में | |||
-हेतसप्तसुत ने गिजेह नगर में | |||
-चिफ्रेन ने गिजेह नगर में | |||
{विजयनगर के किस राजा के शासन काल में उड़ीसा एवं बहमनी के राज्यों ने संयुक्त रूप से आक्रमण किया था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-378 प्रश्न-181 | |||
|type="()"} | |||
-देवराय द्वितीय | |||
+मल्लिकार्जुन | |||
-रामराय | |||
-कृष्णदेवराय | |||
{1570 ई. के आस-पास निम्नलिखित में से किसने सदाशिवराय को हटाकर आरीवीडु वंश की स्थापना की? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-380 प्रश्न-223 | |||
|type="()"} | |||
-वीर नरसिंह | |||
-नरसा नायक | |||
+तिरुमल | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
{विजयनगर साम्राज्य के अंतर्गत पलायकर था: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-384 प्रश्न-286 | |||
|type="()"} | |||
+जागीरधारी सैनिक | |||
-आरक्षित सैनिक | |||
-आयंगार | |||
-अमर नायक | |||
{संगम ग्रंथों में उल्लिखित गुरूगन किस देवता से साम्य रखते हैं? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-226 प्रश्न-882 | |||
|type="()"} | |||
-शिव | |||
-बलराम | |||
+स्कंद | |||
-कृष्ण | |||
{कश्मीर को उत्पल वंश के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-248 प्रश्न-1186 | |||
|type="()"} | |||
-इस वंश की स्थापना अवंतिवर्मन ने की थी। | |||
-इस वंश की अंत 939 ई.में हुआ। | |||
+इस वंश के शंकरवर्मन ने पंजाब और उत्तरी गुजरात को जीता। | |||
-उपर्युक्त सभी | |||
{विशाखदत्त के प्राचीन भारतीय नाटक "मद्राराक्षस" की बिषय वस्तु है: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-254 प्रश्न-1272 | |||
|type="()"} | |||
-प्राचीन हिंदू जनश्रुति के देवताओं और राक्षसों के बीच संघर्ष के बारे में | |||
-एक आर्य राकुमार और एक कबीली महिला की प्रेम कथा के बारे में | |||
-दो आर्य कबीलों के बीच सत्ता के संघर्ष की कथा के बारे में | |||
+चंद्रगुप्त मौर्य के समय में राजजरबार की दुरभि संधियों के बारे में | |||
{निम्नलिखित में से किस शासक ने यवनराज स्थापनाचार्य की उपाधि धारण की थी? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-379 प्रश्न-198 | |||
|type="()"} | |||
-देवराय प्रथम | |||
-देवराय द्वितीय | |||
-हरिहर प्रथम | |||
+कृष्णदेवराय | |||
{तालीकोटा का युद्ध दक्षिणी राज्यों के एक 'मराठा संघ' ने मिलकर विजयनगर के खिलाफ लड़ा। निम्नलिखित में से यह किसके दिमाग की उपज थी? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-383 प्रश्न-261 | |||
|type="()"} | |||
-दिरोजशाह बहमनी | |||
+अलीआदिल शाह | |||
-रामराय | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
{निम्नलिखित किन उद्योगों में भारतीयों की प्रारम्भ से ही हिस्सेदारी अधिक थी? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-567 प्रश्न-129 | |||
|type="()"} | |||
+सूती वस्त्र | |||
-जूट | |||
-कोयला | |||
-शक्कर | |||
{विश्व की प्रथा महान स्त्री शासक थी: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-574 प्रश्न-264 | |||
|type="()"} | |||
-थुतमक | |||
+हेतशेप्सुत | |||
-क्लिओपैट्रा ई. पू. 30 | |||
-आमेनहोतप | |||
{विजयनगर सम्राज्य के द्वितीय राजवंश का संस्थापक सालुव नरसिंह था। निम्नलिखित में से वह कहाँ का सरदार था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-378 प्रश्न-182 | |||
|type="()"} | |||
-हम्पी | |||
+चन्द्रगिरि | |||
-अनगोन्दी | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
{18 अप्रैल 1336 ई. में हरिहर ने निम्नलिखित में से किसके राजप्रतिनिधि के रूप में राज्यसत्ता संभाली? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-381 प्रश्न-224 | |||
