"मसुलीपट्टम": अवतरणों में अंतर
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'''मसुलीपट्टम''' [[आंध्र प्रदेश]] में में स्थित एक ऐतिहासिक नगर है। इसका वर्तमान नाम [[मछलीपटनम]] है। | |||
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*यह [[गोलकुण्डा]] का सबसे अच्छा बन्दरगाह माना जाता था। | *यह [[गोलकुण्डा]] का सबसे अच्छा बन्दरगाह माना जाता था। | ||
*[[ईस्ट इण्डिया कम्पनी]] ने 1632 ई. में व्यापार के लिए गोलकुण्डा राज्य से फ़रमान प्राप्त किया। | *[[ईस्ट इण्डिया कम्पनी]] ने 1632 ई. में व्यापार के लिए गोलकुण्डा राज्य से फ़रमान प्राप्त किया। | ||
*1686 ई. में इस पर डचों ने अधिकार कर लिया, किंतु 1690 ई. में [[मद्रास]] सरकार ने [[मुग़ल]] बादशाह से मसुलीपट्टम में पुनः फैक्ट्री खोलने की अनुमति प्राप्त कर ली। | *1686 ई. में इस पर डचों ने अधिकार कर लिया, किंतु 1690 ई. में [[मद्रास]] सरकार ने [[मुग़ल]] बादशाह से मसुलीपट्टम में पुनः फैक्ट्री खोलने की अनुमति प्राप्त कर ली। | ||
*1750 ई. में फ्रांसीसियों ने इस पर अधिकार कर लिया, किंतु 1759 ई. में पुनः यह [[अंग्रेज|अंग्रेजों]] के अधिकार में आ गया। | *1750 ई. में फ्रांसीसियों ने इस पर अधिकार कर लिया, किंतु 1759 ई. में पुनः यह [[अंग्रेज|अंग्रेजों]] के अधिकार में आ गया। | ||
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10:17, 27 मार्च 2012 के समय का अवतरण
मसुलीपट्टम आंध्र प्रदेश में में स्थित एक ऐतिहासिक नगर है। इसका वर्तमान नाम मछलीपटनम है।
- मसुलीपट्टम का उत्कर्ष 17 वीं शताब्दी में हुआ था।
- यह गोलकुण्डा का सबसे अच्छा बन्दरगाह माना जाता था।
- ईस्ट इण्डिया कम्पनी ने 1632 ई. में व्यापार के लिए गोलकुण्डा राज्य से फ़रमान प्राप्त किया।
- 1686 ई. में इस पर डचों ने अधिकार कर लिया, किंतु 1690 ई. में मद्रास सरकार ने मुग़ल बादशाह से मसुलीपट्टम में पुनः फैक्ट्री खोलने की अनुमति प्राप्त कर ली।
- 1750 ई. में फ्रांसीसियों ने इस पर अधिकार कर लिया, किंतु 1759 ई. में पुनः यह अंग्रेजों के अधिकार में आ गया।
- मध्य काल में यहाँ की छींट बहुत प्रसिद्ध थी। यहाँ से मुख्यतः सूती वस्त्र, ग़लीचे एवं धागा निर्यात किया जाता था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
भारतीय ऐतिहासिक स्थल कोश, पेज न. (276)