"चन्देश्वर प्रसाद नारायण सिंह" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
('चित्र:Chandeshwar-Prasad-Narayan-Singh.jpg|thumb|200px|चन्देश्वर प्रसाद नारायण...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
 
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[चित्र:Chandeshwar-Prasad-Narayan-Singh.jpg|thumb|200px|चन्देश्वर प्रसाद नारायण सिंह]]
+
{{सूचना बक्सा राजनीतिज्ञ
'''चन्देश्वर प्रसाद नारायण सिंह''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Chandeshwar Prasad Narayan Singh'' जन्म- [[18 अप्रैल]] [[1901]], पारसगढ़, [[बिहार]]; मृत्यु- [[1993]]) भारत के एक अच्छे राजनीतिज्ञ थे। [[1927]] में उन्हें [[बिहार]] की [[विधान परिषद]] का सदस्य नियुक्त किया गया। इन्हें [[1977]] में [[पद्म विभूषण]] से सम्मानित किया गया।<ref>{{cite web |url=http://upgovernor.gov.in/hindi_version/singhbio_H.htm |title=श्री सी.पी.एन. सिंह |accessmonthday= 07 अक्टूबर|accessyear= 2016|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=upgovernor.gov.in |language=हिंदी }}</ref>
+
|चित्र=Chandeshwar-Prasad-Narayan-Singh.jpg
===शिक्षा===
+
|चित्र का नाम=चन्देश्वर प्रसाद नारायण सिंह
'चन्देश्वर प्रसाद नारायण सिंह' ने अपनी उच्च शिक्षा [[कलकत्ता विश्वविद्यालय]] में ग्रहण की। यहाँ से इन्होंने प्रथम श्रेणी में M.A. की डिग्री प्राप्त की।
+
|पूरा नाम=चन्देश्वर प्रसाद नारायण सिंह
 +
|अन्य नाम=श्री सी.पी.एन. सिंह
 +
|जन्म=[[18 अप्रैल]] [[1901]]
 +
|जन्म भूमि= पारसगढ़, [[बिहार]]
 +
|मृत्यु=[[1993]]
 +
|मृत्यु स्थान=
 +
|मृत्यु कारण=
 +
|अभिभावक=
 +
|पति/पत्नी=
 +
|संतान=
 +
|स्मारक=
 +
|क़ब्र=
 +
|नागरिकता=भारतीय
 +
|प्रसिद्धि=
 +
|पार्टी=[[कांग्रेस]]
 +
|पद=[[राज्यपाल]] ([[उत्तर प्रदेश]], अविभाजित [[पंजाब]])
 +
|भाषा=
 +
|जेल यात्रा=
 +
|कार्य काल=[[28 फ़रवरी]], [[1980]] से [[31 मार्च]] [[1985]] तक
 +
|विद्यालय= [[कलकत्ता विश्वविद्यालय]]
 +
|शिक्षा=एम. ए
 +
|पुरस्कार-उपाधि= [[पद्म विभूषण]]
 +
|विशेष योगदान=
 +
|संबंधित लेख=
 +
|शीर्षक 1=
 +
|पाठ 1=
 +
|शीर्षक 2=
 +
|पाठ 2=
 +
|अन्य जानकारी=[[1953]] में चन्देश्वर प्रसाद नारायण सिंह को अविभाजित पंजाब का [[राज्यपाल]] नियुक्त किया गया। उन्हीं के कार्यकाल में [[चंडीगढ़]] तथा [[भाखड़ा नांगल परियोजना|भाखड़ा नांगल बांध]] का निर्माण हुआ।
 +
|बाहरी कड़ियाँ=
 +
|अद्यतन={{अद्यतन|17:14, 19 अक्टूबर 2016 (IST)}}
 +
}}
 +
'''चन्देश्वर प्रसाद नारायण सिंह''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Chandeshwar Prasad Narayan Singh'' जन्म- [[18 अप्रैल]] [[1901]], पारसगढ़, [[बिहार]]; मृत्यु- [[1993]]) [[भारत]] के एक अच्छे राजनीतिज्ञ थे। [[1927]] में उन्हें [[बिहार]] की [[विधान परिषद]] का सदस्य नियुक्त किया गया। इन्हें [[1977]] में [[पद्म विभूषण]] से सम्मानित किया गया।<ref>{{cite web |url=http://upgovernor.gov.in/hindi_version/singhbio_H.htm |title=श्री सी.पी.एन. सिंह |accessmonthday= 07 अक्टूबर|accessyear= 2016|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=upgovernor.gov.in |language=हिंदी }}</ref>
 +
===परिचय एवं शिक्षा===
 +
'चन्देश्वर प्रसाद नारायण सिंह' का जन्म [[18 अप्रैल]] [[1901]], पारसगढ़, [[बिहार]] में हुआ। इन्होंने अपनी उच्च शिक्षा [[कलकत्ता विश्वविद्यालय]] में ग्रहण की। यहाँ से इन्होंने प्रथम श्रेणी में M.A. की डिग्री प्राप्त की।
 
