"फ़र्रुख़ बेग़": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''फ़र्रुख़ बेग़''' असाधारण [[मुग़ल]] [[चित्रकार]], जिनकी प्रशंसा मुग़ल शहंशाह [[जहांगीर]] ने 'अपने समय के बेजोड़ चित्रकार' के रूप में की थी। मध्य एशिया के फ़र्रुख़ बेग़ ने पहले [[क़ाबुल]] में शहंशाह [[अकबर]] के सौतेले भाई मिर्ज़ा हकीम के अधीन काम किया। हकीम की मौत के बाद फ़र्रुख़ बेग़ अकबर की सेवा में आ गए (1585)। उनके प्रारंभिक चित्रों पर फ़ारसी शैली का गहरा असर रहा और वह हमेशा अपनी परंपरागत शैली में ही काम करते रहे। नए माहौल का उनकी शैली पर कोई ख़ास असर नहीं पड़ा। उनके बाद के चित्रों की अनेक विशेषताओं, बड़े-बड़े पेड़-पौधे, [[रंग]]-योजना और [[वस्त्र|वस्त्रों]] के निरूपण से ऐसा लगता है कि उन्होंने अपने जीवन के कुछ [[वर्ष]] दक्कन में भी बिताए होंगे।
'''फ़र्रुख़ बेग़''' असाधारण [[मुग़ल]] [[चित्रकार]], जिनकी प्रशंसा मुग़ल शहंशाह [[जहांगीर]] ने 'अपने समय के बेजोड़ चित्रकार' के रूप में की थी।  
* मध्य एशिया के फ़र्रुख़ बेग़ ने पहले [[क़ाबुल]] में शहंशाह [[अकबर]] के सौतेले भाई मिर्ज़ा हकीम के अधीन काम किया।
* हकीम की मौत के बाद फ़र्रुख़ बेग़ अकबर की सेवा में आ गए (1585)। उनके प्रारंभिक चित्रों पर फ़ारसी शैली का गहरा असर रहा और वह हमेशा अपनी परंपरागत शैली में ही काम करते रहे। नए माहौल का उनकी शैली पर कोई ख़ास असर नहीं पड़ा।  
* उनके बाद के चित्रों की अनेक विशेषताओं, बड़े-बड़े पेड़-पौधे, [[रंग]]-योजना और [[वस्त्र|वस्त्रों]] के निरूपण से ऐसा लगता है कि उन्होंने अपने जीवन के कुछ [[वर्ष]] दक्कन में भी बिताए होंगे।


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
पंक्ति 9: पंक्ति 12:
[[Category:चित्रकार]]
[[Category:चित्रकार]]
[[Category:मुग़ल साम्राज्य]]
[[Category:मुग़ल साम्राज्य]]
[[Category:मुग़ल चित्रकार]]
[[Category:मध्य काल]]
[[Category:मध्य काल]]
[[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:कला कोश]]
[[Category:कला कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

07:23, 6 मई 2020 के समय का अवतरण

फ़र्रुख़ बेग़ असाधारण मुग़ल चित्रकार, जिनकी प्रशंसा मुग़ल शहंशाह जहांगीर ने 'अपने समय के बेजोड़ चित्रकार' के रूप में की थी।

  • मध्य एशिया के फ़र्रुख़ बेग़ ने पहले क़ाबुल में शहंशाह अकबर के सौतेले भाई मिर्ज़ा हकीम के अधीन काम किया।
  • हकीम की मौत के बाद फ़र्रुख़ बेग़ अकबर की सेवा में आ गए (1585)। उनके प्रारंभिक चित्रों पर फ़ारसी शैली का गहरा असर रहा और वह हमेशा अपनी परंपरागत शैली में ही काम करते रहे। नए माहौल का उनकी शैली पर कोई ख़ास असर नहीं पड़ा।
  • उनके बाद के चित्रों की अनेक विशेषताओं, बड़े-बड़े पेड़-पौधे, रंग-योजना और वस्त्रों के निरूपण से ऐसा लगता है कि उन्होंने अपने जीवन के कुछ वर्ष दक्कन में भी बिताए होंगे।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख