वित्त मंत्रालय

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वित्त मंत्रालय
भारत का कुलचिह्न
विवरण वित्त मंत्रालय भारत सरकार के वित्तीय प्रशासन के लिए जिम्मेदार है। देश को प्रभावित करने वाले सभी आर्थिक और वित्तीय मामलों से यह संबद्ध है।
न्याय सीमा भारत सरकार
मुख्यालय सचिवालय भवन, रायसीना हिल, नई दिल्ली
वर्तमान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण
संबंधित लेख रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय
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वित्त मंत्रालय (अंग्रेज़ी: Ministry of Finance) भारत सरकार का एक महत्त्वपूर्ण मंत्रालय है। यह कराधान, वित्तीय क़ानून, वित्तीय संस्थानों, पूंजी बाज़ार, केंद्र तथा राज्यों के वित्त और केंद्रीय बजट से जुड़े मामले देखता है। यह मंत्रालय सरकार के वित्तीय प्रशासन के लिए जिम्मेदार है। देश को प्रभावित करने वाले सभी आर्थिक और वित्तीय मामलों से यह संबद्ध है।

कार्य

वित्त मंत्रालय के सबसे महत्त्वपूर्ण कार्यों में नियामक और बजट निर्माण हैं। मंत्रालय की कुछ प्रमुख जिम्मेदारियों में नियम बनाना, भुगतान करना, उपलब्धियाँ और सरकारी कर्मचारियों की अन्य सेवा शर्तों का विनियमन शामिल है। यह स्थानीय निधि लेखा परीक्षा, राष्ट्रीय बचत, लॉटरी, बीमा और कोषागार निदेशालय पर प्रशासनिक नियंत्रण रखता है।

मंत्रालय विभिन्न राज्यों के लिए संसाधनों के स्थानांतरण सहित सरकार के व्यय को नियंत्रित करता है। यह भारत के सभी वित्तीय लेन-देन की निगरानी के लिए नोडल केंद्र है। इसके अलावा इसका सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य बजट तैयार करना, वर्ष के दौरान प्राप्तियों और व्यय पर नजर रखना है। विभाग का एक अन्य महत्त्वपूर्ण कार्य धन के पुन: विनियोग की निगरानी करना भी है। वित्तीय मामलों से संबंधित नियमों की तैयारी और विभागों द्वारा माँग से संबंधित व्याख्या एक और महत्त्वपूर्ण कार्य है।

विभाग

वित्त मंत्रालय के निम्नलिखित चार विभाग हैं-

  1. आर्थिक मामले
  2. व्यय
  3. राजस्व
  4. विनिवेश

आर्थिक सर्वेक्षण

भारत का वित्त मंत्रालय, केंद्रीय बजट से पहले हर साल संसद में आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत करते हैं। यह मुख्य आर्थिक सलाहकार, वित्त मंत्रालय के मार्गदर्शन में तैयार किया जाता है। यह देश के वार्षिक आर्थिक विकास पर मंत्रालय का अवलोकन होता है। वित्त मंत्रालय, भारत सरकार, आर्थिक सर्वेक्षण का एक प्रमुख वार्षिक दस्तावेज पिछले 12 महीनों में भारतीय अर्थव्यवस्था में विकास की समीक्षा करता है, प्रमुख विकास कार्यक्रमों पर प्रदर्शन का सारांश देता है और लघु से मध्यम अवधि में अर्थव्यवस्था पर सरकार की नीतिगत पहलों और संभावनाओं पर प्रकाश डालता है। यह दस्तावेज बजट सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में प्रस्तुत किया जाता है। 2014-2015 के आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया था कि भारत 750 अरब डॉलर से एक ट्रिलियन डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार को लक्षित कर सकता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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