राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना

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राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 1 जून, 2016 को जारी की थी। भारत में पहली बार इस तरह की राष्‍ट्रीय योजना तैयार की गई है।

मुख्य विशेषताएं

  • एनडीएमपी आपदा जोखिम घटाने के लिये प्रमुखतः सेंडाई फ्रेमवर्क में तय किये गए लक्ष्‍यों और प्राथमिकताओं के साथ तालमेल करता है।
  • योजना का विज़न भारत को आपदा मुक्‍त बनाना, आपदा जोखिमों में पर्याप्‍त रूप से कमी लाना, जन-धन, आजीविका और संपदाओं (आर्थिक, शारीरिक, सामाजिक, सांस्‍कृतिक और पर्यावरणीय) के नुकसान को कम करना है। इसके लिये प्रशासन के सभी स्तरों और साथ ही समुदायों की आपदाओं से निपटने की क्षमता को बढ़ाया गया है।
  • प्रत्‍येक खतरे के लिये, सेंडाई फ्रेमवर्क में घोषित चार प्राथमिकताओं को आपदा जोखिम में कमी करने के फ्रेमवर्क में शामिल किया गया है। इसके लिये पाँच कार्यक्षेत्र निम्‍न हैं-
  1. जोखिम को समझना
  2. एजेंसियों के बीच सहयोग
  3. आपदा जोखिम न्यूनीकरण में सहयोग-संरचनात्‍मक उपाय
  4. डीआरआर में सहयोग-गैर-संरचनात्‍मक उपाय
  5. क्षमता विकास
  • योजना के कार्यकारी हिस्‍से की पहचान 18 बड़े कार्यों के रूप में की गई है, जिनमें निम्‍नलिखित शामिल हैं-
  1. पूर्व चेतावनी, मानचित्र, उपग्रह इनपुट, सूचना प्रसार
  2. पशुओं और लोगों को हटाना
  3. पशुओं और लोगों को ढूंढना और बचाना
  4. स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएँ
  5. पेयजल/निर्जलीकरण पंप/स्वच्छता सुविधाएँ/सार्वजनिक स्वास्थ्य
  6. खाद्य और आवश्यक आपूर्ति
  7. संचार आवास और झोपड़ियाँ
  8. बिजली
  9. ईंधन
  10. परिवहन
  11. राहत रसद और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन
  12. पशु के शवों का निपटान
  13. प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं के लिये चारा
  14. पुनर्वास एवं पशुधन और अन्य जानवरों के लिये पशु चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करना
  15. डेटा संग्रह और प्रबंधन
  16. राहत रोज़गार
  17. संपर्क
  • योजना में आपदा जोखिम की बेहतर शासन प्रणाली के लिये एक अध्याय भी शामिल किया गया है। केंद्र और राज्‍यों की संबंधित भूमिकाओं वाली विशेष एजेंसियों की सामान्यीकृत ज़िम्मेदारियाँ इस खंड में दी गई हैं। छह क्षेत्रों में केंद्र और राज्य सरकारें आपदा जोखिम शासन प्रणाली को मजबूत करने के लिये कार्रवाई करेंगी-
  1. मुख्यधारा और एकीकृत डीआरआर और संस्थागत सुदृढ़ीकरण
  2. विकास क्षमता भागीदारीपूर्ण नज़रिये को बढ़ावा देना
  3. चुने हुए प्रतिनिधियों के साथ काम करना
  4. शिकायत निवारण प्रणाली
  5. आपदा जोखिम प्रबंधन के लिये गुणवत्ता वाले मानकों, प्रमाणीकरण आदि को बढ़ावा देना

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना आपदा प्रबंधन चक्र के सभी चरणों के लिये सरकारी एजेंसियों को रूपरेखा और दिशा प्रदान करता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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