|type="()"} | |||
-विहोबा | |||
+भगवान विरूपाक्ष | |||
-माधव | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
{कृष्णदेव राय ने तीन साहित्यिक रचनायें कीं। निम्नलिखित में से कौन-सी रचना संस्कृत में है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-385 प्रश्न-287 | |||
|type="()"} | |||
+जाम्बवती कल्याण | |||
-उषा परिणय | |||
-उपर्युक्त दोनों | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
{प्रसिद्ध शासक कुमार पाल ने किसके प्रभाव में आकर जैन धर्म ग्रहण कर लिया था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-253 प्रश्न-1265 | |||
|type="()"} | |||
-जिनसेन | |||
-गुणभद्र | |||
+हेमचंद्र | |||
-नागर्जुन | |||
{संगम ग्रंथों में उल्लिखित गुरूगन किस देवता से साम्य रखते हैं? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-226 प्रश्न-882 | |||
|type="()"} | |||
-शिव | |||
-बलराम | |||
+स्कंद | |||
-कृष्ण | |||
{कश्मीर को उत्पल वंश के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-248 प्रश्न-1186 | |||
|type="()"} | |||
-इस वंश की स्थापना अवंतिवर्मन ने की थी। | |||
-इस वंश की अंत 939 ई.में हुआ। | |||
+इस वंश के शंकरवर्मन ने पंजाब और उत्तरी गुजरात को जीता। | |||
-उपर्युक्त सभी | |||
{विशाखदत्त के प्राचीन भारतीय नाटक "मद्राराक्षस" की बिषय वस्तु है: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-254 प्रश्न-1272 | |||
|type="()"} | |||
-प्राचीन हिंदू जनश्रुति के देवताओं और राक्षसों के बीच संघर्ष के बारे में | |||
-एक आर्य राकुमार और एक कबीली महिला की प्रेम कथा के बारे में | |||
-दो आर्य कबीलों के बीच सत्ता के संघर्ष की कथा के बारे में | |||
+चंद्रगुप्त मौर्य के समय में राजजरबार की दुरभि संधियों के बारे में | |||
{निम्नलिखित में से कौन असंगत हैं? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-379 प्रश्न-199 | |||
|type="()"} | |||
-कंदाचार सैन्य विभाग | |||
-सेनतेओवा गाँव का हिसाब रखने वाला | |||
-तलह कोतवाल | |||
+महानायकाचार्य सेनापति | |||
{निम्नलिखित में से किस सासक ने उदयगिरि पर अधिकार करके सालुव नरसिंह को बद्नी बना लिया था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-383 प्रश्न-262 | |||
|type="()"} | |||
-फिरोजशाह बहमनी | |||
-अलाउद्दीन हसन बहमनशाह | |||
+पुरुषोत्तम गजपति | |||
-प्रतापरुद्र प्रथम | |||
{अंग्रेजों द्वारा भारत में प्रारम्भ किया गया पहला व्यापार था: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-567 प्रश्न-130 | |||
|type="()"} | |||
-लोहा | |||
-कपास | |||
-जूट | |||
+नील | |||
{प्राचीन मिस्त्र की धार्मिक पुस्तक है: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-574 प्रश्न-267 | |||
|type="()"} | |||
+'मृतकों की पुस्तक' पिरामिड़ों पर अंकित | |||
-इखानातन के भजन | |||
-मिट्टी की स्लेटे पर अंकित तीन सौ पात्र | |||
-पिरामिड़ों से प्राप्त मंत्र, तंत्र एवं नीति के उपदेश | |||
{विजयनगर साम्राज्य में भूमि के अनेक प्रकारों का वर्णन प्राप्त होता है। रत्तकोड़गै भूमि से आशय था: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-378 प्रश्न-183 | |||
|type="()"} | |||
-किसानों को पट्टे पर दी जाने वाली भूमि | |||
-ग्रामों को कुछ विशेष सेवाओं के बदले दी जाने वाली भूमि | |||
+युद्ध में शौर्य प्रदर्शित करने वालों को दी जाने वाली भूमि | |||
-मंदिरों को दान में दी जाने वाली लगान मुक्ति भूमि | |||
{निम्नलिखित शासकों में यह प्रसिद्ध कथन किसका है कि 'एक राजा को हमेशा धर्म के अनुसार शासन करना चाहिए? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-381 प्रश्न-225 | |||
