"कुलोत्तुंग द्वितीय": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
('कुलोत्तंग द्वितीय (1133-1150ई.) विक्रम चोल के पुत्र कुलोत्...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
कुलोत्तंग द्वितीय (1133- | *[[विक्रम चोल]] के पुत्र '''कुलोत्तंग द्वितीय''' (1133-1150 ई.) ने चिदम्बरम् मंदिर के विस्तार एवं प्रदक्षिणपथ को स्वर्णमंडित कराने के कार्य को जारी रखा। | ||
*[[चोल राजवंश]] के इस शासक ने चिदम्बरम् मंदिर में स्थित गोविन्दराज की मूर्ति को समुद्र में फिंकवा दिया था। | |||
*इस शासक की कोई भी राजनैतिक उपलब्धि नहीं थी। | |||
*कुलोत्तंग द्वितीय और उसके सामन्तों ने 'ओट्टाकुट्टन', 'शेक्किलर' और 'कंबल' को संरक्षण दिया था। | |||
*कुलोत्तंग ने कुंभकोणम के निकट 'तिरुभुवन' में 'कम्पोरेश्वर मंदिर' का निर्माण करवाया था। | |||
{{प्रचार}} | {{प्रचार}} | ||
पंक्ति 11: | पंक्ति 13: | ||
|शोध= | |शोध= | ||
}} | }} | ||
== | |||
==संबंधित लेख== | |||
[[Category: | {{चोल साम्राज्य}} | ||
{{भारत के राजवंश}} | |||
[[Category:इतिहास कोश]] | |||
[[Category:चोल साम्राज्य]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
10:49, 18 फ़रवरी 2011 का अवतरण
- विक्रम चोल के पुत्र कुलोत्तंग द्वितीय (1133-1150 ई.) ने चिदम्बरम् मंदिर के विस्तार एवं प्रदक्षिणपथ को स्वर्णमंडित कराने के कार्य को जारी रखा।
- चोल राजवंश के इस शासक ने चिदम्बरम् मंदिर में स्थित गोविन्दराज की मूर्ति को समुद्र में फिंकवा दिया था।
- इस शासक की कोई भी राजनैतिक उपलब्धि नहीं थी।
- कुलोत्तंग द्वितीय और उसके सामन्तों ने 'ओट्टाकुट्टन', 'शेक्किलर' और 'कंबल' को संरक्षण दिया था।
- कुलोत्तंग ने कुंभकोणम के निकट 'तिरुभुवन' में 'कम्पोरेश्वर मंदिर' का निर्माण करवाया था।
|
|
|
|
|