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+[[अलाउद्दीन ख़िलजी]] | +[[अलाउद्दीन ख़िलजी]] | ||
-[[मुहम्मद बिन तुग़लक़]] | -[[मुहम्मद बिन तुग़लक़]] | ||
-[[गयासुद्दीन | -[[गयासुद्दीन तुग़लक]] | ||
-[[फ़िरोज़शाह तुग़लक़]] | -[[फ़िरोज़शाह तुग़लक़]] | ||
||'''अलाउद्दीन ख़िलजी''' (1296-1316 ई.) तक [[दिल्ली]] का सुल्तान था। वह [[ख़िलजी वंश]] के संस्थापक [[जलालुद्दीन ख़िलजी]] का भतीजा और दामाद था। सुल्तान बनने के पहले उसे [[इलाहाबाद]] के निकट [[कड़ा]] की जागीर दी गयी। अलाउद्दीन ख़िलजी का बचपन का नाम अली 'गुरशास्प' था। जलालुद्दीन ख़िलजी के तख्त पर बैठने के बाद उसे 'अमीर-ए-तुजुक' का पद मिला। मलिक छज्जू के विद्रोह को दबाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के कारण जलालुद्दीन ने उसे कड़ा-मनिकपुर की सूबेदारी सौंप दी।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अलाउद्दीन ख़िलजी]] | ||'''अलाउद्दीन ख़िलजी''' (1296-1316 ई.) तक [[दिल्ली]] का सुल्तान था। वह [[ख़िलजी वंश]] के संस्थापक [[जलालुद्दीन ख़िलजी]] का भतीजा और दामाद था। सुल्तान बनने के पहले उसे [[इलाहाबाद]] के निकट [[कड़ा]] की जागीर दी गयी। अलाउद्दीन ख़िलजी का बचपन का नाम अली 'गुरशास्प' था। जलालुद्दीन ख़िलजी के तख्त पर बैठने के बाद उसे 'अमीर-ए-तुजुक' का पद मिला। मलिक छज्जू के विद्रोह को दबाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के कारण जलालुद्दीन ने उसे कड़ा-मनिकपुर की सूबेदारी सौंप दी।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अलाउद्दीन ख़िलजी]] | ||
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-[[बहमनी वंश|बहमनी]] | -[[बहमनी वंश|बहमनी]] | ||
-चोल | -[[चोल राजवंश|चोल]] | ||
+विजयनगर | +[[विजय नगर साम्राज्य|विजयनगर]] | ||
-पल्लव | -[[पल्लव वंश|पल्लव]] | ||
{[[हम्पी]] का खुला सग्रहालय किस राज्य में है? | {[[हम्पी]] का खुला सग्रहालय किस राज्य में है? | ||
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{आलसियों का मूंल- '[[अजगर करे ना चाकरी]] पछी करे न काम का रचयिता है- | {आलसियों का मूंल- '[[अजगर करे ना चाकरी]] पछी करे न काम का रचयिता है- | ||
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-दादू दयाल | -[[दादू दयाल]] | ||
+मलूक दास | +मलूक दास | ||
-[[कबीर]] | -[[कबीर]] | ||
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+[[कश्मीर]] की | +[[कश्मीर]] की | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
||[[चित्र:Kashmir-Valley.jpg|कश्मीर की घाटी|100px|right]][[किंवदंती]] है कि महर्षि [[कश्यप]] [[श्रीनगर]] से तीन मील दूर हरि-पर्वत पर रहते थे। जहाँ आजकल कश्मीर की घाटी है, वहाँ अति प्राचीन प्रागैतिहासिक काल में एक बहुत बड़ी [[झील]] थी जिसके पानी को निकाल कर महर्षि कश्यप ने इस स्थान को मनुष्यों के बसने योग्य बनाया था।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कश्मीर]] | ||[[चित्र:Kashmir-Valley.jpg|कश्मीर की घाटी|100px|right]][[किंवदंती]] है कि महर्षि [[कश्यप]] [[श्रीनगर]] से तीन मील दूर हरि-पर्वत पर रहते थे। जहाँ आजकल कश्मीर की घाटी है, वहाँ अति प्राचीन प्रागैतिहासिक काल में एक बहुत बड़ी [[झील]] थी जिसके पानी को निकाल कर [[कश्यप|महर्षि कश्यप]] ने इस स्थान को मनुष्यों के बसने योग्य बनाया था।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कश्मीर]] | ||
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+पंचतत्र | +पंचतत्र | ||