|type="()"} | |||
-देवराय प्रथम | |||
-देवराय द्वितीय | |||
+कृष्णदेवी राय | |||
-हरिहर प्रथम | |||
{निम्न में से कौन-सा शासक चेरवंशीय है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-226 प्रश्न-883 | |||
|type="()"} | |||
+शेनगुट्टवन | |||
-इदनजोरियल | |||
-करिकाल | |||
-एलारा | |||
{परमार राजा भोज के बारे में निम्नलिखित कौन-सा कथन लागू नहीं होत? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-248 प्रश्न-1187 | |||
|type="()"} | |||
-उसने इंद्ररथ कीर्तिवर्मन को हराया। | |||
-उसने केदारेश्वर, रामेश्वर, सोमनाथ एवं सुंडार के मंदिरों का निर्माण करवाया। | |||
-उसने आदिवाराह की उपाधि धारण की। | |||
+उसे कविराज की उपाधि मिली थी। | |||
{"सौंदरानंद" किसकी रचना है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-254 प्रश्न-1273 | |||
|type="()"} | |||
+अश्वघोष की | |||
-बाणभट्ट की | |||
-भवभूति की | |||
-भास की | |||
{विजयनगर साम्राज्य में सुव्यवस्थित मंत्रिपरिषद् का अस्तित्व था। गृह विभाग का प्रधान कहलाता था: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-379 प्रश्न-200 | |||
|type="()"} | |||
-रायरम | |||
+मानेय प्रधानम | |||
-अहवन प्रधानम | |||
-इनमें से कोई नहीं | |||
{निम्नलिखित में से किस विजयनगर शासक की मृत्यु गजपरियों के हाथों अपमान जनक पराजय के पश्चात् हुई? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-383 प्रश्न-263 | |||
|type="()"} | |||
-विरूपाक्ष प्रथम | |||
+मल्लिकार्जुन | |||
-विरूपाक्ष द्वितीय | |||
-देवराय प्रथम | |||
{किसने कहा था कि "स्थाई बंदोबस्त" एक दुखद भूल थी? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-567 प्रश्न-131 | |||
|type="()"} | |||
-जान शोर ने | |||
-मार्शमैन ने | |||
+होम्स ने | |||
-मुनरो | |||
{इतिहास का पहला शासक जिसने शासन सम्बंधी कानून बनाए थे: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-574 प्रश्न-268 | |||
|type="()"} | |||
-सार्ग्न द्वितीय | |||
+हमूराबी | |||
-सेनाकरीब | |||
-असुरबनीपाल | |||
{विजयनगर साम्राज्य की सामाजिक व्यवस्था के संदर्भ में निम्नलिखित में कौन-सा कथन लागू नहीं होता हैं? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-378 प्रश्न-184 | |||
|type="()"} | |||
-विजयनगर की सामाजिक व्यवस्था में दास प्रथा प्रचलित थी। | |||
-मंदिरों में देव पूजा के लिए देवदासियाँ रखी जाती थीं। | |||
+विधवाओं का जीवन अत्यंत ही सुखमय था। | |||
-कुलीन परिवारों में कान्याओं का विवाह अल्पायु में कर दिया जाता था। | |||
{विजयनगर का सैन्य विभाग कंदाचार कहलाता था, (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-381 प्रश्न-226 | |||
|type="()"} | |||
+दण्डनायक | |||
-महानायकाचार्य | |||
-महामण्डलेश्वर | |||
-नायक | |||
{वह विजयनगर राजा जिसने तुर्की वर्ग के कुशल तीरंदाजों को नियुक्त किया और अपने धनुर्धरों की युद्धक्षमता को बढ़ाया था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-385 प्रश्न-289 | |||
|type="()"} | |||
-बुक्का प्रथम | |||
+देवराय द्वितीय | |||
-कृष्णदेवराय | |||
-रामराय | |||
{निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-248 प्रश्न-1189 | |||
|type="()"} | |||
-800 से 1200 के मध्य कन्नौज उत्तर भारत में राजनीतिक शक्ति के केंद्र रहा। | |||
-राष्ट्रकूटों का शासन तीनों शक्तियों में सबसे लम्बा था। | |||
-पाल वंश के अधीन पूर्वी भारत के बौद्धों का दक्षिणपूर्वी एशिया के बौद्धों से सम्बन्ध प्रगाढ़ हुए। | |||
+उपर्युक्त सभी | |||
