"विष्णु के अवतार": अवतरणों में अंतर

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*'''बुद्धावतार''' में जीव हत्या में लिप्त संसार के दुखीजन को अहिंसा का महान संदेश देने का कथानक है।
*'''बुद्धावतार''' में जीव हत्या में लिप्त संसार के दुखीजन को अहिंसा का महान संदेश देने का कथानक है।
==संबंधित लेख==
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11:29, 4 जनवरी 2011 का अवतरण

भगवान विष्णु
God Vishnu
  • विष्णु के दस अवतारों का पुराणों में अत्यंन्त कलात्मक और कथात्मक चित्रण हुआ है।
  • ये दस अवतार हैं-
  1. मत्स्य अवतार,
  2. वराह अवतार,
  3. कूर्म अवतार,
  4. नृसिंह अवतार,
  5. वामन अवतार,
  6. परशुराम अवतार,
  7. राम अवतार,
  8. कृष्ण अवतार,
  9. बुद्ध अवतार और
  10. कल्कि अवतार
  • कल्कि अवतार अभी होना है।
  • पुराणों में विष्णु, शिव और ब्रह्मा को एक रूप ही स्वीकार किया है। ये त्रिदेव सृष्टी के जनक हैं, पालनहार हैं, और संहारकर्त्ता हैं। उपर्युक्त्त सभी अवतारों के साथ पुराणों में सुंदर-सुंदर कथानक जुड़े हैं, जो उनकी परम शक्त्ति को प्रकट करते हैं।
  • मत्स्यावतार में प्रलय काल के उपरान्त जीव की उत्पत्ति और बचाव का कथानक है।
  • कूर्मावतार में डोलती पृथ्वी को विशाल कछुए की पीठ पर धारण करने का कथानक है।
  • नृसिंहावतार में भक्त्त प्रह्लाद के पिता दैत्यराज हिरण्यकशिपु के वध का कथानक है।
  • वामनावतार में दैत्यराज बलि के गर्व हरण तथा तीनों लोकों को भगवान द्वारा तीन पगों में नापने का कथानक है।
  • परशुरामावतार में क्षत्रियों के गर्व हरण का कथानक है।
  • रामावतार में राक्षस राज रावण के अहंकार को नष्ट कर उसके वध का कथानक है।
  • कृष्णावतार में कंस वध और महाभारत युद्ध में कौरवों के विनाश का कथानक है।
  • बुद्धावतार में जीव हत्या में लिप्त संसार के दुखीजन को अहिंसा का महान संदेश देने का कथानक है।

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