जगदीशचन्द्र माथुर
जगदीशचन्द्र माथुर
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पूरा नाम | जगदीशचन्द्र माथुर |
जन्म | 16 जुलाई, 1917 |
जन्म भूमि | खुर्जा, बुलंदशहर ज़िला, उत्तर प्रदेश |
मृत्यु | 14 मई, 1978 |
कर्म-क्षेत्र | नाटककार एवं लेखक |
मुख्य रचनाएँ | 'कोणार्क', 'भोर का तारा', 'ओ मेरे सपने', 'पहला राजा', 'शारदीया' आदि। |
भाषा | हिन्दी |
विद्यालय | प्रयाग विश्वविद्यालय |
शिक्षा | एम.ए. |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | परिवर्तन और राष्ट्र निर्माण के ऐतिहासिक समय में जगदीशचंद्र माथुर, आईसीएस, ऑल इंडिया रेडियो के डायरेक्टर जनरल थे। उन्होंने ही 'एआईआर' का नामकरण आकाशवाणी किया था। |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
जगदीशचन्द्र माथुर (अंग्रेज़ी: Jagdish Chandra Mathur, जन्म: 16 जुलाई, 1917; मृत्यु: 14 मई, 1978) हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकारों में से एक थे, जिन्होंने आकाशवाणी में काम करते हुए हिन्दी की लोकप्रियता के विकास में महत्वपूर्ण योगदान किया। टेलीविज़न उन्हीं के जमाने में वर्ष 1949 में शुरू हुआ था। हिन्दी और भारतीय भाषाओं के तमाम बड़े लेखकों को वे ही रेडियो में लेकर आए थे। सुमित्रानंदन पंत से लेकर रामधारी सिंह 'दिनकर' और बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' जैसे दिग्गज साहित्यकारों के साथ उन्होंने हिंदी के माध्यम से सांस्कृतिक पुनर्जागरण का सूचना संचार तंत्र विकसित और स्थापित किया था।[1]
विषय सूची
जीवन परिचय
जगदीशचन्द्र माथुर का जन्म 16 जुलाई, 1917 ई. खुर्जा, बुलंदशहर ज़िला, उत्तर प्रदेश में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा खुर्जा में हुई। उच्च शिक्षा युइंग क्रिश्चियन कॉलेज, इलाहाबाद और प्रयाग विश्वविद्यालय में हुई। प्रयाग विश्वविद्यालय का शैक्षिक वातावरण औऱ प्रयाग के साहित्यिक संस्कार रचनाकार के व्यक्तित्व निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका हैं। 1939 ई. में प्रयाग विश्वविद्यालय से एम.ए. (अंग्रेज़ी) करने के बाद 1941 ई. में 'इंडियन सिविल सर्विस' में चुन लिए गए।[2]