{संगम युग के क्लासिकल ग्रन्थों की तिथि थी: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-226 प्रश्न-884 | |||
|type="()"} | |||
-600 बी.सी.-300 बी.सी. | |||
-300 बी.सी.-100 ए.डी. | |||
-200 बी.सी.- 200 ए.डील | |||
+100 बी.सी.- 100 ए.डी. | |||
{निम्नलिखित में किस ग्रंथों में पति को यह अधिकार दिया गया है कि गलती करने पर अपनी पत्नी को वह पीट सके? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-248 प्रश्न-1188 | |||
|type="()"} | |||
-विष्णु पुराण | |||
-मनुस्मृति | |||
+मत्स्य पुराण | |||
-पराशर स्मृति | |||
{सेन राजाओं की वंशावली से सही क्रम निम्नलिखित में से कौन-सा है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-253 प्रश्न-1264 | |||
|type="()"} | |||
+हेमंत, विजय, बल्लाल, लक्षमता, विश्वरूप | |||
-विजय, बल्लाल, हेमंत, विश्वरूप, लक्षमता | |||
-बल्लाल, विजय, हेमंत, लक्षमण, विश्वरूप | |||
-लक्षमण, विश्वरूप, हेमंत, बल्लाल, विजय | |||
{शिष्ट नामक भूमिकर विजयनगर साम्राज्य की आय का प्रमुख साधन था। वित्त-विभाग का प्रधान था। वित्त-विभाग कहलाता था: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-379 प्रश्न-201 | |||
|type="()"} | |||
-मानेयम | |||
-शिष्ट-भवनम | |||
+अहवने | |||
-तलरम | |||
{विजयनगर के शासकों में से किसने विहोबा के प्रति अपनी भक्ति-भावना को प्रदर्शित किया था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-383 प्रश्न-264 | |||
|type="()"} | |||
-हरिहर प्रथम | |||
-बुक्का प्रथम | |||
+कृष्णदेवराय | |||
-विरूपाक्ष | |||
{अकाल के कारण एवं उपाय पर विचार हेतु 1880 ई. में लिटन सरकार ने किसकी अध्यक्षता में आयोग गठित किया था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-567 प्रश्न-132 | |||
|type="()"} | |||
-अर्नल स्मिथ | |||
-जार्ज कैम्बेल | |||
+सर रिचर्ड स्ट्रेची | |||
-सर एंटरी मैकडोनल | |||
{प्राचीन विश्व के इतिहास का प्रथम सेनानायक, प्रथम विजेता, प्रथम साम्राज्य निर्माता था: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-574 प्रश्न-265 | |||
|type="()"} | |||
-आमेनहोतप चतुर्थ | |||
-थुतमल प्रथम | |||
+थुतमक तृतीय | |||
-स्नेफू | |||
{विजयनगर के जिस सम्राट ने तेलगू और संस्कृत साहित्य में सर्वाधिक योगदान किया, वह था: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-378 प्रश्न-186 | |||
|type="()"} | |||
-देवराय प्रथम | |||
-देवराय तृतीय | |||
+कृष्णदेवराय | |||
-रामराय | |||
{निम्नलिखित में से कौन-सी मद विजयनगर साम्राज्य से प्रभूत मात्रा में निर्यात की जाती थी? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-381 प्रश्न-227 | |||
|type="()"} | |||
+कालीमिर्च | |||
-काफी | |||
-तम्बाकू | |||
-चाय | |||
{विजयनगर राज्य में वाणिज्य की स्थिति के विषय में निम्नलिखित कथनों में कौन एक सही नहीं है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-385 प्रश्न-290 | |||
|type="()"} | |||
-चेट्टी व्यापार के लिए मलाया द्वीपसमूह जाते थे। | |||
-मालवारी सौदागर दासों का भी व्यापार करते थे और विजयनगर राज्य से पोंत भर-भर का दास ले जाते थे। | |||
-समुद्र पार व्यापार अधिकांशत: विदेशियों के हाथ में था। | |||
+मुस्लिम सौदागरों को अपेक्षाकृत अधिक कर देना पड़ता था | |||
{तोल्लकाप्पियम कैसा ग्रंथ था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-226 प्रश्न-885 | |||
|type="()"} | |||
-धर्मग्रंथ | |||
+व्याकरण ग्रंथ | |||
-छंद ग्रंथ | |||
-शास्त्र ग्रंथ | |||
</quiz> | |||
|} | |||
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11:47, 3 मार्च 2017 का अवतरण
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