"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर
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+[[वुड का घोषणा पत्र|सर चार्ल्स वुड का घोषणा पत्र]] | +[[वुड का घोषणा पत्र|सर चार्ल्स वुड का घोषणा पत्र]] | ||
-[[हंटर शिक्षा आयोग|हंटर कमीशन की रिपोर्ट]] | -[[हंटर शिक्षा आयोग|हंटर कमीशन की रिपोर्ट]] | ||
||वुड का घोषणा पत्र 'बोर्ड ऑफ़ कन्ट्रोल' के प्रधान सर चार्ल्स वुड द्वारा [[19 जुलाई]], 1854 को जारी किया गया था। इस घोषणा पत्र में भारतीय शिक्षा पर एक व्यापक योजना प्रस्तुत की गई थी, जिसे 'वुड का डिस्पैच' कहा गया। 100 अनुच्छेदों वाले इस प्रस्ताव में शिक्षा के उद्देश्य, माध्यम, सुधारों आदि पर विचार किया गया था। '[[वुड घोषणा पत्र]]' को शिक्षा का 'मैग्नाकार्टा' भी कहा जाता है। प्रस्ताव में पाश्चात्य शिक्षा के प्रसार को सरकार ने अपना उद्देश्य बनाया। उच्च शिक्षा को [[अंग्रेज़ी भाषा]] के माध्यम से दिये जाने पर बल दिया गया, परन्तु साथ ही देशी भाषा के विकास को भी महत्व दिया गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वुड का घोषणा पत्र]] | |||
{[[विजयनगर साम्राज्य]] में पुलिस का वेतन निम्नलिखित किस एक में से दिया जाता था? (पृ. सं. 19 | {[[विजयनगर साम्राज्य]] में पुलिस का वेतन निम्नलिखित किस एक में से दिया जाता था? (पृ. सं. 19 | ||
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-भू-राजस्व से | -भू-राजस्व से | ||
-मदिरा की दुकानों से होने वाली प्राप्ति से | -मदिरा की दुकानों से होने वाली प्राप्ति से | ||
||[[विजयनगर साम्राज्य]] में राज्य द्वारा वसूल किये जाने वाले विविध करों के नाम थे- 'कदमाई', 'मगमाइ', 'कनिक्कई', 'कत्तनम', 'कणम', 'वरम', 'भोगम', 'वारिपत्तम', 'इराई' और 'कत्तायम'। राज्य की सेना में पैदल, अश्वारोही, [[हाथी]] तथा ऊँट शामिल थे। सैन्य विभाग को 'कन्दाचार' कहा जाता था। इस विभाग का उच्च अधिकारी 'दण्डनायक' या 'सेनापति' होता था। प्रधान न्यायधीश प्राय: राजा ही होता था। भयंकर अपराध के लिए शरीर के अंग विच्छेदन का दंड दिया जाता था। प्रान्तों में प्रान्तपति तथा गाँवों में 'आयंगार' न्याय करता था। पुलिस विभाग का ख़र्च वेश्याओं पर लगाये गये कर से चलता था। न्याय व्यवस्था [[हिन्दू धर्म]] पर आधारित थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[विजयनगर साम्राज्य]] | |||
{मूर्ति पूजा का आरम्भ कब से माना जाता है? (पृ. सं. 17) | {मूर्ति पूजा का आरम्भ कब से माना जाता है? (पृ. सं. 17) |
08:27, 29 जनवरी 2013 का अवतरण
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