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'''टंडवा''' [[गोंडा ज़िला]], [[उत्तर प्रदेश]] का [[ऐतिहासिक स्थान]] है। यह स्थान सहेतमहेत ([[श्रावस्ती]]) से 8 मील {{मील|मील=8}} की दूरी पर पश्चिम की ओर स्थित है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=379|url=}}</ref>
'''टंडवा''' [[गोंडा ज़िला]], [[उत्तर प्रदेश]] का [[ऐतिहासिक स्थान]] है। यह स्थान सहेतमहेत ([[श्रावस्ती]]) से 8 मील {{मील|मील=8}} की दूरी पर पश्चिम की ओर स्थित है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=379|url=}}</ref>


*किंवदंती के अनुसार यह माना जाता है कि अंतिम बुद्ध कश्यप ने यहीं जन्म लिया था।
*किंवदंती के अनुसार यह माना जाता है कि अंतिम [[कश्यप बुद्ध]]  ने यहीं जन्म लिया था।
*टंडवा में एक प्राचीन [[स्तूप]] के चिन्ह भी दिखाई देते हैं।
*टंडवा में एक प्राचीन [[स्तूप]] के चिन्ह भी दिखाई देते हैं।
*यात्री [[फ़ाह्यान]] ने इसी स्थान पर एक बड़े स्तंभ का वर्णन किया है, संभवत: जिसके खंडहर भी यहाँ मिले हैं।
*यात्री [[फ़ाह्यान]] ने इसी स्थान पर एक बड़े स्तंभ का वर्णन किया है, संभवत: जिसके खंडहर भी यहाँ मिले हैं।

12:28, 13 सितम्बर 2012 का अवतरण

टंडवा गोंडा ज़िला, उत्तर प्रदेश का ऐतिहासिक स्थान है। यह स्थान सहेतमहेत (श्रावस्ती) से 8 मील (लगभग 12.8 कि.मी.) की दूरी पर पश्चिम की ओर स्थित है।[1]

  • किंवदंती के अनुसार यह माना जाता है कि अंतिम कश्यप बुद्ध ने यहीं जन्म लिया था।
  • टंडवा में एक प्राचीन स्तूप के चिन्ह भी दिखाई देते हैं।
  • यात्री फ़ाह्यान ने इसी स्थान पर एक बड़े स्तंभ का वर्णन किया है, संभवत: जिसके खंडहर भी यहाँ मिले हैं।
  • यहाँ एक ढूह[2] के उत्तर में एक मील लम्बा ताल है, जिसे 'सीता दोहर' कहते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 379 |
  2. मिट्टी का ढेर या छोटा टीला

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