सिकंदराबाद (हैदराबाद)

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Disamb2.jpg सिकंदराबाद एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- सिकंदराबाद

सिकंदराबाद को हैदराबाद का जुड़वां शहर के रूप में जाना जाता है। इसकी स्थापना 1806 ई. में की गई थी और आज़ादी तक यह मुख्य रूप से ब्रिटिश सैनिकों की छावनी था। भले ही सिकंदराबाद हैदराबाद का जुड़वां शहर हो, पर दोनों शहरों की संस्कृति और ऐतिहासिक पहचान काफ़ी भिन्न है।[1]

  • सिकंदराबाद का नाम सिकंदर जाह के नाम पर पड़ा है। उनका संबंध 'आसफ़जाही वंश' से था और वह हैदराबाद के तीसरे निज़ाम थे।
  • 19वीं शताब्दी के दौरान आसफ़जाहियों ने पुराने शहर के उत्तर में मूसा नदी के पार विस्तार करके शक्ति एकत्रित करना आरंभ कर दिया था। उत्तर की ओर सिकंदराबाद एक ब्रिटिश छावनी के रूप में विकसित हुआ, जो 'हुसैन सागर झील' पर बने एक मील लंबे तटबंध द्वारा हैदराबाद से जुड़ा था।
  • हैदराबाद जहां नवाबों का शहर था, वहीं सिकंदराबाद अंग्रेज़ों का शहर था।
  • सिकंदराबाद आज भी हैदराबाद की छावनी ही है और बड़ी संख्या में जल सेना, थल सेनावायु सेना से जुड़े लोगों का संबंध यहां से है।
  • हालांकि अब सिकंदराबाद एक अलग नगरपालिका नहीं रह गया है और इसे हैदराबाद का ही हिस्सा माना जाता है। यह दोनों शहर आपस में मिलकर भारत के छठे सबसे बड़े कॉस्मोपॉलिटन सिटी का निर्माण करते हैं।
  • सिकंदराबाद में बड़े परेड मैदानों में खेल व मनोरंजन की सुविधाएँ उपलब्ध हैं। यहाँ का 'पैराडाइज' बिरयानी और कबाब के लिए प्रसिद्ध है।
  • सिकंदराबाद में कई ऐसी दुकानें हैं, जहाँ रोजाना हज़ारों कप चाय बेची जाती है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सिकंदराबाद, हैदराबाद (हिन्दी) नेटिव प्लेनेट। अभिगमन तिथि: 07 जुलाई, 2014।

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