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'''विलियम होजेज़''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''William Hodges'') एक ब्रिटिश कलाकार था जो कैप्टेन कुक के साथ उसकी [[प्रशांत महासागर]] की दूसरी समुद्र यात्रा (1772-75) के दौरान प्रशांत क्षेत्र में गया था और वहाँ से [[भारत]] आया था। | |||
*1781 में वह भागलपुर के कलेक्टर ऑगस्टस क्लीवलैंड का मित्र बन गया था। | *1781 में वह भागलपुर के कलेक्टर ऑगस्टस क्लीवलैंड का मित्र बन गया था। | ||
*क्लीवलैंड के निमंत्रण पर | *क्लीवलैंड के निमंत्रण पर होजेज़ 1782 में उसके साथ जंगल महालों के भ्रमण पर गया था। वहाँ होजेज़ ने कई [[एक्वाटिंट]] तैयार किए थे। | ||
*उस समय के अनेक चित्रकारों की तरह होजेज़ ने भी बड़े सुंदर-सुंदर रमणीय दृश्यों की खोज की थी। उस समय के चित्रोपम दृश्यों के खोजी कलाकार स्वच्छंदतावाद की विचारधारा से प्रेरित थे; इस विचारधारा के अंतर्गत प्रकृति की पूजा की जाती थी और उसके सौंदर्य एवं शक्ति की प्रशंसा की जाती थी। रूमानी कलाकार यह महसूस करते थे कि प्रकृति से संलाप संबंध बनाने के लिए यह आवश्यक है कि कलाकार प्रकृति के निकट संपर्क में आए, अपने ग्राम गीतों में प्रकृति का चित्रण करे, आधुनिक कृत्रिम सभ्यता से दूषित न हो, अज्ञात भूदृश्यों को खोजें और छाया एवं प्रकाश के अलौकिक आनन्द का लाभ उठाए। प्रकृति के इन्हीं रहस्यों की खोज में ही होजेज़ ने राजमहल की पहाडि़यों का भ्रमण किया था। उसे समतल-सपाट भूखंड नीरस लगे, जबकि विविधतापूर्ण, ऊँची-नीची, उबड़-खाबड़ ज़मीन में सुंदरता के दर्शन हुए। | *उस समय के अनेक चित्रकारों की तरह होजेज़ ने भी बड़े सुंदर-सुंदर रमणीय दृश्यों की खोज की थी। उस समय के चित्रोपम दृश्यों के खोजी कलाकार स्वच्छंदतावाद की विचारधारा से प्रेरित थे; इस विचारधारा के अंतर्गत प्रकृति की पूजा की जाती थी और उसके सौंदर्य एवं शक्ति की प्रशंसा की जाती थी। | ||
* रूमानी कलाकार यह महसूस करते थे कि प्रकृति से संलाप संबंध बनाने के लिए यह आवश्यक है कि कलाकार प्रकृति के निकट संपर्क में आए, अपने ग्राम गीतों में प्रकृति का चित्रण करे, आधुनिक कृत्रिम सभ्यता से दूषित न हो, अज्ञात भूदृश्यों को खोजें और छाया एवं प्रकाश के अलौकिक आनन्द का लाभ उठाए। | |||
* प्रकृति के इन्हीं रहस्यों की खोज में ही होजेज़ ने राजमहल की पहाडि़यों का भ्रमण किया था। उसे समतल-सपाट भूखंड नीरस लगे, जबकि विविधतापूर्ण, ऊँची-नीची, उबड़-खाबड़ ज़मीन में सुंदरता के दर्शन हुए। | |||
*औपनिवशिक अधिकारी जिन भूदृश्यों को भयंकर तथा उजाड़, उपद्रवी जंगली लोगों का निवास स्थल मानते थे, वे दृश्य होजेज़ की चित्रकारी में मनमोहक और रमणीय दिखाई देते हैं। | *औपनिवशिक अधिकारी जिन भूदृश्यों को भयंकर तथा उजाड़, उपद्रवी जंगली लोगों का निवास स्थल मानते थे, वे दृश्य होजेज़ की चित्रकारी में मनमोहक और रमणीय दिखाई देते हैं। | ||
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12:02, 3 अगस्त 2014 के समय का अवतरण
विलियम होजेज़ (अंग्रेज़ी: William Hodges) एक ब्रिटिश कलाकार था जो कैप्टेन कुक के साथ उसकी प्रशांत महासागर की दूसरी समुद्र यात्रा (1772-75) के दौरान प्रशांत क्षेत्र में गया था और वहाँ से भारत आया था।
- 1781 में वह भागलपुर के कलेक्टर ऑगस्टस क्लीवलैंड का मित्र बन गया था।
- क्लीवलैंड के निमंत्रण पर होजेज़ 1782 में उसके साथ जंगल महालों के भ्रमण पर गया था। वहाँ होजेज़ ने कई एक्वाटिंट तैयार किए थे।
- उस समय के अनेक चित्रकारों की तरह होजेज़ ने भी बड़े सुंदर-सुंदर रमणीय दृश्यों की खोज की थी। उस समय के चित्रोपम दृश्यों के खोजी कलाकार स्वच्छंदतावाद की विचारधारा से प्रेरित थे; इस विचारधारा के अंतर्गत प्रकृति की पूजा की जाती थी और उसके सौंदर्य एवं शक्ति की प्रशंसा की जाती थी।
- रूमानी कलाकार यह महसूस करते थे कि प्रकृति से संलाप संबंध बनाने के लिए यह आवश्यक है कि कलाकार प्रकृति के निकट संपर्क में आए, अपने ग्राम गीतों में प्रकृति का चित्रण करे, आधुनिक कृत्रिम सभ्यता से दूषित न हो, अज्ञात भूदृश्यों को खोजें और छाया एवं प्रकाश के अलौकिक आनन्द का लाभ उठाए।
- प्रकृति के इन्हीं रहस्यों की खोज में ही होजेज़ ने राजमहल की पहाडि़यों का भ्रमण किया था। उसे समतल-सपाट भूखंड नीरस लगे, जबकि विविधतापूर्ण, ऊँची-नीची, उबड़-खाबड़ ज़मीन में सुंदरता के दर्शन हुए।
- औपनिवशिक अधिकारी जिन भूदृश्यों को भयंकर तथा उजाड़, उपद्रवी जंगली लोगों का निवास स्थल मानते थे, वे दृश्य होजेज़ की चित्रकारी में मनमोहक और रमणीय दिखाई देते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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