"प्रयोग:कविता सा.-2": अवतरणों में अंतर
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कविता भाटिया (वार्ता | योगदान) ('{| class="bharattable-green" width="100%" |- | valign="top"| {| width="100%" | <quiz display=simple> {निम्नलिखित...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
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{निम्नलिखित में से कौन-सा जलरंग | {निम्नलिखित में से कौन-सा जलरंग, आर्द्र माध्यम नहीं है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-169,प्रश्न-21 | ||
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-टेम्परा | -टेम्परा | ||
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||पेस्टल रंग गोल या चौकोर बत्तियों के रूप में मिलते हैं। प्राय: धूमिल रंगतों की चित्र-भूमि पर पेस्टल रंगों से चित्रण किया जाता है। धूमिल रंगों का प्रयोग वायवीय परिप्रेक्ष्य को दिखाने के लिए किया जाता है। | ||पेस्टल रंग गोल या चौकोर बत्तियों के रूप में मिलते हैं। प्राय: धूमिल रंगतों की चित्र-भूमि पर पेस्टल रंगों से चित्रण किया जाता है। धूमिल रंगों का प्रयोग वायवीय परिप्रेक्ष्य को दिखाने के लिए किया जाता है। | ||
{'[[भारत]] शिल्प के षडंग' पुस्तक के लेखक हैं- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-178,प्रश्न-14 | {'[[भारत]] शिल्प के षडंग' पुस्तक के लेखक कौन हैं?- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-178,प्रश्न-14 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[जामिनी राय]] | -[[जामिनी राय]] | ||
- | -[[नन्दलाल बोस]] | ||
+ | +[[अवनीन्द्रनाथ ठाकुर|अवनीन्द्रनाथ टैगोर]] | ||
-[[गगनेन्द्रनाथ टैगोर]] | -[[गगनेन्द्रनाथ टैगोर]] | ||
||भारतीय [[चित्रकला]] के पुनर्जागरण काल के संस्थापक शिल्पाचार्य अबनीन्द्रनाथ टैगोर ने भारतीय चित्रकला के उत्थान में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। इन्होंने 'इंडियन सोसायटी ऑफ़ ओरियंटल आर्ट' में 'षडंग' या 'द सिक्स लिम्बस ऑफ़ पेंटिंग' शीर्षक से वर्ष 1921 में प्रकाशित कराया। इसमें उन्होंने यशोधर पंडित के चित्र-षडांग की पुनर्व्याख्या प्रस्तुत की। | ||भारतीय [[चित्रकला]] के पुनर्जागरण काल के संस्थापक शिल्पाचार्य अबनीन्द्रनाथ टैगोर ने भारतीय चित्रकला के उत्थान में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। इन्होंने 'इंडियन सोसायटी ऑफ़ ओरियंटल आर्ट' में 'षडंग' या 'द सिक्स लिम्बस ऑफ़ पेंटिंग' शीर्षक से वर्ष 1921 में प्रकाशित कराया। इसमें उन्होंने यशोधर पंडित के चित्र-षडांग की पुनर्व्याख्या प्रस्तुत की। | ||
{{Point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[अवनीन्द्रनाथ ठाकुर|अवनीन्द्रनाथ टैगोर]] | |||
{किस शहर को 'पीतल नगरी' कहते हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-185,प्रश्न-21 | {किस शहर को 'पीतल नगरी' कहते हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-185,प्रश्न-21 | ||
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-[[ | -[[फ़िरोज़ाबाद]] | ||
- | -[[फ़र्रुख़ाबाद]] | ||
-[[मुर्शिदाबाद]] | -[[मुर्शिदाबाद]] | ||
+[[मुरादाबाद]] | +[[मुरादाबाद]] | ||
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-[[चंडीगढ़]] | -[[चंडीगढ़]] | ||
+[[कन्याकुमारी]] | +[[कन्याकुमारी]] | ||
||विवेकानंद रॉक टेम्पल कन्याकुमारी में स्थित है। विवेकानंद रॉक मेमोरियल [[तमिलनाडु]] के [[कन्याकुमारी]] में [[समुद्र]] के अंदर एक टापू पर स्थित है। वर्ष [[1892]] में स्वामी विवेकानंद कन्याकुमारी आए और इसी शिकाला पर बैठकर उन्होंने ध्यान लगाया था। | ||विवेकानंद रॉक टेम्पल कन्याकुमारी में स्थित है। विवेकानंद रॉक मेमोरियल [[तमिलनाडु]] के [[कन्याकुमारी]] में [[समुद्र]] के अंदर एक टापू पर स्थित है। वर्ष [[1892]] में [[स्वामी विवेकानंद]] कन्याकुमारी आए और इसी शिकाला पर बैठकर उन्होंने ध्यान लगाया था। | ||
अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य | अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य | ||
.वर्ष 1970 में इसी विशाल शिला पर स्वामी जी की स्मृति में [[विवेकानंद रॉक मेमोरियल]] की स्थापना की गई। | .वर्ष 1970 में इसी विशाल शिला पर स्वामी जी की स्मृति में [[विवेकानंद रॉक मेमोरियल]] की स्थापना की गई। | ||
.विवेकानंद रॉक दो भागों में बंटा है। पहला भाग विवेकानंद ध्यान मंडपम और दूसरा भाग श्रीपद परा है। श्रीपद परा का अर्थ है जिसे देवी कन्याकुमारी का आशीर्वाद प्राप्त हो। | .विवेकानंद रॉक दो भागों में बंटा है। पहला भाग विवेकानंद ध्यान मंडपम और दूसरा भाग श्रीपद परा है। श्रीपद परा का अर्थ है जिसे देवी कन्याकुमारी का आशीर्वाद प्राप्त हो। {{Point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[विवेकानन्द रॉक मेमोरियल|विवेकानंद रॉक टेम्पल]] | ||
{भारतीय | {भारतीय फ़िल्म एंड टेलीविज़न संस्थान की संस्थापना कहां हुई है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-206,प्रश्न-160 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -[[बंगलुरू]] | ||
+[[पुणे]] | +[[पुणे]] | ||
-[[मुंबई]] | -[[मुंबई]] | ||
-[[दिल्ली]] | -[[दिल्ली]] | ||
||भारतीय फिल्म एंड टेलीविजन संस्थान (Film and Television Institute India-FTII) [[भारत]] के पुणे शहर में स्थित है। यह संस्थान [[भारत सरकार]] के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वशासी संस्था है। इसकी स्थापना वर्ष [[1960]] में [[पुणे]] के प्रभात स्टूडियो परिसर में भारतीय फिल्म संस्थान (Film Institute of India-FII) के रूप में की गई। वर्ष [[1971]] में इसका | ||भारतीय फिल्म एंड टेलीविजन संस्थान (Film and Television Institute India-FTII) [[भारत]] के पुणे शहर में स्थित है। यह संस्थान [[भारत सरकार]] के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वशासी संस्था है। इसकी स्थापना वर्ष [[1960]] में [[पुणे]] के [[प्रभात फ़िल्म कंपनी|प्रभात स्टूडियो]] परिसर में भारतीय फिल्म संस्थान (Film Institute of India-FII) के रूप में की गई। वर्ष [[1971]] में इसका पुन:नामकरण 'भारतीय फिल्म एंड टेलीविजन संस्थान' कर दिया गया। | ||
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11:58, 1 नवम्बर 2017 का अवतरण
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