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{{चित्र सूचना | |||
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10:41, 14 मई 2016 के समय का अवतरण
विवरण (Description) | महाभारत युद्ध में शर शैया पर पितामह भीष्म |
आभार (Credits) | गीता प्रेस गोरखपुर |
अन्य विवरण | महाभारत के इस अद्भुत योद्धा ने शिखण्डी के माध्यम से अपनी मृत्यु का उपाय स्वयं बताकर शर शय्या पर शयन किया। शास्त्र और शस्त्र के इस सूर्य को अस्त होते हुए देखकर भगवान श्रीकृष्ण ने इनके माध्यम से युधिष्ठिर को धर्म के समस्त अंगों का उपदेश दिलवाया। युधिष्ठिर तथा शेष पाण्डवों ने भी शय्या पर पड़े हुए पितामह भीष्म के चरण-स्पर्श किए। भीष्म ने युधिष्ठिर को तरह-तरह के उपदेश दिए। |
चित्र का इतिहास
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दिनांक/समय | अंगुष्ठ नखाकार (थंबनेल) | आकार | सदस्य | टिप्पणी | |
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वर्तमान | 10:34, 14 मई 2016 | ![]() | 1,375 × 996 (780 KB) | प्रभा तिवारी (वार्ता | योगदान) |
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