{निम्न में किस शासक का काल 'संगमरमर का काल' कहलाता है? | {निम्न में किस शासक का काल '[[संगमरमर रत्न|संगमरमर]] का काल' कहलाता है? | ||
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-[[जहाँगीर]] | -[[जहाँगीर]] | ||
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||[[चित्र:Shahjahan.jpg|शाहजहाँ|100px|right]]'''शाहजहाँ''' का जन्म [[जोधपुर]] के शासक राजा उदयसिंह की पुत्री 'जगत गोसाई' (जोधाबाई) के गर्भ से [[5 जनवरी]], 1592 ई. को [[लाहौर]] में हुआ था। उसका बचपन का नाम ख़ुर्रम था। ख़ुर्रम [[जहाँगीर]] का छोटा पुत्र था, जो छल−बल से अपने पिता का उत्तराधिकारी हुआ था। वह बड़ा कुशाग्र बुद्धि, साहसी और शौक़ीन बादशाह था। वह बड़ा कला प्रेमी, विशेषकर स्थापत्य कला का प्रेमी था। उसका विवाह 20 वर्ष की आयु में [[नूरजहाँ]] के भाई [[आसफ़ ख़ाँ (गियासबेग़ पुत्र)|आसफ़ ख़ाँ]] की पुत्री 'आरज़ुमन्द बानो' से सन 1611 में हुआ था।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शाहजहाँ]] | ||[[चित्र:Shahjahan.jpg|शाहजहाँ|100px|right]]'''शाहजहाँ''' का जन्म [[जोधपुर]] के शासक राजा उदयसिंह की पुत्री 'जगत गोसाई' (जोधाबाई) के गर्भ से [[5 जनवरी]], 1592 ई. को [[लाहौर]] में हुआ था। उसका बचपन का नाम ख़ुर्रम था। ख़ुर्रम [[जहाँगीर]] का छोटा पुत्र था, जो छल−बल से अपने पिता का उत्तराधिकारी हुआ था। वह बड़ा कुशाग्र बुद्धि, साहसी और शौक़ीन बादशाह था। वह बड़ा कला प्रेमी, विशेषकर स्थापत्य कला का प्रेमी था। उसका विवाह 20 वर्ष की आयु में [[नूरजहाँ]] के भाई [[आसफ़ ख़ाँ (गियासबेग़ पुत्र)|आसफ़ ख़ाँ]] की पुत्री 'आरज़ुमन्द बानो' से सन 1611 में हुआ था।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शाहजहाँ]] | ||
{शिवाजी का राज्यभिषेक कहाँ हुआ था? | {[[शिवाजी]] का राज्यभिषेक कहाँ हुआ था? | ||
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+रायगढ़ | +[[रायगढ़ महाराष्ट्र|रायगढ़]] | ||
-कालानौर | -कालानौर | ||
-[[रायचूर कर्नाटक|रायचूर]] | -[[रायचूर कर्नाटक|रायचूर]] | ||
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||[[चित्र:Vasco-da-gama.jpg|वास्को द गामा|100px|right]]वास्को द गामा एक [[पुर्तग़ाली]] नाविक थे। वास्को द गामा के द्वारा की गई [[भारत]] यात्राओं ने पश्चिमी यूरोप से [[केप ऑफ़ गुड होप]] होकर पूर्व के लिए समुद्री मार्ग खोल दिए थे। इन्होंने विश्व [[इतिहास]] के एक नए युग की शुरूआत की थी। यह यूरोपीय खोज युग के सबसे सफल खोजकर्ताओं में से एक, और [[यूरोप]] से भारत सीधी यात्रा करने वाले जहाज़ों का कमांडर थे।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वास्को द गामा]] | ||[[चित्र:Vasco-da-gama.jpg|वास्को द गामा|100px|right]]वास्को द गामा एक [[पुर्तग़ाली]] नाविक थे। वास्को द गामा के द्वारा की गई [[भारत]] यात्राओं ने पश्चिमी यूरोप से [[केप ऑफ़ गुड होप]] होकर पूर्व के लिए समुद्री मार्ग खोल दिए थे। इन्होंने विश्व [[इतिहास]] के एक नए युग की शुरूआत की थी। यह यूरोपीय खोज युग के सबसे सफल खोजकर्ताओं में से एक, और [[यूरोप]] से भारत सीधी यात्रा करने वाले जहाज़ों का कमांडर थे।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वास्को द गामा]] | ||
{बड़ा इमामबाड़ा कहाँ स्थित है? | {[[बड़ा इमामबाड़ा लखनऊ|बड़ा इमामबाड़ा]] कहाँ स्थित है? | ||
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-[[आगरा]] | -[[आगरा]] |
13:09, 14 जून 2011 का अवतरण
इतिहास
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