===कॅरियर===
 
===कॅरियर===
[[1927]] में उन्हें [[बिहार]] की [[विधान परिषद]] का सदस्य नियुक्त किया गया। मुजफ्फर नगर ज़िला परिषद के अध्यक्ष की हैसियत से उन्होंने [[1934]] के [[भूकम्प]] के दौरान पीडि़तों की राहत के लिए जो कार्य किया उसे राष्ट्रीय स्तर पर सभी ने सराहा। [[1945]] में वे संयुक्त पटना विश्वविद्यालय के कुलपति नियुक्त हुए। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद [[भारत]] के [[प्रधानमंत्री]] [[जवाहर लाल नेहरू|पं. जवाहर लाल नेहरू]] ने उन्हें [[नेपाल]] में [[भारत]] का राजदूत बनने का आमंत्रण दिया। [[1950]] मे जब ये भारत के राजदूत थे, उसी समय नेपाल के राजा ने भारतीय दूतावास में शरण ली थी। [[1953]] में उन्हें अविभाजित पंजाब का राज्यपाल नियुक्त किया गया। उन्हीं के कार्यकाल में [[चंडीगढ़]] तथा [[भाखड़ा नांगल परियोजना|भाखड़ा नांगल बांध]] का निर्माण हुआ। [[1958]] में उन्हें [[जापान]] में भारत का राजदूत नियुक्त किया गया। जापान में अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें डाक्ट्रेट की उपाधि से एक विश्वविद्यालय द्वारा सम्मानित किया गया। तत्पश्चात उन्हें [[भारतीय रिजर्व बैंक]] का निदेशक बनाया गया। वे आई.डी.बी.आई. के निदेशक तथा अन्य कई कम्पनियों के अध्यक्ष भी रहे। [[1977]] में उन्हें '[[पद्म विभूषण]]' से सम्मानित किया गया। [[28 फ़रवरी]], [[1980]] को वे [[उत्तर प्रदेश के राज्यपाल]] नियुक्त हुए।  [[राज्यपाल]] के रूप में उनका कार्यकाल [[28 फ़रवरी]], [[1980]]-[[31 मार्च]] [[1985]] रहा।
+
[[1927]] में उन्हें [[बिहार]] की [[विधान परिषद]] का सदस्य नियुक्त किया गया। मुजफ्फर नगर ज़िला परिषद के अध्यक्ष की हैसियत से उन्होंने [[1934]] के [[भूकम्प]] के दौरान पीडि़तों की राहत के लिए जो कार्य किया उसे राष्ट्रीय स्तर पर सभी ने सराहा। [[1945]] में वे संयुक्त पटना विश्वविद्यालय के कुलपति नियुक्त हुए। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद [[भारत]] के [[प्रधानमंत्री]] [[जवाहर लाल नेहरू|पं. जवाहर लाल नेहरू]] ने उन्हें [[नेपाल]] में [[भारत]] का राजदूत बनने का आमंत्रण दिया। [[1950]] मे जब ये भारत के राजदूत थे, उसी समय नेपाल के राजा ने भारतीय दूतावास में शरण ली थी। [[1953]] में उन्हें अविभाजित पंजाब का राज्यपाल नियुक्त किया गया। उन्हीं के कार्यकाल में [[चंडीगढ़]] तथा [[भाखड़ा नांगल परियोजना|भाखड़ा नांगल बांध]] का निर्माण हुआ।
  
  
 +
[[1958]] में उन्हें [[जापान]] में भारत का राजदूत नियुक्त किया गया। जापान में अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें 'डाक्ट्रेट' की उपाधि से एक विश्वविद्यालय द्वारा सम्मानित किया गया। तत्पश्चात् उन्हें [[भारतीय रिजर्व बैंक]] का निदेशक बनाया गया। वे आई.डी.बी.आई. के निदेशक तथा अन्य कई कम्पनियों के अध्यक्ष भी रहे। [[1977]] में उन्हें '[[पद्म विभूषण]]' से सम्मानित किया गया। [[28 फ़रवरी]], [[1980]] को वे [[उत्तर प्रदेश के राज्यपाल]] नियुक्त हुए।  [[राज्यपाल]] के रूप में उनका कार्यकाल [[28 फ़रवरी]], [[1980]]-[[31 मार्च]] [[1985]] रहा।
  
