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*यहाँ श्री [[कृष्ण]] के सैनिकों का लवंग पुष्पों की माला से विभूषित होने, नारियल का पानी पीने और कच्ची सुपारियाँ खाने का लालित्यपूर्ण वर्णन है। | *यहाँ श्री [[कृष्ण]] के सैनिकों का लवंग पुष्पों की माला से विभूषित होने, नारियल का पानी पीने और कच्ची सुपारियाँ खाने का लालित्यपूर्ण वर्णन है। | ||
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*शक शासक रुद्रदामन (दूसरी शताब्दी ई.) के राज्य में कच्छ भी शामिल था। | *शक शासक [[रुद्रदामन]] (दूसरी शताब्दी ई.) के राज्य में कच्छ भी शामिल था। | ||
*[[महमूद ग़ज़नवी]] ने जिन स्थानों पर आक्रमण किया था, उनमें कच्छ भी एक था। | *[[महमूद ग़ज़नवी]] ने जिन स्थानों पर आक्रमण किया था, उनमें कच्छ भी एक था। | ||
*मध्य काल में सुल्तान [[फ़िरोज़शाह तुग़लक़]] ने जब 1361-62ई. में सिंध पर आक्रमण किया तो वह कच्छ के रण में फँस गया था। | *मध्य काल में सुल्तान [[फ़िरोज़शाह तुग़लक़]] ने जब 1361-62ई. में सिंध पर आक्रमण किया तो वह कच्छ के रण में फँस गया था। |
13:40, 24 जून 2011 का अवतरण

- यह पश्चिमी गुजरात का एक भौगोलिक स्थल है जिसका वर्णन महाभारत एवं पाणिनी की अष्टाध्यायी में मिलता है।
- शिशुपाल वध काव्य में भी कच्छ का वर्णन हैं।
- यहाँ श्री कृष्ण के सैनिकों का लवंग पुष्पों की माला से विभूषित होने, नारियल का पानी पीने और कच्ची सुपारियाँ खाने का लालित्यपूर्ण वर्णन है।
इतिहास
- शक शासक रुद्रदामन (दूसरी शताब्दी ई.) के राज्य में कच्छ भी शामिल था।
- महमूद ग़ज़नवी ने जिन स्थानों पर आक्रमण किया था, उनमें कच्छ भी एक था।
- मध्य काल में सुल्तान फ़िरोज़शाह तुग़लक़ ने जब 1361-62ई. में सिंध पर आक्रमण किया तो वह कच्छ के रण में फँस गया था।
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