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विजय तेंदुलकर (जन्म 1928 - मृत्यु 12 मई 2008) का नाम आधुनिक भारतीय नाटक और रंगमंच के विकास में अग्रणी है। विजय तेंदुलकर का जन्म सन् 1928 में हुआ था।
विजय तेंदुलकर (जन्म 1928 - मृत्यु 12 मई 2008) का नाम आधुनिक भारतीय नाटक और रंगमंच के विकास में अग्रणी है। विजय तेंदुलकर का जन्म सन् 1928 में हुआ था।
==मराठी पत्रिका और रंगमंच==
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[[मराठी भाषा|मराठी]] की पत्रकारिता से सक्रिय जीवन शुरू करने के बाद सातवें दशक के उत्तरार्ध में भारतीय रंगमंच पर एक धूमकेतु की भाँति उनका उदय हुआ। उनका नाटक '''शांतता कोर्ट चालू आहे''' अपनी क्रान्तिकारी वस्तु और संरचना के कारण इतना लोकप्रिय हुआ, कि देखते-देखते अनेक भाषाओं में<ref> [[हिन्दी]] में ‘खामोश, अदालत जारी है’</ref> उसके अनुवाद हुए और देश-विदेश में शताधिक उसकी प्रस्तुतियाँ हो चुकी हैं।
[[मराठी भाषा|मराठी]] की पत्रकारिता से सक्रिय जीवन शुरू करने के बाद सातवें दशक के उत्तरार्ध में भारतीय रंगमंच पर एक धूमकेतु की भाँति उनका उदय हुआ। उनका नाटक '''शांतता कोर्ट चालू आहे''' अपनी क्रान्तिकारी वस्तु और संरचना के कारण इतना लोकप्रिय हुआ, कि देखते-देखते अनेक भाषाओं में<ref> [[हिन्दी]] में ‘खामोश, अदालत जारी है’</ref> उसके अनुवाद हुए और देश-विदेश में शताधिक उसकी प्रस्तुतियाँ हो चुकी हैं।
==रचनाएँ==
==रचनाएँ==
तेंडुलकर के ‘गिधाड़े’, ‘कमला’, ‘कन्यादान’, आदि नाटक भी बहुचर्चित हुए।  
तेंडुलकर के ‘गिधाड़े’, ‘कमला’, ‘कन्यादान’, आदि नाटक भी बहुचर्चित हुए।  
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06:52, 12 मार्च 2012 का अवतरण

विजय तेंदुलकर

विजय तेंदुलकर (जन्म 1928 - मृत्यु 12 मई 2008) का नाम आधुनिक भारतीय नाटक और रंगमंच के विकास में अग्रणी है। विजय तेंदुलकर का जन्म सन् 1928 में हुआ था।

मराठी पत्रिका और रंगमंच

मराठी की पत्रकारिता से सक्रिय जीवन शुरू करने के बाद सातवें दशक के उत्तरार्ध में भारतीय रंगमंच पर एक धूमकेतु की भाँति उनका उदय हुआ। उनका नाटक शांतता कोर्ट चालू आहे अपनी क्रान्तिकारी वस्तु और संरचना के कारण इतना लोकप्रिय हुआ, कि देखते-देखते अनेक भाषाओं में[1] उसके अनुवाद हुए और देश-विदेश में शताधिक उसकी प्रस्तुतियाँ हो चुकी हैं।

रचनाएँ

तेंडुलकर के ‘गिधाड़े’, ‘कमला’, ‘कन्यादान’, आदि नाटक भी बहुचर्चित हुए।

समांतर सिनेमा

‘निशान्त’ आदि कई, ‘समांतर सिनेमा’ आन्दोलन से जुड़ी, फ़िल्मों की पटकथा उन्होंने लिखीं। महाराष्ट्र के सांस्कृतिक जीवन में उनका व्यक्तित्व अलग से पहचाना जाता है।

पुरस्कार

उन्हें संगीत नाटक अकादमी, कालिदास सम्मान तथा पद्मभूषण आदि कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।

निधन

19 मई, 2008 को परम्परावादी मराठी थियेटर के पुरोधा विजय तेंदुलकर का निधन हो गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी में ‘खामोश, अदालत जारी है’

बाहरी कड़ियाँ

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