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
+
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
{{उत्तर प्रदेश के राज्यपाल}}
 
{{उत्तर प्रदेश के राज्यपाल}}
[[Category:उत्तर प्रदेश के राज्यपाल]][[Category:राज्यपाल]][[Category:बिहार के राज्यपाल]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:चरित कोश]][[Category:इतिहास कोश]][[Category:पद्म विभूषण]]
+
[[Category:उत्तर प्रदेश के राज्यपाल]][[Category:राज्यपाल]][[Category:पंजाब के राज्यपाल]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:चरित कोश]][[Category:इतिहास कोश]][[Category:पद्म विभूषण]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

07:23, 18 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण

चन्देश्वर प्रसाद नारायण सिंह
चन्देश्वर प्रसाद नारायण सिंह
पूरा नाम चन्देश्वर प्रसाद नारायण सिंह
अन्य नाम श्री सी.पी.एन. सिंह
जन्म 18 अप्रैल 1901
जन्म भूमि पारसगढ़, बिहार
मृत्यु 1993
नागरिकता भारतीय
पार्टी कांग्रेस
पद राज्यपाल (उत्तर प्रदेश, अविभाजित पंजाब)
कार्य काल 28 फ़रवरी, 1980 से 31 मार्च 1985 तक
शिक्षा एम. ए
विद्यालय कलकत्ता विश्वविद्यालय
पुरस्कार-उपाधि पद्म विभूषण
अन्य जानकारी 1953 में चन्देश्वर प्रसाद नारायण सिंह को अविभाजित पंजाब का राज्यपाल नियुक्त किया गया। उन्हीं के कार्यकाल में चंडीगढ़ तथा भाखड़ा नांगल बांध का निर्माण हुआ।
अद्यतन‎

चन्देश्वर प्रसाद नारायण सिंह (अंग्रेज़ी: Chandeshwar Prasad Narayan Singh जन्म- 18 अप्रैल 1901, पारसगढ़, बिहार; मृत्यु- 1993) भारत के एक अच्छे राजनीतिज्ञ थे। 1927 में उन्हें बिहार की विधान परिषद का सदस्य नियुक्त किया गया। इन्हें 1977 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।[1]

परिचय एवं शिक्षा

'चन्देश्वर प्रसाद नारायण सिंह' का जन्म 18 अप्रैल 1901, पारसगढ़, बिहार में हुआ। इन्होंने अपनी उच्च शिक्षा कलकत्ता विश्वविद्यालय में ग्रहण की। यहाँ से इन्होंने प्रथम श्रेणी में M.A. की डिग्री प्राप्त की।

कॅरियर

1927 में उन्हें बिहार की विधान परिषद का सदस्य नियुक्त किया गया। मुजफ्फर नगर ज़िला परिषद के अध्यक्ष की हैसियत से उन्होंने 1934 के भूकम्प के दौरान पीडि़तों की राहत के लिए जो कार्य किया उसे राष्ट्रीय स्तर पर सभी ने सराहा। 1945 में वे संयुक्त पटना विश्वविद्यालय के कुलपति नियुक्त हुए। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत के प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने उन्हें नेपाल में भारत का राजदूत बनने का आमंत्रण दिया। 1950 मे जब ये भारत के राजदूत थे, उसी समय नेपाल के राजा ने भारतीय दूतावास में शरण ली थी। 1953 में उन्हें अविभाजित पंजाब का राज्यपाल नियुक्त किया गया। उन्हीं के कार्यकाल में चंडीगढ़ तथा भाखड़ा नांगल बांध का निर्माण हुआ।


1958 में उन्हें जापान में भारत का राजदूत नियुक्त किया गया। जापान में अपने कार्यकाल के दौरान उन्हें 'डाक्ट्रेट' की उपाधि से एक विश्वविद्यालय द्वारा सम्मानित किया गया। तत्पश्चात् उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक का निदेशक बनाया गया। वे आई.डी.बी.आई. के निदेशक तथा अन्य कई कम्पनियों के अध्यक्ष भी रहे। 1977 में उन्हें 'पद्म विभूषण' से सम्मानित किया गया। 28 फ़रवरी, 1980 को वे उत्तर प्रदेश के राज्यपाल नियुक्त हुए। राज्यपाल के रूप में उनका कार्यकाल 28 फ़रवरी, 1980-31 मार्च 1985 रहा।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. श्री सी.पी.एन. सिंह (हिंदी) upgovernor.gov.in। अभिगमन तिथि: 07 अक्टूबर, 2016।

संबंधित लेख