कल्याण पत्रिका
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कल्याण पत्रिका का प्रकाशन अगस्त, 1926 से मुंबई में शुरू हुआ था। एक वर्ष के बाद यह पत्रिका गोरखपुर से निकलने लगी। इसके संपादक श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार थे।
- हिंदी पत्रों में कल्याण की ग्राहक संख्या सबसे अधिक है। इसके प्रमुख लेखक हैं- सुदर्शन सिंह चक्र, जयदयाल गोयंदका, साधु-संत तथा संस्कृत के मर्मज्ञ। इसके अतिरिक्त कभी-कभी विदेशियों के लेखों के अनुवाद भी प्रकाशित होते हैं। यह विद्वान निश्चय ही भारतीय धर्म के पोषक होते हैं।[1]
- इस पत्रिका के विषय भजन, योग, धर्म तथा अध्यात्म है। इसके प्रतिवर्ष निकलने वाले विशेषांक महत्व रखते हैं।
- इसके अब तक के प्रकाशित विशेषांकों में से कुछ विशेषांकों के नाम निम्नलिखित हैं-
- भगवन्नामांक
- भक्तांक
- गीतांक
- रामायणांक
- कृष्णांक
- ईश्वरांक
- शिवांक
- शक्ति अंक
- योगांक
- संतांक
- मानसांक
- गीता तत्वांक
- साधनांक
- श्रीभगवतांक
- गौ अंक
- नारी अंक
- उपनिषदांक
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिन्दी साहित्य कोश, भाग 2 |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |संपादन: डॉ. धीरेंद्र वर्मा |पृष्ठ संख्या: 74 |
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