"उज्जिहाना": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
छोNo edit summary |
छोNo edit summary |
||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
'तत्र रम्ये वने वासं कृत्वासौ प्राङमुखो ययौ, | 'तत्र रम्ये वने वासं कृत्वासौ प्राङमुखो ययौ, | ||
उद्यानमुज्जिहानाया: प्रियका यत्र पादपा:।'<ref>[[अयोध्या काण्ड वा. रा.]] 71, 12</ref> | उद्यानमुज्जिहानाया: प्रियका यत्र पादपा:।'<ref>[[अयोध्या काण्ड वा. रा.]] 71, 12</ref> | ||
उज्जिहाना नगरी वर्तमान [[ | उज्जिहाना नगरी वर्तमान [[रुहेलखंड]] ([[उत्तर प्रदेश]]) में कहीं हो सकती है। यह ज़िला [[बदायूँ]] को उज्झेनी भी हो सकती है यद्यपि यह अभिज्ञान सर्वथा अनिश्चित है। | ||
{{प्रचार}} | {{प्रचार}} |
08:12, 1 जुलाई 2011 का अवतरण
![]() |
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
वाल्मीकि रामायण में वर्णित है कि भरत केकय देश से अयोध्या आते समय गंगा को पार करने के पश्चात पर्याप्त दूर चलने पर इस नगरी में पहुँचे थे। 'तत्र रम्ये वने वासं कृत्वासौ प्राङमुखो ययौ, उद्यानमुज्जिहानाया: प्रियका यत्र पादपा:।'[1] उज्जिहाना नगरी वर्तमान रुहेलखंड (उत्तर प्रदेश) में कहीं हो सकती है। यह ज़िला बदायूँ को उज्झेनी भी हो सकती है यद्यपि यह अभिज्ञान सर्वथा अनिश्चित है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ अयोध्या काण्ड वा. रा. 71, 12