"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/1": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 35: | पंक्ति 35: | ||
-1681 | -1681 | ||
-1682 | -1682 | ||
||[[चित्र:Darbarscene-Aurangzeb.jpg|right| | ||[[चित्र:Darbarscene-Aurangzeb.jpg|right|120px|दरवार में औरंगज़ेब]]'जज़िया कर' एक प्रकार का वैयक्तिक या सामुदायिक कर था, जिसे प्रारंभिक [[इस्लाम|इस्लामी]] शासकों ने अपनी ग़ैर [[मुस्लिम]] प्रजा से वसूल किया। कई बादशाहों ने यह कर समाप्त कर दिया था, जिनमें उल्लेखनीय नाम [[मुग़ल]] बादशाह [[अकबर]] का है। जब [[जयसिंह|मिर्ज़ा राजा जयसिंह]] के बाद महाराज [[यशवंतसिंह]] का भी देहांत हो गया, तब [[औरंगज़ेब]] ने निरंकुश होकर सन 1679 में फिर से [[जज़िया कर]] को लगाया। इस अपमानपूर्ण कर का [[हिन्दू|हिन्दुओं]] द्वारा विरोध किया गया। [[मेवाड़]] के वृद्ध [[राणा राजसिंह]] ने इसके विरोध में औरंगज़ेब को उपालंभ देते हुए एक पत्र लिखा था, जिसका उल्लेख [[कर्नल टॉड|टॉड]] कृत "राजस्थान" नामक [[ग्रंथ]] में हुआ है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जज़िया]] | ||
{[[विदिशा]] के राजा भागभद्र के पास हिन्द-[[यवन]] राजा ने एक दूत भेजा था, उसका नाम क्या था? | {[[विदिशा]] के राजा भागभद्र के पास हिन्द-[[यवन]] राजा ने एक दूत भेजा था, उसका नाम क्या था? | ||
पंक्ति 81: | पंक्ति 81: | ||
-महिला शिक्षा | -महिला शिक्षा | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
||लॉर्ड मैकाले का पूरा नाम 'थॉमस बैबिंगटन मैकाले' था। वह एक प्रसिद्ध अंग्रेज़ी [[कवि]], निबन्धकार, [[इतिहासकार]] तथा राजनीतिज्ञ था। सन 1834 ई. से 1838 ई. तक वह [[भारत]] की सुप्रीम काउंसिल में लॉ मेंबर तथा लॉ कमिशन का प्रधान रहा। 'भारतीय दंड विधान' से सम्बन्धित प्रसिद्ध ग्रंथ 'दी इंडियन पीनल कोड' की लगभग सभी पांडुलिपियाँ उसी ने तैयार की थीं। [[अंग्रेज़ी भाषा]] को [[भारत]] की सरकारी भाषा तथा शिक्षा का माध्यम और यूरोपीय साहित्य, दर्शन तथा [[विज्ञान]] को भारतीय शिक्षा का लक्ष्य बनाने में इसका बड़ा हाथ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लॉर्ड मैकाले|मैकाले]] | ||[[चित्र:Lord-Macaulay.jpg|right|100px|लॉर्ड मैकाले]]लॉर्ड मैकाले का पूरा नाम 'थॉमस बैबिंगटन मैकाले' था। वह एक प्रसिद्ध अंग्रेज़ी [[कवि]], निबन्धकार, [[इतिहासकार]] तथा राजनीतिज्ञ था। सन 1834 ई. से 1838 ई. तक वह [[भारत]] की सुप्रीम काउंसिल में लॉ मेंबर तथा लॉ कमिशन का प्रधान रहा। 'भारतीय दंड विधान' से सम्बन्धित प्रसिद्ध ग्रंथ 'दी इंडियन पीनल कोड' की लगभग सभी पांडुलिपियाँ उसी ने तैयार की थीं। [[अंग्रेज़ी भाषा]] को [[भारत]] की सरकारी भाषा तथा शिक्षा का माध्यम और यूरोपीय साहित्य, दर्शन तथा [[विज्ञान]] को भारतीय शिक्षा का लक्ष्य बनाने में इसका बड़ा हाथ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लॉर्ड मैकाले|मैकाले]] | ||
{निम्नांकित में से कौन-सी उदारवादियों की मांग नहीं थी? | {निम्नांकित में से कौन-सी उदारवादियों की मांग नहीं थी? |
08:17, 21 जनवरी 2013 का अवतरण
इतिहास सामान्य ज्ञान
|