"गोपाल तृतीय": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('*'''गोपाल तृतीय''' बंगाल के पाल वंश का परवर्ती राजा था। *...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
*'''गोपाल तृतीय''' बंगाल के पाल वंश का परवर्ती राजा था।
*'''गोपाल तृतीय''' [[बंगाल]] के [[पाल वंश]] का परवर्ती राजा था।
 
*यह अपने [[पिता]] 'कुमारपाल' के बाद [[पाल साम्राज्य]] की राजगद्दी पर आसीन हुआ।
*यह अपने पिता कुमारपाल के बाद पाल साम्राज्य की राजगद्दी पर आसीन हुआ।
*यह राजा [[रामपाल]] का प्रपौत्र था।
 
*गोपाल तृतीय के [[चाचा]] 'मदनपाल' ने 1145 ई. में इसे गद्दी से उतार दिया।
*यह राजा रामपाल का प्रपौत्र था।
 
*गोपाल तृतीय के चाचा मदनपाल ने 1145 ई. में इसे गद्दी से उतार दिया।
 
*गोपाल तृतीय के बारे में भी अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।
*गोपाल तृतीय के बारे में भी अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।


पंक्ति 17: पंक्ति 13:
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{पाल वंश}}
{{भारत के राजवंश}}
[[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:पाल साम्राज्य]]
[[Category:पाल साम्राज्य]]
__INDEX__
__INDEX__

11:37, 27 जून 2011 के समय का अवतरण

  • गोपाल तृतीय बंगाल के पाल वंश का परवर्ती राजा था।
  • यह अपने पिता 'कुमारपाल' के बाद पाल साम्राज्य की राजगद्दी पर आसीन हुआ।
  • यह राजा रामपाल का प्रपौत्र था।
  • गोपाल तृतीय के चाचा 'मदनपाल' ने 1145 ई. में इसे गद्दी से उतार दिया।
  • गोपाल तृतीय के बारे में भी अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

भट्टाचार्य, सच्चिदानन्द भारतीय इतिहास कोश, द्वितीय संस्करण-1989 (हिन्दी), भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, 134।


संबंधित लेख