एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "२"।

"मार्टीमेर डुरंड" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (श्रेणी:नया पन्ना (को हटा दिया गया हैं।))
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
*सर हेनरी मार्टीमेर डुरंड ने 1873 ई. में 23 वर्ष की आयु में इंडियन सिविल सर्विस में प्रवेश किया।  
+
*'''सर हेनरी मार्टीमेर डुरंड''' ने 1873 ई. में 23 वर्ष की आयु में इंडियन सिविल सर्विस में प्रवेश किया।  
 
*सर हेनरी मार्टीमेर डुरंड के पिता सर हेनरी मेरियन डुरंड था, जो [[अखण्डित बंगाल|बंगाल]] इंजीनियर्स का अफ़सर होकर [[भारत]] आया और 1870 ई. में [[पंजाब]] का गवर्नर हो गया। लेकिन 1871 ई. में एक दुर्घटना में उसकी मृत्यु हो गई।  
 
*सर हेनरी मार्टीमेर डुरंड के पिता सर हेनरी मेरियन डुरंड था, जो [[अखण्डित बंगाल|बंगाल]] इंजीनियर्स का अफ़सर होकर [[भारत]] आया और 1870 ई. में [[पंजाब]] का गवर्नर हो गया। लेकिन 1871 ई. में एक दुर्घटना में उसकी मृत्यु हो गई।  
 
*हेनरी मार्टीमेर डुरंड 1879 ई. में [[काबुल]] अभियान के दौरान सर फ़्रेडरिक राबर्टस का राजनीतिक सचिव था।  
 
*हेनरी मार्टीमेर डुरंड 1879 ई. में [[काबुल]] अभियान के दौरान सर फ़्रेडरिक राबर्टस का राजनीतिक सचिव था।  
 
*1884 ई. में वह भारत सरकार का विदेश सचिव हो गया और इस पद पर 1894 ई. तक रहा।  
 
*1884 ई. में वह भारत सरकार का विदेश सचिव हो गया और इस पद पर 1894 ई. तक रहा।  
 
*1893 ई. में एक ब्रिटिश प्रतिनिधि दल के साथ [[अफ़ग़ानिस्तान]] के अमीर अब्दुर्रहमान के पास जाकर सर हेनरी मार्टीमेर डुरंड ने बड़ी चतुराई के साथ अमीर को एक सीमा आयोग की स्थापना के लिए राजी कर लिया। सर हेनरी मार्टीमेर डुरंड ही इस आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस आयोग ने प्रसिद्ध डुरंड रेखा को निर्धारित की जो भारत और अफ़ग़ानिस्तान के बीच स्थायी सीमा बनी।  
 
*1893 ई. में एक ब्रिटिश प्रतिनिधि दल के साथ [[अफ़ग़ानिस्तान]] के अमीर अब्दुर्रहमान के पास जाकर सर हेनरी मार्टीमेर डुरंड ने बड़ी चतुराई के साथ अमीर को एक सीमा आयोग की स्थापना के लिए राजी कर लिया। सर हेनरी मार्टीमेर डुरंड ही इस आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस आयोग ने प्रसिद्ध डुरंड रेखा को निर्धारित की जो भारत और अफ़ग़ानिस्तान के बीच स्थायी सीमा बनी।  
*[[पाकिस्तान]] आज भी डुरंड रेखा को पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच की सीमा रेखा बनाये रखने पर बल देता है।
+
*[[पाकिस्तान]] आज भी डुरंड रेखा को पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच की सीमा रेखा बनाये रखने पर बल देता है।<ref>पुस्तक 'भारतीय इतिहास कोश' पृष्ठ संख्या-183</ref>
 
{{प्रचार}}
 
{{प्रचार}}
 
{{लेख प्रगति
 
{{लेख प्रगति
पंक्ति 15: पंक्ति 15:
 
{{संदर्भ ग्रंथ}}
 
{{संदर्भ ग्रंथ}}
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
पुस्तक 'भारतीय इतिहास कोश' पृष्ठ संख्या-183
+
<references/>
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
{{औपनिवेशिक काल}}
 
{{औपनिवेशिक काल}}

06:53, 7 अप्रैल 2011 का अवतरण

  • सर हेनरी मार्टीमेर डुरंड ने 1873 ई. में 23 वर्ष की आयु में इंडियन सिविल सर्विस में प्रवेश किया।
  • सर हेनरी मार्टीमेर डुरंड के पिता सर हेनरी मेरियन डुरंड था, जो बंगाल इंजीनियर्स का अफ़सर होकर भारत आया और 1870 ई. में पंजाब का गवर्नर हो गया। लेकिन 1871 ई. में एक दुर्घटना में उसकी मृत्यु हो गई।
  • हेनरी मार्टीमेर डुरंड 1879 ई. में काबुल अभियान के दौरान सर फ़्रेडरिक राबर्टस का राजनीतिक सचिव था।
  • 1884 ई. में वह भारत सरकार का विदेश सचिव हो गया और इस पद पर 1894 ई. तक रहा।
  • 1893 ई. में एक ब्रिटिश प्रतिनिधि दल के साथ अफ़ग़ानिस्तान के अमीर अब्दुर्रहमान के पास जाकर सर हेनरी मार्टीमेर डुरंड ने बड़ी चतुराई के साथ अमीर को एक सीमा आयोग की स्थापना के लिए राजी कर लिया। सर हेनरी मार्टीमेर डुरंड ही इस आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस आयोग ने प्रसिद्ध डुरंड रेखा को निर्धारित की जो भारत और अफ़ग़ानिस्तान के बीच स्थायी सीमा बनी।
  • पाकिस्तान आज भी डुरंड रेखा को पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच की सीमा रेखा बनाये रखने पर बल देता है।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पुस्तक 'भारतीय इतिहास कोश' पृष्ठ संख्या-183

संबंधित लेख