साहिब सिंह (महाराजा)

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महाराजा साहिब सिंह (अंग्रेज़ी: Maharaja Sahib Singh, जन्म- 18 अगस्त, 1773; मृत्यु- 26 मार्च, 1813)[1] पटियाला रियासत के महाराजा थे, जो महाराजा अमर सिंह के पुत्र और रियासत के अगले उत्तराधिकारी थे।

  • राजा अमर सिंह की मृत्यु के बाद उनके पुत्र साहिब सिंह पटियाला रियासत की गद्दी पर बैठे। इस समय उनकी उम्र 6 वर्ष की थी।
  • साहिब सिंह के गद्दीनशीन होने पर शाहआलम ने उनको 'महाराजा' का खिताब बख्शा।
  • दीवान नन्नूमल ने साहिब सिंह के यहां कुछ दिनों तक बढ़ी चतुराई से राज्य कार्य किया।
  • महाराजा साहिब सिंह का जनता पर बड़ा प्रभाव था, किन्तु जब इन्होंने राज्य के कुछ अन्दरूनी झगड़ों को दबाने के लिये मराठों की मदद माँगी, तब ये अपने पद से हटा दिये गये और बाल महाराजा की बहिन बीबी साहिब कौर दीवान का काम करने लगीं। राजपूती जोश और धैर्य दोनों ही बीबी साहिब कौर में विद्यमान थे।[2]
  • जिस समय 1794 में मराठों ने पटियाला राज्य पर चढ़ाई की तो बीबी साहिब कौर स्वतः सेना सहित युद्ध क्षेत्र में पहुँची थीं और अपनी वीरता का परिचय दिया था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पटियाला के महाराजा साहिब सिंह (हिंदी) jatchiefs.com। अभिगमन तिथि: 28 मार्च, 2024।
  2. पटियाला रियासत का इतिहास (हिंदी) alvitrips.com। अभिगमन तिथि: 28 मार्च, 2024।

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