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*खरताल एक [[घन वाद्य]] है।  
*खरताल एक [[घन वाद्य]] है।  
*खरताल [[लोहा|लोहे]] के दो खण्ड होते हैं, प्रत्येक एक वित्ता दीर्घ, एक आँगुल परिमाण में स्थूल, चौकोन गड़न है, जो केवल दोनों किनारों पर क्रमश: पतले होते हैं।  
*खरताल [[लोहा|लोहे]] के दो खण्ड होते हैं, प्रत्येक एक वित्ता दीर्घ, एक आँगुल परिमाण में स्थूल, चौकोन गड़न है, जो केवल दोनों किनारों पर क्रमश: पतले होते हैं।  

09:51, 16 जून 2011 के समय का अवतरण

खरताल
Khartal
  • खरताल एक घन वाद्य है।
  • खरताल लोहे के दो खण्ड होते हैं, प्रत्येक एक वित्ता दीर्घ, एक आँगुल परिमाण में स्थूल, चौकोन गड़न है, जो केवल दोनों किनारों पर क्रमश: पतले होते हैं।
  • इस प्रकार के दो लौहखण्ड दायीं मुठ्ठी में रखकर परस्पर आघात से बजाये जाते हैं।
  • यह प्रधानत: 'कंसर्ट' वाद्य में व्यवहृत है।
  • भजन गीत के समय इसका एकाकी वादन भी होता है।
  • कोई युगल रूप में दोनों हाथों से भी खरताल बजाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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